नहीं मिली एंबुलेंस, इमरजेंसी के बाहर मासूम ने तोड़ा दम:सैफई ले जाना चाहते थे परिजन, कई बार किया फोन

फर्रुखाबाद में कन्नौज जनपद के थाना गुरसहायगंज के गांव निवासी युवक अपनी ढाई साल की बेटी को लेकर उपचार के लिए जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचा था। यहां से उसे सैफई रेफर कर दिया गया, लेकिन समय से एंबुलेंस नहीं मिल सकी। इस पर मासूम ने अपनी मां की गोद में ही दम तोड़ दिया। मासूम की मौत से परिजन बेहाल हो गए। गांव गुरगुजपुर निवासी प्रदीप कुमार की ढाई वर्ष की पुत्री नैंसी को उल्टी की दिक्कत हुई। परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए। फायदा न मिलने पर वह उसे लोहिया अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां इमरजेंसी में उसे भर्ती किया गया। बच्ची की हालत गम्भीर देख उसे रेफर कर दिया गया। पिता ने की 108 पर कॉल बताया गया कि पिता ने 108 नंबर पर कॉल की। वह इमरजेंसी के बाहर बच्ची को लेकर काफी देर तक बैठा रहा। कई बार फोन किया। जहां ईएमटी ने एक घण्टे में आने की बात कही। इस दौरान बच्ची की मौत हो गई। बताया अगर समय से एम्बुलेंस मिल जाती तो बच्ची की जान बच सकती थी। एम्बुलेंस के प्रोगाम मैनेजर ने बताया 40 मिनट में एम्बुलेंस पहुंच गई थी, लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी। प्रयास रहता है, मरीज को समय से एम्बुलेंस मिल जाए।

Nov 21, 2024 - 08:25
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नहीं मिली एंबुलेंस, इमरजेंसी के बाहर मासूम ने तोड़ा दम:सैफई ले जाना चाहते थे परिजन, कई बार किया फोन
फर्रुखाबाद में कन्नौज जनपद के थाना गुरसहायगंज के गांव निवासी युवक अपनी ढाई साल की बेटी को लेकर उपचार के लिए जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचा था। यहां से उसे सैफई रेफर कर दिया गया, लेकिन समय से एंबुलेंस नहीं मिल सकी। इस पर मासूम ने अपनी मां की गोद में ही दम तोड़ दिया। मासूम की मौत से परिजन बेहाल हो गए। गांव गुरगुजपुर निवासी प्रदीप कुमार की ढाई वर्ष की पुत्री नैंसी को उल्टी की दिक्कत हुई। परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए। फायदा न मिलने पर वह उसे लोहिया अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां इमरजेंसी में उसे भर्ती किया गया। बच्ची की हालत गम्भीर देख उसे रेफर कर दिया गया। पिता ने की 108 पर कॉल बताया गया कि पिता ने 108 नंबर पर कॉल की। वह इमरजेंसी के बाहर बच्ची को लेकर काफी देर तक बैठा रहा। कई बार फोन किया। जहां ईएमटी ने एक घण्टे में आने की बात कही। इस दौरान बच्ची की मौत हो गई। बताया अगर समय से एम्बुलेंस मिल जाती तो बच्ची की जान बच सकती थी। एम्बुलेंस के प्रोगाम मैनेजर ने बताया 40 मिनट में एम्बुलेंस पहुंच गई थी, लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी। प्रयास रहता है, मरीज को समय से एम्बुलेंस मिल जाए।

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