जहरखुरानी का शिकार अधेड़ को मिलाया उसके परिवार से:कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर लड्‌डू में मिलाकर जहरीला पद्रार्थ खिलाया, तरनजीत सिंह ने खोजा परिवार

कानपुर में जहरखुरानी का शिकार हुआ पंजाब के पीड़ित व्यक्ति को उसके परिवार से मिलाया गया। पीड़ित अंबाला से बोरेबली अपने दोस्त की शादी में शामिल होने के लिए जा रहा था। कानपुर सेंट्रल स्टेशन में उतरते ही उसको जहरखुरानी का शिकार बना लिया गया। बेहोशी की हालत में पुलिस ने उर्सला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। यहां पर शहर के समाजसेवी सरदार तरनजीत सिंह ने उसके परिवार की तलाश की और उसकी पत्नी को इसकी जानकारी दी। करीब 4 दिन पर परिवार को लोग कानपुर पहुंचे और पीड़ित को अस्पताल से छुट्‌टी मिलने के बाद उसे वापस अपने घर ले गए। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसके चलते उनको घर तक पहुंचाने का खर्च भी उन्होंने खुद उठाया। जानिए क्या हुआ था सेंट्रल स्टेशन पर अंबाला निवासी रणजीत सिंह (45) 30 अक्टूबर को अंबाला से बोरेबली ट्रेन से जा रहे थे। रणजीत संगीत के शिक्षक है और गुरुद्वारे में कीर्तन करते है। रणजीत के मुताबिक वह कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर उतरे तो उन्हें एक युवक ने लड्‌डू खिलाया। इसके बाद वह बेहोश हो गए। उनकी जेब में रखें पैंसे भी वो युवक ले गया। इसके बाद जीआरपी पुलिस में तैनात प्र‌वीण नाम के एक जवान ने उसे उर्सला अस्पताल की इमरजेंसी भी भर्ती करा दिया। यहां पर लावारिस लोगों को खाना खिलाने के लिए आने वाले तरनजीत सिंह ने उसकी सुध ली। घर वालों को खोजना शुरू किया पीड़ित रणजीत सिंह बेहोशी की हालत में था वह कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं था। इसके बाद तरनजीत सिंह ने अस्पताल से पहला उसका पूरा पता निकलवाया। इसके बाद वहां के लोगों से संपर्क करना शुरू किया। इस बीच जब रणजीत को थोड़ा होश आया तो उसने अपने घर का मोबाइल नंबर बताया। तरनजीत सिंह ने घर वालों से संपर्क किया और उनके परिवार को पूरी जानकारी दी। रणजीत के घर में पत्नी रेखा देवी, 12 साल का बेटा और एक विकलांग भाई नरेंद्र सिंह है। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी न ही वहां से कोई आने की स्थिति में था। अपने पैसे से भेजा अंबाला तरनजीत सिंह ने रेखा देवी को अपने देवर के साथ आने को कहा। किसी तरह से पत्नी और भाई कानपुर पहुंचे और इसके बाद तरनजीत सिंह ने लिखा पढ़ी करा कर पीड़ित को उनके परिवार के साथ अपने खर्च से वापस उन्हें अंबाला भेजा। जहरखुरानी पर लिख चुके है पत्र करीब सवा साल पहले तरनजीत सिंह ने कानपुर के मंडलायुक्त अमित गुप्ता को पत्र लिखकर जहरखुरानियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद अभियान चला और जहरखुरानी का एक गिरोह पकड़ा गया था। बताते चले कि तरनजीत सिंह ने पंजाब के लावारिस जो अपने घर से भटके हुए थे ऐसे 4 लोगों को अभी तक उनके परिवार से मिलवा चुके है। इसके अलावा यूपी व अन्य जिलों के भी लोगों को अपने परिवार से मिलाने का काम किया है।

Nov 20, 2024 - 06:10
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जहरखुरानी का शिकार अधेड़ को मिलाया उसके परिवार से:कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर लड्‌डू में मिलाकर जहरीला पद्रार्थ खिलाया, तरनजीत सिंह ने खोजा परिवार
कानपुर में जहरखुरानी का शिकार हुआ पंजाब के पीड़ित व्यक्ति को उसके परिवार से मिलाया गया। पीड़ित अंबाला से बोरेबली अपने दोस्त की शादी में शामिल होने के लिए जा रहा था। कानपुर सेंट्रल स्टेशन में उतरते ही उसको जहरखुरानी का शिकार बना लिया गया। बेहोशी की हालत में पुलिस ने उर्सला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। यहां पर शहर के समाजसेवी सरदार तरनजीत सिंह ने उसके परिवार की तलाश की और उसकी पत्नी को इसकी जानकारी दी। करीब 4 दिन पर परिवार को लोग कानपुर पहुंचे और पीड़ित को अस्पताल से छुट्‌टी मिलने के बाद उसे वापस अपने घर ले गए। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसके चलते उनको घर तक पहुंचाने का खर्च भी उन्होंने खुद उठाया। जानिए क्या हुआ था सेंट्रल स्टेशन पर अंबाला निवासी रणजीत सिंह (45) 30 अक्टूबर को अंबाला से बोरेबली ट्रेन से जा रहे थे। रणजीत संगीत के शिक्षक है और गुरुद्वारे में कीर्तन करते है। रणजीत के मुताबिक वह कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर उतरे तो उन्हें एक युवक ने लड्‌डू खिलाया। इसके बाद वह बेहोश हो गए। उनकी जेब में रखें पैंसे भी वो युवक ले गया। इसके बाद जीआरपी पुलिस में तैनात प्र‌वीण नाम के एक जवान ने उसे उर्सला अस्पताल की इमरजेंसी भी भर्ती करा दिया। यहां पर लावारिस लोगों को खाना खिलाने के लिए आने वाले तरनजीत सिंह ने उसकी सुध ली। घर वालों को खोजना शुरू किया पीड़ित रणजीत सिंह बेहोशी की हालत में था वह कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं था। इसके बाद तरनजीत सिंह ने अस्पताल से पहला उसका पूरा पता निकलवाया। इसके बाद वहां के लोगों से संपर्क करना शुरू किया। इस बीच जब रणजीत को थोड़ा होश आया तो उसने अपने घर का मोबाइल नंबर बताया। तरनजीत सिंह ने घर वालों से संपर्क किया और उनके परिवार को पूरी जानकारी दी। रणजीत के घर में पत्नी रेखा देवी, 12 साल का बेटा और एक विकलांग भाई नरेंद्र सिंह है। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी न ही वहां से कोई आने की स्थिति में था। अपने पैसे से भेजा अंबाला तरनजीत सिंह ने रेखा देवी को अपने देवर के साथ आने को कहा। किसी तरह से पत्नी और भाई कानपुर पहुंचे और इसके बाद तरनजीत सिंह ने लिखा पढ़ी करा कर पीड़ित को उनके परिवार के साथ अपने खर्च से वापस उन्हें अंबाला भेजा। जहरखुरानी पर लिख चुके है पत्र करीब सवा साल पहले तरनजीत सिंह ने कानपुर के मंडलायुक्त अमित गुप्ता को पत्र लिखकर जहरखुरानियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद अभियान चला और जहरखुरानी का एक गिरोह पकड़ा गया था। बताते चले कि तरनजीत सिंह ने पंजाब के लावारिस जो अपने घर से भटके हुए थे ऐसे 4 लोगों को अभी तक उनके परिवार से मिलवा चुके है। इसके अलावा यूपी व अन्य जिलों के भी लोगों को अपने परिवार से मिलाने का काम किया है।

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