देवभूमि की बेटियों ने विश्व विश्वविद्यालय खेलों में किया कमाल, अंकिता ने जीता सिल्वर, मानसी और शालिनी ने हासिल किया ब्रॉन्ज
रैबार डेस्क: जर्मनी में आयोजित हुए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में देवभूमि उत्तराखंड की बेटियों ने... The post वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में छाई देवभूमि की बेटियां, अंकिता को सिल्वर मेडल, मानसी-शालिनी को ब्रॉन्ज appeared first on Uttarakhand Raibar.

वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में छाई देवभूमि की बेटियां
रैबार डेस्क: जर्मनी में आयोजित वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में उत्तराखंड की बेटियों ने अपनी प्रदर्शन क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया है। इस मुख्यमुख्य प्रतियोगिताओं में, अंकिता ध्यानी ने 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीते, जबकि मानसी नेगी और शालिनी नेगी ने 20 किमी वॉक रेस में ब्रॉन्ज पदक अपने नाम किए। यह उपलब्धियां न केवल व्यक्तिगत सफलता हैं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति और गरिमा को भी उजागर करती हैं।
अंकिता का अद्भुत प्रदर्शन
अंकिता ध्यानी ने महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज प्रतियोगिता में शानदार अंतिम राउंड दौड़ लगाई। उन्होंने 9:31.99 के समय में दौड़ समाप्त कर रजत पदक हासिल किया। फिनलैंड की इलोना मोनोनेन, जो कि यूरोपीय U23 चैंपियन हैं, ने स्वर्ण पदक जीता और उनका समय 9:31.86 था। जर्मनी की एडीया बुड्डे ने कांस्य पदक अपने नाम किया, उनका समय था 9:33.34। अंकिता का यह उत्कृष्ट प्रदर्शन न सिर्फ उनके लिए, बल्कि समस्त भारतीय खेल जगत के लिए गर्व की बात है।
मानसी और शालिनी की सफलता
20 किमी रेस वॉक स्पर्धा में मानसी नेगी और शालिनी नेगी ने अपनी प्रतिभा को साबित किया। उन्होंने मिलकर भारतीय टीम के लिए कांस्य पदक जीता। इनकी टीम में सेजल अनिल और मुनिता प्रजापति भी शामिल थीं। पूरी टीम ने 4:56:06 के समय में दौड़ समाप्त की। यह उपलब्धि उत्तराखंड में गर्व का एक पल बन गई है।
उत्तराखंड में जश्न का माहौल
इन बेटियों की उपल्ब्धियों ने उत्तराखंड में उत्सव का माहौल बना दिया है। राज्य के मुख्यमंत्री ने भी इनकी मेहनत और सफलता की सराहना की है। उनके इस असाधारण प्रदर्शन ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत सम्मान दिलाया, बल्कि युवा पीढ़ी में भी प्रेरणा का स्रोत बनने का कार्य किया है।
निष्कर्ष
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में उत्तराखंड की इन बेटियों ने साबित कर दिया है कि भारतीय महिला खिलाड़ियों में अपार क्षमता छिपी हुई है। अंकिता, मानसी, और शालिनी की यह उपलब्धियां न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए महत्वपूर्ण हैं बल्कि भारतीय खेल क्षेत्र में महिलाओं की पहचान को भी मजबूती प्रदान करती हैं। आने वाले दिनों में, हम इन बेटियों से और भी बड़ी उपलब्धियों की उम्मीद कर सकते हैं।
इन बेटियों की सफलता की गूंज विश्व स्तर पर सुनाई दी है, और यह एक मजबूत संदेश देती है कि समर्पण और मेहनत से किसी भी बाधा को आसानी से पार किया जा सकता है।
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सामग्री की संक्षेप में कहें तो, देवभूमि की बेटियों ने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें अंकिता को सिल्वर और मानसी-शालिनी को ब्रॉन्ज मेडल हासिल हुआ।
टीम इंडिया ट्वोडे द्वारा - संजीवनी
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