देहरादून में मूसलधार बारिश का कहर: 13 की जान, 16 लापता

देहरादून: देहरादून जिले में सोमवार रात हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई, जिसमें 13 लोगों की जान चली गई, 3 लोग घायल हुए और 16 लोग लापता हैं। जिलाधिकारी (डीएम) सविन बंसल ने मालदेवता, सहस्रधारा, मजयाडी और कार्लीकागाड जैसे आपदा प्रभावित क्षेत्रों में ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक …

Sep 17, 2025 - 00:27
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देहरादून में मूसलधार बारिश का कहर: 13 की जान, 16 लापता
देहरादून: देहरादून जिले में सोमवार रात हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई, जिसमें 13 लोगों की जा

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कम शब्दों में कहें तो, देहरादून जिले में हुई भारी बारिश के चलते 13 लोगों की जान चली गई है, जबकि 16 लोग अब भी लापता हैं। इस आपदा ने क्षेत्र में गंभीर तबाही मचाई है, जिससे कई परिवार प्रभावित हुए हैं। जिलाधिकारी (डीएम) सविन बंसल ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्यों का जायजा लिया है।

राहत और बचाव कार्यों में तेजी

सोमवार की रात को आई इस मूसलधार बारिश ने मालदेवता, सहस्रधारा, मजयाडी और कार्लीकागाड जैसे क्षेत्रों में गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी। डीएम सविन बंसल ने राहत और बचाव कार्यों को तुरंत तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी अवरुद्ध सड़कों को शीघ्र खोलने के लिए मैनपावर और मशीनरी लगाई जाए।

आपदा से हुए नुकसान का आकलन

अतिवृष्टि के कारण देहरादून में सड़कें, पुल, और अन्य बुनियादी ढांचा बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिला आपदा परिचालन केंद्र के अनुसार, 13 पुल, 10 पुलिया, और 31 दीवारें क्षतिग्रस्त हुई हैं। मजयाडी में तीन लोग मलबे में दब गए हैं और एक व्यक्ति अब भी लापता है। इसके अलावा, सहस्रधारा-कार्लीकागाड मार्ग पर भूस्खलन की वजह से कई स्थानों पर सड़कें टूट गई हैं।

सुरक्षित बचाव अभियान

डीएम बंसल ने व्यक्तिगत रूप से सहस्रधारा और मजयाडी क्षेत्रों का दौरा किया और एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ की सहायता से कार्लीकागाड में फंसे 70 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। उन्होंने कहा, “आपदा की इस घड़ी में हम प्रभावित परिवारों के साथ हैं और राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी जाएगी।”

प्रभावित परिवारों को सहायता

पीड़ित परिवारों के लिए डीएम ने यह घोषणा की है कि सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट होने वाले परिवारों को तीन महीने तक प्रति माह 4,000 रुपये की मदद मिलेगी। प्रभावित व्यक्तियों को राहत शिविर में अस्थाई आश्रय प्रदान किया गया है, जहां उन्हें हर संभव सहायता दी जा रही है।

प्रशासन की जवाबदेही

डीएम बंसल ने कहा कि आपदा के प्रभाव को कम करना प्रशासन की सबसे प्रमुख जिम्मेदारी है। प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि वे बुनियादी सुविधाओं को जल्द से जल्द बहाल करें और प्रभावितों तक तत्काल राहत पहुँचाएं।

इस आपदा से न केवल जानमाल का नुकसान हुआ है, बल्कि जनजीवन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सरकार का यह प्रयास है कि वह प्रभावित परिवारों के लिए हर संभव मदद सुनिश्चित करे। भारत टुडे की ओर से इस स्थिति पर नज़र बनाए रखिए।

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सभी प्रभावित व्यक्तियों को इस कठिन समय में सहायता मिलेगी। प्रशासन इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए कटिबद्ध है।

संभवतः बहुत से लोग यहाँ संकट में हैं, जिससे हम सभी को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।

टीम इंडिया टुडे, साक्षी शर्मा

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