उत्तराखंड: आपदा राहत में योगदान देने वाले वीरों को किया गया सम्मानित, सीएम धामी का बयान

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून स्थित राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में अर्पित फाउंडेशन द्वारा आयोजित ’’प्राइड मूवमेंट सम्मान समारोह’’ में प्रतिभाग किया। इस मौके पर उन्होंने हाल में आई आपदा के दौरान राहत एवं बचाव अभियान में योगदान देने वाले एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और आईटीबीपी के कर्मियों को सम्मानित किया। नकल विरोधी […] The post आपदा राहत वीरों को सम्मान, बचाव कार्यों में दिखाया अदम्य साहस: सीएम धामी first appeared on Vision 2020 News.

Oct 5, 2025 - 09:27
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उत्तराखंड: आपदा राहत में योगदान देने वाले वीरों को किया गया सम्मानित, सीएम धामी का बयान
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून स्थित राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में अर्पित

उत्तराखंड: आपदा राहत में योगदान देने वाले वीरों को किया गया सम्मानित, सीएम धामी का बयान

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कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में देहरादून में आयोजित "प्राइड मूवमेंट सम्मान समारोह" में आपदा राहत कार्यों में योगदान देने वाले कर्मियों को सम्मानित किया।

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में अर्पित फाउंडेशन द्वारा आयोजित "प्राइड मूवमेंट सम्मान समारोह" में भाग लिया। इस अवसर पर, उन्होंने हाल की आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में योगदान देने वाले एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और आईटीबीपी के कर्मियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने सीएम का स्वागत करते हुए उन्हें धन्यवाद किया, खासकर नकल विरोधी कानून को लागू करने के लिए। मुख्यमंत्री का सम्मान समारोह

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, "यह सम्मान उन कर्मियों के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक है, जिन्होंने आपदा के समय अपना जीवन संकट में डालकर राहत एवं बचाव कार्यों में उपलब्धियां हासिल की हैं। उत्तराखंड केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए नहीं जाना जाता, बल्कि हम वर्षों से प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना कर रहे हैं।"

धामी ने स्पष्ट किया कि हिमालय की गोद में बसे राज्य में भूस्खलन, बाढ़ और अत्यधिक बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाएँ आम हैं। उन्होंने कहा कि "देवभूमि की इस खूबसूरती के आलावे यहाँ की चुनौतियाँ भी उतनी ही गम्भीर हैं।" सम्मानित अतिथियों के साथ मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने केदारनाथ आपदा (2013), चमोली की ऋषिगंगा और धौलीगंगा आपदा (2021) एवं जोशीमठ धंसाव (2023) का भी उल्लेख करते हुए कहा कि इस वर्ष भी कई जनपदों में अत्यधिक बारिश और भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। "इस दौरान सबसे बड़ी चुनौती मानव जीवन का संरक्षण करना था," उन्होंने कहा। सीएम ने सल्क्यारा टनल बचाव अभियान को पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बताया।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया। "प्रधान मंत्री ने न केवल आपको दी गई आपदा राहत राशि की स्वीकृति दी, बल्कि स्वयं आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके पीड़ितों के दर्द को साझा किया।" उन्होंने कहा कि ₹1200 करोड़ की राहत राशि जल्द ही प्रभावितों तक पहुंचेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, "आपदा केवल भौतिक बुनियादी ढांचे को ही नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और उज्ज्वल भविष्य को भी प्रभावित करती है। इसलिए, हमारी सरकार सिर्फ मुआवजा उपलब्ध नहीं कराती, बल्कि पुनर्वास और आजीविका प्रबंधन पर विशेष ध्यान दे रही है।"

उन्होंने जानकारी दी कि एसडीआरएफ को अत्याधुनिक तकनीकों, ड्रोन और सैटेलाइट आधारित मॉनिटरिंग उपकरणों से लैस किया गया है। साथ ही, ‘आपदा मित्र’ योजना के अंतर्गत गाँव-गाँव में युवाओं को आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं का सामना बेहतर तरीके से किया जा सके।

अंत में, मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार आपदाओं के प्रति सजग है और इसके लिए तत्परता से योजना बना रही है।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंडिया टूडे पर जाएं।

सादर, टीम इंडिया टूडे (अनामिका शर्मा)

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