धर्मशाला नगर निगम का डाटा हुआ असुरक्षित:लाखों नागरिकों की पर्सनल जानकारी खतरे में, वेब पोर्टल संचालक कंपनी से विवाद
हिमाचल में धर्मशाला नगर निगम का संवेदनशील डेटा खतरे में पड़ गया है। नगर निगम का पोर्टल edharamshala.in अब प्रशासन के नियंत्रण से बाहर हो चुका है। पोर्टल का संचालन करने वाली जयपुर की कंपनी 'बालाजी इंफोलुब्स' ने निगम से सभी संबंध खत्म कर लिए हैं। पोर्टल पर नागरिकों के मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, पेन कार्ड, आधार और राशन कार्ड की जानकारियां दर्ज हैं। निगम प्रशासन को पोर्टल तक सीधी पहुंच नहीं है। हर जानकारी के लिए कंपनी पर निर्भर रहना पड़ता है। कंपनी अब कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। नगर निगम नहीं कर सका भुगतान बता दें कि, 2016 में 'ई-नगर पालिका' सॉफ्टवेयर के लिए इस कंपनी को ठेका मिला था। स्मार्ट सिटी योजना के तहत 2019 तक कंपनी को 1.17 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। कंपनी को डीआईटी के सर्वर पर नागरिक सेवाओं का डेटा अपलोड करना था। पेमेंट गेटवे में तकनीकी समस्या और एएमसी की अधिक राशि के कारण निगम आगे भुगतान नहीं कर सका। कंपनी का दावा है कि उसे एएमसी की 1.5 करोड़ रुपए की राशि नहीं मिली। वहीं निगम का कहना है कि ऐसा कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ। तीन साल से निगम कंपनी से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है। अब निगम ने कानूनी कार्रवाई के लिए एडवोकेट को नोटिस भेजने का निर्देश दिया है। पूर्व मेयर और अधिकारियों के फोटो मौजूद वेबसाइट पर अभी भी पूर्व मेयर औंकार नैहरिया और उनकी टीम के सदस्यों के नाम और फोटो मौजूद हैं। उनका कार्यकाल समाप्त हुए चार साल हो चुके हैं। इस पूरे घटनाक्रम का सबसे बड़ा खामियाजा शहरवासियों को उठाना पड़ रहा है। पुराने नक्शों और दस्तावेजों तक पहुंच भी बाधित है। नगर निगम के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नागरिकों को सलाह दी जा रही है कि वे ऑनलाइन के बजाय ऑफलाइन आवेदन करें, क्योंकि पहले के रिकॉर्ड तक पहुंच मुश्किल हो गई है। नगर निगम ने अब एक नई वेबसाइट शुरू कर दी है, लेकिन पुराने डाटा को वापस लेने के लिए कंपनी से संपर्क करना अभी भी एक चुनौती बना हुआ है। ज्वाइंट कमिश्नर सुरिंद्र कटोच ने बताया कि निगम लगातार प्रयास कर रहा है कि पुराने रिकॉर्ड वापस मिल सकें ताकि नागरिक सेवाएं सामान्य हो सकें।

धर्मशाला नगर निगम का डाटा हुआ असुरक्षित: लाखों नागरिकों की पर्सनल जानकारी खतरे में
धर्मशाला नगर निगम से जुड़ी एक च shocking ज्ञात समस्या सामने आई है जिसके कारण लाखों नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी को खतरा उत्पन्न हो गया है। नगर निगम के आधिकारिक वेब पोर्टल का डाटा असुरक्षित होने की वजह से यह घटना घटित हुई है। इस असुरक्षा के चलते नागरिकों की जानकारी जैसे नाम, पते, और अन्य संवेदनशील तथ्य उजागर हो सकते हैं।
वेब पोर्टल संचालक कंपनी से विवाद
इस भंडाफोड़ ने धर्मशाला नगर निगम की आईटी स्ट्रेटजी और डाटा प्रबंधन की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। वेब पोर्टल संचालक कंपनी के साथ विवाद ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। नगर निगम ने बताया कि विवाद के चलते हर नागरिक की व्यक्तिगत जानकारी जोखिम में है और उन्हें इसके बारे में जानकारी दी जा रही है।
सुरक्षा उल्लंघन का कारण और परिणाम
यह सुरक्षा उल्लंघन कैसे हुआ, इसके पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं। तकनीकी खामियों, असुरक्षित सर्वर या मानवीय भूल जैसे कारणों ने इस स्थिति को जन्म दिया। यदि जल्दी इस मुद्दे का समाधान नहीं किया गया, तो नागरिकों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि धोखाधड़ी, पहचान की चोरी और अन्य साइबर अपराध।
नागरिकों के लिए सलाह
इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, नागरिकों को अपनी व्यक्तिगत जानकारियों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना होगा। उन्हें अपने अकाउंट्स की सुरक्षा बढ़ाने और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
आगे की प्रक्रिया
नगर निगम ने आश्वासन दिया है कि वे इस मामले की गंभीरता को समझते हैं और समस्या को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। यह दुरुपयोग और सुरक्षा के उल्लंघन के मामलों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए एक नई सुरक्षा प्रणाली लागू करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं।
धर्मशाला नगर निगम प्रशासन ने सभी नागरिकों को सलाह दी है कि वे इस मुद्दे के बारे में और अपडेट्स के लिए निरंतर संपर्क में रहें। वे नागरिकों की चिंता को समझते हैं और उन्हें इस स्थिति से निपटने में मदद कर रहे हैं।
सभी सम्बंधित व्यक्तियों से अनुरोध है कि वे अपने-अपने विवरण की सुरक्षा पर ध्यान दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दें।
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