जम्मू-कश्मीर में शहीद जवान का अंतिम संस्कार आज:आगर मालवा लाया गया पार्थिव शरीर; रास्ते में फूल बरसाकर लोगों ने दी श्रद्धांजलि

आगर जिले के सैन्य जवान बद्रीलाल यादव (32) जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सड़क हादसे में शहीद हो गए। उनका एक साथी जवान घायल हुआ है। मंगलवार को उनका शव इंदौर एयरपोर्ट लाया गया। यहां से सड़क मार्ग से शव को पैतृक गांव नरवल लाया जा रहा है। पूरे रास्ते शहीद को लोगों ने फूल बरसाकर श्रद्धांजलि दी। गांव लाए जाने के बाद पहले अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। इसके बाद गांव में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद की श्रद्धांजलि देने राज्य मंत्री गौतम टेटवाल भी आगर पहुंचे हैं। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए जगह-जगह पुष्प वर्षा के लिए मंच बनाए गए हैं। शहीद के चाचा और रिटायर्ड फौजी निर्भय सिंह यादव ने दैनिक भास्कर को बताया कि ‘बद्रीलाल 63वीं राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिकल इंजीनियर (EME) विभाग में नायक पद पर थे। सोमवार रात को पेट्रोलिंग करने के दौरान यूनिट की एक गाड़ी खराब हो गई। बद्रीलाल और जयप्रकाश खराब गाड़ी को टोचन की मदद से यूनिट ला रहे थे। तभी हादसा हो गया, जिसमें बद्रीलाल शहीद हो गए, जबकि जयप्रकाश घायल हैं।’ शाम 7.30 बजे पत्नी से बात की, रात 8.40 बजे शहीद परिवार ने बताया कि सोमवार शाम 7.30 बजे बद्रीलाल की पत्नी निशा से मोबाइल पर बात हुई थी। गाड़ी खराब होने की जानकारी देते हुए उसने कहा था कि एक घंटे में यहां से यूनिट पहुंच जाऊंगा, फिर कॉल करता हूं..। फोन कट करने के करीब एक घंटे बाद ही रात 8.40 बजे हादसा हो गया। पहली और आखिरी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में ही रही 2012 में बतौर इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियर सेना में चयन के बाद बद्रीलाल की ट्रेनिंग भोपाल में हुई। उसके बाद वे जम्मू, पंजाब, साउथ सूडान, असम, सिकंदराबाद के बाद अभी जम्मू कश्मीर के राजौरी में पदस्थ थे। पिता किसान थे, भाई केबल फैक्ट्री में इंजीनियर बद्रीलाल का जन्म 2 मार्च 1992 को हुआ था। पिता हीरालाल खेती करते थे, जिनका निधन हो चुका है। परिवार में मां रूखमा बाई, पत्नी निशा, दो बेटे राजवीर और पीयूष हैं। बद्रीलाल का बड़ा भाई गोपाल पीथमपुर में केबल फैक्टरी में इंजीनियर है। दो बहनें भगवती और मीरा हैं। पिता के निधन और दोनों बेटों के गांव से बाहर चले जाने से खेती चाचा का परिवार संभाल रहा था। सीने की चौड़ाई कम पड़ी तो महू जाकर टिप्स लिए चाचा निर्भय सिंह ने बताया कि मैंने सेना 1987 में जॉइन की थी। परिवार का पहला शख्स था जिसने आर्मी जॉइन की। मुझसे बातचीत होने से भतीजे बद्रीलाल को लगा था कि सेना में जाना चाहिए। वह तैयारी करने लगा, लेकिन उसके सीने की चौड़ाई कम थी। 2010 में यह जानकारी लगी, तो मैंने उसे महू बुलवाया। अपने साथ छह महीने रखा, टिप्स दिलवाए। उसने फिर तैयारी की और 2012 में बद्रीलाल की भर्ती हो गई। 3 दिसंबर को वापस लौटने वाले थे जवान बद्रीलाल परिवार ने बताया बद्रीलाल आखिरी बार गांव में अगस्त में एक महीने की छुट्‌टी पर आए थे। 1 सितंबर को ड्यूटी पर लौट गए थे। वे कहकर गए थे कि सालभर में मिलने वाली तीन महीने की छुट्‌टी में से एक महीने की अभी बची हुई है। इसलिए वे 3 दिसंबर को फिर छुट्‌टी पर गांव आने वाले थे। सीएम ने कहा- मालवा के लाल को सादर नमन सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी हादसे पर दु:ख जताया है। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा- मालवा के लाल को सादर नमन... जम्मू-कश्मीर के राजौरी में कल ड्यूटी के दौरान बस दुर्घटना में असमय काल कवलित हुए मध्यप्रदेश के आगर-मालवा जिले के लाल '63 राष्ट्रीय राइफल' में नायक के पद पर पदस्थ श्री बद्री लाल यादव जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। दु:ख की इस घड़ी में पूरा मध्यप्रदेश जवान के परिवार के साथ खड़ा है। बाबा महाकाल से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान प्रदान करें एवं शोकाकुल परिवारजनों को अपार दु:ख सहने की क्षमता दें। इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- पत्नी से बात की, घंटेभर बाद आई मौत की खबर आगर जिले के सैन्य जवान बद्रीलाल यादव (32) जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सड़क हादसे में शहीद हो गए। उनका एक साथी जवान घायल हुआ है। हादसा सोमवार रात 8.40 बजे हुआ। जवान बद्रीलाल सेना की खराब गाड़ी को टोचन कर यूनिट लौट रहे थे, इस दौरान उनकी गाड़ी अचानक फिसलकर खाई में जा गिरी। पढ़ें पूरी खबर...

