धराली गांव में तेंदुए का आतंक: ग्राम प्रधान के घोड़े को बनाया शिकार

बड़कोट : तहसील बड़कोट के राजगढ़ी-धराली क्षेत्र में तेंदुए का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। रविवार तड़के तेंदुए ने धराली गांव के ग्राम प्रधान जगवीर सिंह रावत की खच्चर को मार डाला। स्थानीय लोगों के अनुसार, तेंदुआ धराली और डख्याट गांव के बीच कई बार घूमते हुए देखा गया है, जिससे ग्रामीणों में …

Oct 5, 2025 - 09:27
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धराली गांव में तेंदुए का आतंक: ग्राम प्रधान के घोड़े को बनाया शिकार
बड़कोट : तहसील बड़कोट के राजगढ़ी-धराली क्षेत्र में तेंदुए का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। रविवार

धराली गांव में तेंदुए का आतंक: ग्राम प्रधान के घोड़े को बनाया शिकार

बड़कोट : तहसील बड़कोट के राजगढ़ी-धराली क्षेत्र में तेंदुए का आतंक रुकने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार तड़के, तेंदुए ने धराली गांव के ग्राम प्रधान जगवीर सिंह रावत की खच्चर को मार डाला, जिससे स्थानीय लोगों में भय और चिंता का माहौल व्याप्त है।

कम शब्दों में कहें तो, यह घटना तेंदुए के लगातार घूमने से उत्पन्न भय को और बढ़ा देती है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह तेंदुआ अक्सर धराली और डख्याट गांव के बीच देखा जा रहा है, जिससे ग्रामीण उसकी दहशत में जी रहे हैं। कई बार तेंदुए की मौजूदगी के चलते, दुखद घटनाएं सामने आई हैं।

ग्रामीणों ने इस परिस्थिति पर चिंता जताते हुए अपर यमुना वन प्रभाग से तेंदुए को शीघ्र पकड़ने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने प्रभावित परिवार को उचित मुआवजा प्रदान करने की भी मांग की है। इस मामले में, अपर यमुना वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी रविंद्र पुंडीर ने जानकारी दी है कि जल्द ही तेंदुए को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा एवं प्रभावित परिवार को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।

तेंदुए का दहशत: एक सामाजिक मुद्दा

तेंदुए की यह स्थिति केवल एक परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरा गांव इसके प्रभाव से अंजान नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे कई बार हुआ है जब तेंदुए ने उनके जानवरों को अपना शिकार बनाया है, और इस बार तो यह घटना ग्राम प्रधान के निजी जानवर के साथ हुई है। इससे ग्रामवासियों में एक गहरी चिंता पैदा हो गई है।

ग्रामीणों ने भी अपनी सुरक्षा के लिए उपाय अपनाने शुरू कर दिए हैं। कुछ लोग रात को अपने जानवरों को खुले में छोड़ने से डर रहे हैं, जबकि अन्य अपनी खेती की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम कर रहे हैं।

वन विभाग की भूमिका

वन विभाग के अधिकारी रविंद्र पुंडीर ने आश्वासन दिया है कि तेंदुए की पकड़ने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। इस दिशा में उनकी टीम सक्रिय रूप से काम कर रही है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि ग्रामीणों के जानवरों को सुरक्षित रखा जाए और तेंदुए को भी किसी तरह के खतरे से बचाया जाए।

यही नहीं, वन विभाग की टीम ने स्थानीय निवासियों को भी यह समझाने का प्रयास किया है कि तेंदुआ एक जंगली जानवर है और इसे बिना वजह परेशान नहीं करना चाहिए। अगर तेंदुआ किसी कारणवश इलाके में आ रहा है, तो उसका समाधान करने की आवश्यकता है।

इस तरह की घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि वन्य जीव संरक्षण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है। ग्रामीणों के तंत्र की सुरक्षा और वन्य जीवों के संरक्षण में सामंजस्य बनाना आज के वक्त की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।

जगवीर सिंह रावत ने बताया, "हम सभी चाहते हैं कि यह समस्या हल हो। हम चाहते हैं कि वन विभाग की कदम गंभीर हो और तेंदुए को जल्दी पकड़ें ताकि हम सभी चैन से रह सकें।"

स्थानीय निवासियों के लिए सतर्कता जरूरी

स्थानीय निवासियों को तेंदुए की घटनाओं के बारे में सावधान रहना चाहिए। उन्हें ऐसे संकेतों पर ध्यान देना चाहिए जब तेंदुआ आसपास हो सकता है। गांव के सभी लोगों को सामूहिक सुरक्षा के उपायों की तरफ ध्यान देना होगा।

इस दिशा में, बुजुर्गों ने युवा पीढ़ी को विशेष रूप से शिक्षा देने की जिम्मेदारी उठाई है। तेंदुए की सुरक्षा और विकास के लिए जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है।

वे लोग जो अपने जानवरों की रक्षा के लिए सजग रहते हैं उन्हें भी सावधान रहना चाहिए और अनजाने में तेंदुए के प्रति उकसाने वाले कार्यों से बचना चाहिए।

इन सब के बीच, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि किसी भी दिनजाति और उनके क्षेत्र के बारे में जानकारी रहना अत्यंत आवश्यक है।

इस बात के साथ हम आशा करते हैं कि जल्द ही तेंदुए की स्थिति में सुधार होगा और बड़कोट के ग्रामीण शांतिपूर्वक जीवन जी सकेंगे।

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