जायसवाल समाज ने कुल देवता सहस्रबाहु अर्जुन को किया नमन:मुख्य अतिथि बोले- पूर्वजों की कृपा, कुल देवता की अनुकंपा से सब प्राप्त किया जा सकता है
अपने संस्कार और संस्कृति को दर किनार कर कोई भी समाज विकास के पथ पर अग्रसर नहीं हो सकता। पूर्वजों की कृपा और कुल देवता की अनुकंपा से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है। ये बातें मिर्जापुर नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष मनोज जायसवाल कही। वह रविवार को नगर की भैसहिया टोला स्थित जायसवाल समाज के समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम में समाज को कुल देवता हयवंशी सहस्रबाहु अर्जुन को नमन किया। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विकास का मतलब संस्कारों की तिलांजलि देना नहीं संस्था के अध्यक्ष डा. जेके जायसवाल ने कहा- सनातन संस्कृति हमें जड़ से जुड़ कर जीना सिखाती है। प्रकृति का भी नियम है कि पेड़ हरा भरा तब तक ही रह सकता है, जब तक वह जड़ से जुड़ा है। उसमें फूल और फल आयेगा। इसके विपरीत उसे जड़ से अलग कर दिया जाए तो उसे समाप्त होने में कुछ ही समय लगेगा। विकास का मतलब अपने संस्कारों की तिलांजलि देना नहीं होता। राजकुमार जायसवाल ने कहा- समाज के हर वर्ग की कुशलता और सर्वागीण विकास के लिए सहभागिता जरूरी है। समाज के गरीब परिवारों के उत्थान के लिए संपन्न लोगों की सहायता से विकास पर जोर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि राजकुमार जायसवाल एवं नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में भजन, कीर्तन व झॉकी की भव्य प्रस्तुति की गई। कलाकारों ने उम्दा प्रस्तुति कर वाहवाही लूटी। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री अलंकार जायसवाल और धर्मदीप जायसवाल ने किया। ये लोग रहे मौजूद कार्यक्रम में कृष्णानन्द जायसवाल, नीलकण्ठ जायसवाल, महेश जायसवाल, विनोद जायसवाल, शिवशंकर जायसवाल, बबलू जायसवाल, साधना जायसवाल, डा. बबलू जायसवाल, डा. मंजूलता जायसवाल, सीमा जायसवाल, नीता जायसवाल, महेन्द्र जायसवाल, रमेश जायसवाल, आलोक जायसवाल, केदार जायसवाल, रविन्द्र जायसवाल, मनमोहन एवं एडवोकेट चन्द्र प्रकाश गुप्ता उपस्थित रहे।
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