दीपावली का त्योहार आज...सूर्यास्त से पहले शुरू होगी अमावस्या:स्वाति नक्षत्र और प्रीति योग में पड़ेगी अमावस्या, 31 अक्टूबर को 2 घंटे 24 मिनट का प्रदोष काल

दीपावली का त्योहार 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। शुभ मुहूर्त में महालक्ष्मी का पूजन करें। दीवाली का पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी गुरुवार को ही मान्य रहेगा। 31 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी दोपहर 3:52 तक रहेगी। सूर्यास्त से पहले ही अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी, जो अगले दिन यानी एक नवंबर तक रहेगी। लेकिन लक्ष्मी पूजन गुरुवार यानी आज ही करना शुभ होगा। पूजा के लिए शाम को शुभ मुहूर्त बन रहे हैं, जिसमें ग्रहस्थ और व्यापारी जन मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा कर सकेंगे। ज्योतिषाचार्य पं.दिनेश कपिल ने बताया कि 31 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि दोपहर 3:52 तक रहेगी। सूर्यास्त से पहले ही अमावस्या तिथि शुरू होगी। इस दिन चित्रा नक्षत्र मध्य रात्रि बाद 12:44 तक रहेगा। स्वाति नक्षत्र वर्तमान में माना जाएगा। प्रीति योग एक नवंबर को सुबह 10:40 बजे तक रहेगा। चित्रा नक्षत्र और प्रीति योग में अमावस्या तिथि का होना अत्यंत शुभ माना जाता है। 31 अक्टूबर को 2 घंटे 24 मिनट का प्रदोष काल है। जिसमें किसी भी प्रकार की पूजा पाठ करना अत्यंत शुभ फलदायी होगा। 31 अक्टूबर यानी आज ही पूर्ण प्रदोष काल माना जाएगा। दीपावली पूजन के लिए एक नवंबर दिन शुक्रवार को कुछ समय ही मिलेगा। इसलिए 31 अक्टूबर को ही दीपावली पूजन करना सर्वोत्तम है। इसमें दुकानदार व्यापारी, निजी कारोबारी का काम करने वाले शिक्षा से संबंधित लोग, शिल्पी, चित्रकार, किराना, खाद्य, पदार्थ, सोना-चांदी सभी लोग पूजन करें। ज्योतिषाचार्य पं.दिनेश कपिल ने बताया कि 31 अक्टूबर को दोपहर 1:30 बजे से दोपहर 3 बजे तक राहु काल रहेगा। जिसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इस दिन का सबसे खराब और नेष्ट समय कहा गया है। ये समय किसी भी कार्य के लिए शुभ नहीं है। इसलिए कोई भी शुभ काम इस समय के बाद ही करें। ये रहेगा लक्ष्मी पूजन के शुभ मूहूर्त घर में पूजा अर्चना के मूहूर्त व्यापारियों के लिए शुभ मूहूर्त

Oct 31, 2024 - 07:40
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दीपावली का त्योहार आज...सूर्यास्त से पहले शुरू होगी अमावस्या:स्वाति नक्षत्र और प्रीति योग में पड़ेगी अमावस्या, 31 अक्टूबर को 2 घंटे 24 मिनट का प्रदोष काल
दीपावली का त्योहार 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। शुभ मुहूर्त में महालक्ष्मी का पूजन करें। दीवाली का पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी गुरुवार को ही मान्य रहेगा। 31 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी दोपहर 3:52 तक रहेगी। सूर्यास्त से पहले ही अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी, जो अगले दिन यानी एक नवंबर तक रहेगी। लेकिन लक्ष्मी पूजन गुरुवार यानी आज ही करना शुभ होगा। पूजा के लिए शाम को शुभ मुहूर्त बन रहे हैं, जिसमें ग्रहस्थ और व्यापारी जन मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा कर सकेंगे। ज्योतिषाचार्य पं.दिनेश कपिल ने बताया कि 31 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि दोपहर 3:52 तक रहेगी। सूर्यास्त से पहले ही अमावस्या तिथि शुरू होगी। इस दिन चित्रा नक्षत्र मध्य रात्रि बाद 12:44 तक रहेगा। स्वाति नक्षत्र वर्तमान में माना जाएगा। प्रीति योग एक नवंबर को सुबह 10:40 बजे तक रहेगा। चित्रा नक्षत्र और प्रीति योग में अमावस्या तिथि का होना अत्यंत शुभ माना जाता है। 31 अक्टूबर को 2 घंटे 24 मिनट का प्रदोष काल है। जिसमें किसी भी प्रकार की पूजा पाठ करना अत्यंत शुभ फलदायी होगा। 31 अक्टूबर यानी आज ही पूर्ण प्रदोष काल माना जाएगा। दीपावली पूजन के लिए एक नवंबर दिन शुक्रवार को कुछ समय ही मिलेगा। इसलिए 31 अक्टूबर को ही दीपावली पूजन करना सर्वोत्तम है। इसमें दुकानदार व्यापारी, निजी कारोबारी का काम करने वाले शिक्षा से संबंधित लोग, शिल्पी, चित्रकार, किराना, खाद्य, पदार्थ, सोना-चांदी सभी लोग पूजन करें। ज्योतिषाचार्य पं.दिनेश कपिल ने बताया कि 31 अक्टूबर को दोपहर 1:30 बजे से दोपहर 3 बजे तक राहु काल रहेगा। जिसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इस दिन का सबसे खराब और नेष्ट समय कहा गया है। ये समय किसी भी कार्य के लिए शुभ नहीं है। इसलिए कोई भी शुभ काम इस समय के बाद ही करें। ये रहेगा लक्ष्मी पूजन के शुभ मूहूर्त घर में पूजा अर्चना के मूहूर्त व्यापारियों के लिए शुभ मूहूर्त

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