Nov 6, 2024 - 13:00
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जम्मू-कश्मीर में शहीद जवान का अंतिम संस्कार आज:आगर मालवा लाया गया पार्थिव शरीर; रास्ते में फूल बरसाकर लोगों ने दी श्रद्धांजलि
आगर जिले के सैन्य जवान बद्रीलाल यादव (32) जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सड़क हादसे में शहीद हो गए। उनका एक साथी जवान घायल हुआ है। मंगलवार को उनका शव इंदौर एयरपोर्ट लाया गया। यहां से सड़क मार्ग से शव को पैतृक गांव नरवल लाया जा रहा है। पूरे रास्ते शहीद को लोगों ने फूल बरसाकर श्रद्धांजलि दी। गांव लाए जाने के बाद पहले अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। इसके बाद गांव में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद की श्रद्धांजलि देने राज्य मंत्री गौतम टेटवाल भी आगर पहुंचे हैं। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए जगह-जगह पुष्प वर्षा के लिए मंच बनाए गए हैं। शहीद के चाचा और रिटायर्ड फौजी निर्भय सिंह यादव ने दैनिक भास्कर को बताया कि ‘बद्रीलाल 63वीं राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिकल इंजीनियर (EME) विभाग में नायक पद पर थे। सोमवार रात को पेट्रोलिंग करने के दौरान यूनिट की एक गाड़ी खराब हो गई। बद्रीलाल और जयप्रकाश खराब गाड़ी को टोचन की मदद से यूनिट ला रहे थे। तभी हादसा हो गया, जिसमें बद्रीलाल शहीद हो गए, जबकि जयप्रकाश घायल हैं।’ शाम 7.30 बजे पत्नी से बात की, रात 8.40 बजे शहीद परिवार ने बताया कि सोमवार शाम 7.30 बजे बद्रीलाल की पत्नी निशा से मोबाइल पर बात हुई थी। गाड़ी खराब होने की जानकारी देते हुए उसने कहा था कि एक घंटे में यहां से यूनिट पहुंच जाऊंगा, फिर कॉल करता हूं..। फोन कट करने के करीब एक घंटे बाद ही रात 8.40 बजे हादसा हो गया। पहली और आखिरी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में ही रही 2012 में बतौर इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियर सेना में चयन के बाद बद्रीलाल की ट्रेनिंग भोपाल में हुई। उसके बाद वे जम्मू, पंजाब, साउथ सूडान, असम, सिकंदराबाद के बाद अभी जम्मू कश्मीर के राजौरी में पदस्थ थे। पिता किसान थे, भाई केबल फैक्ट्री में इंजीनियर बद्रीलाल का जन्म 2 मार्च 1992 को हुआ था। पिता हीरालाल खेती करते थे, जिनका निधन हो चुका है। परिवार में मां रूखमा बाई, पत्नी निशा, दो बेटे राजवीर और पीयूष हैं। बद्रीलाल का बड़ा भाई गोपाल पीथमपुर में केबल फैक्टरी में इंजीनियर है। दो बहनें भगवती और मीरा हैं। पिता के निधन और दोनों बेटों के गांव से बाहर चले जाने से खेती चाचा का परिवार संभाल रहा था। सीने की चौड़ाई कम पड़ी तो महू जाकर टिप्स लिए चाचा निर्भय सिंह ने बताया कि मैंने सेना 1987 में जॉइन की थी। परिवार का पहला शख्स था जिसने आर्मी जॉइन की। मुझसे बातचीत होने से भतीजे बद्रीलाल को लगा था कि सेना में जाना चाहिए। वह तैयारी करने लगा, लेकिन उसके सीने की चौड़ाई कम थी। 2010 में यह जानकारी लगी, तो मैंने उसे महू बुलवाया। अपने साथ छह महीने रखा, टिप्स दिलवाए। उसने फिर तैयारी की और 2012 में बद्रीलाल की भर्ती हो गई। 3 दिसंबर को वापस लौटने वाले थे जवान बद्रीलाल परिवार ने बताया बद्रीलाल आखिरी बार गांव में अगस्त में एक महीने की छुट्‌टी पर आए थे। 1 सितंबर को ड्यूटी पर लौट गए थे। वे कहकर गए थे कि सालभर में मिलने वाली तीन महीने की छुट्‌टी में से एक महीने की अभी बची हुई है। इसलिए वे 3 दिसंबर को फिर छुट्‌टी पर गांव आने वाले थे। सीएम ने कहा- मालवा के लाल को सादर नमन सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी हादसे पर दु:ख जताया है। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा- मालवा के लाल को सादर नमन... जम्मू-कश्मीर के राजौरी में कल ड्यूटी के दौरान बस दुर्घटना में असमय काल कवलित हुए मध्यप्रदेश के आगर-मालवा जिले के लाल '63 राष्ट्रीय राइफल' में नायक के पद पर पदस्थ श्री बद्री लाल यादव जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। दु:ख की इस घड़ी में पूरा मध्यप्रदेश जवान के परिवार के साथ खड़ा है। बाबा महाकाल से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान प्रदान करें एवं शोकाकुल परिवारजनों को अपार दु:ख सहने की क्षमता दें। इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- पत्नी से बात की, घंटेभर बाद आई मौत की खबर आगर जिले के सैन्य जवान बद्रीलाल यादव (32) जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सड़क हादसे में शहीद हो गए। उनका एक साथी जवान घायल हुआ है। हादसा सोमवार रात 8.40 बजे हुआ। जवान बद्रीलाल सेना की खराब गाड़ी को टोचन कर यूनिट लौट रहे थे, इस दौरान उनकी गाड़ी अचानक फिसलकर खाई में जा गिरी। पढ़ें पूरी खबर...

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