दरोगाओं की वसूली मामले में CO की जांच शुरू:मेरठ में 2 दरोगा को ग्रामीणों ने बना लिया था बंधक, पटाखे के नाम पर करने गए थे वसूली
मेरठ में पटाखे बेचे जाने की बात कहकर दुकानदार से वसूली करने गए दरोगाओं के मामले में सीओ सदर देहात नवीना शुक्ला ने जांच शुरू कर दी है। दोनों दरोगाओं को गांव वालों ने बंधक बना लिया था। तीन थानों की पुलिस ने गांव पहुंचकर दोनों को छुड़ाया था। दरोगा सत्येंद्र और शिवम परीक्षितगढ़ थाने में तैनात हैं। दोनों शनिवार रात गोविंदपुरी गांव पहुंचे। दुकानदार सीताराम पर अवैध पटाखा बेचने का आरोप लगाया। इस बात को लेकर दोनों की कहासुनी हो गई। तभी घर की एक बुजुर्ग महिला आ गई। दरोगा ने महिला को थप्पड़ जड़ दिया। दरोगा को गांव वालों ने एक कमरे में बंद कर लिया विरोध करने पर गांव के युवक हरेंद्र को भी पीट दिया। मारपीट हंगामे की सूचना पर गांव के 20-25 लोग जुट गए। दोनों दरोगा को बंधक बना लिया। फिर कंट्रोल रूप में सूचना दी। जानकारी मिलते ही परीक्षितगढ़, किठौर और मवाना थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। इतनी फोर्स को देखकर गांव वालों ने हंगामा कर दिया। इसके बाद दोनों दरोगा पर पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब ग्रामीण शांत हुए। फिर पुलिस दोनों दरोगा को अपने साथ ले गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि दोनों दरोगा नशे में थे। SSP ने CO को जांच सौंपी SSP डॉ. विपिन ताडा ने पूरे मामले की जांच CO सदर देहात को दी थी। सीओ ने रविवार को जांच शुरू कर दी है। गांव वालों के भी बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
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