दिल्ली एम्स के निदेशक पहुंचे IMS-BHU:अस्पताल का किया भ्रमण, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को देंगे रिपोर्ट

आईएमएस बीएचयू में एम्स जैसी सुविधाओं के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एमओयू के बाद नई दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास बुधवार को वाराणसी पहुंचे वह दो दिनों तक बीएचयू में ही रहेंगे। यहां सुविधाओं की हकीकत जानने के लिए अस्पताल का भ्रमण कर रहे हैं। उन्होंने सबसे पहले ट्रामा सेंटर का निरीक्षण किया। अस्पताल की मौजूदा स्थिति को समझने के साथ ही रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को देंगे। दो साल तक एम्स की तरह होगा कामकाज आईएमएस बीएचयू में एम्स जैसी सुविधा पर एमओयू के बाद यहां होने वाले बदलावों का ब्लू प्रिंट तैयार हो गया है। इसमें शैक्षणिक कार्यों के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अलग-अलग कमेटियां बनाई गई हैं। साथ ही हर कमेटी के पास जो भी आवेदन आता है, उसके निस्तारण के लिए समय भी तय कर दिया गया है। आवेदन करने वालों को निस्तारण होने के बाद मोबाइल पर मेसेज भी जाएगा। एमओयू के बाद जिस तरह की रणनीति बनाई जा रही है, उसके हिसाब से अगले दो साल तक एम्स की तर्ज पर ही कामकाज होगा। हर कमेटी की तीन-तीन सब कमेटियां बनीं एम्स की तर्ज पर कामकाज,मरीजों के इलाज, जांच, विभागों में शोध, कक्षाएं चलाए जाने,अन्य शैक्षणिक सुविधाएं आदि सुचारू रूप से कराया जा सके, इसके लिए शैक्षणिक, प्रशासनिक कामकाज, वित्तीय कामकाज, स्वास्थ्य सुविधा, छात्र, शिक्षक, कर्मचारियों की सुविधाओं सहित अन्य व्यवस्थाओं की अलग-अलग कमेटियां बनाई जा रही हैं। हर कमेटी के पास तीन-तीन सब कमेटियां हैं। इस तरह की नई पहल से जहां आवेदनों का समय से निस्तारण होगा, वहीं किसी तरह की गड़बड़ी भी नहीं होने पाएगी।

Nov 27, 2024 - 14:35
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दिल्ली एम्स के निदेशक पहुंचे IMS-BHU:अस्पताल का किया भ्रमण, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को देंगे रिपोर्ट
आईएमएस बीएचयू में एम्स जैसी सुविधाओं के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एमओयू के बाद नई दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास बुधवार को वाराणसी पहुंचे वह दो दिनों तक बीएचयू में ही रहेंगे। यहां सुविधाओं की हकीकत जानने के लिए अस्पताल का भ्रमण कर रहे हैं। उन्होंने सबसे पहले ट्रामा सेंटर का निरीक्षण किया। अस्पताल की मौजूदा स्थिति को समझने के साथ ही रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को देंगे। दो साल तक एम्स की तरह होगा कामकाज आईएमएस बीएचयू में एम्स जैसी सुविधा पर एमओयू के बाद यहां होने वाले बदलावों का ब्लू प्रिंट तैयार हो गया है। इसमें शैक्षणिक कार्यों के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अलग-अलग कमेटियां बनाई गई हैं। साथ ही हर कमेटी के पास जो भी आवेदन आता है, उसके निस्तारण के लिए समय भी तय कर दिया गया है। आवेदन करने वालों को निस्तारण होने के बाद मोबाइल पर मेसेज भी जाएगा। एमओयू के बाद जिस तरह की रणनीति बनाई जा रही है, उसके हिसाब से अगले दो साल तक एम्स की तर्ज पर ही कामकाज होगा। हर कमेटी की तीन-तीन सब कमेटियां बनीं एम्स की तर्ज पर कामकाज,मरीजों के इलाज, जांच, विभागों में शोध, कक्षाएं चलाए जाने,अन्य शैक्षणिक सुविधाएं आदि सुचारू रूप से कराया जा सके, इसके लिए शैक्षणिक, प्रशासनिक कामकाज, वित्तीय कामकाज, स्वास्थ्य सुविधा, छात्र, शिक्षक, कर्मचारियों की सुविधाओं सहित अन्य व्यवस्थाओं की अलग-अलग कमेटियां बनाई जा रही हैं। हर कमेटी के पास तीन-तीन सब कमेटियां हैं। इस तरह की नई पहल से जहां आवेदनों का समय से निस्तारण होगा, वहीं किसी तरह की गड़बड़ी भी नहीं होने पाएगी।

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