नोएडा प्राधिकरण बढ़ाएगा एक्सप्रेस वे की सुरक्षा:कंसल्टेंट कंपनी 7 दिनों में करेगी प्रेजेंटेशन, सर्वे में 74 स्ट्रक्चर क्रैश बैरियर के है अंदर

नोएडा एक्सप्रेस वे लोगों के सुरक्षित बनाया जाएगा। इसके लिए कंस्लटेंट कंपनी एक प्रजेंटेशन तैयार कर रही है। इसी कंपनी ने नोएडा के सेक्टर-62 और डीएनडी लूप के चौड़ीकरण का डिजाइन भी तैयार किया है। जिसे प्राधिकरण बोर्ड ने अप्रूव भी कर दिया है। एसीईओ संजय खत्री ने बताया कि कंपनी आगामी सात दिनों में प्राधिकरण में अपना प्रजेंटेशन करेगी। इसके बाद एक्सप्रेस वे पर काम शुरू किया जाएगा। दरअसल एक्सप्रेस वे पर बीते कुछ महीनों में सड़क हादसे हुए। जिसमें लोगों की जान गई। ये हादसे इस वजह से हुए कि यहां पर बनाई गई यूटिलीटीज क्रेश बैरियर के अंदर है। इसमें क्रैश बैरियर के अंदर विज्ञापन के 12, आईटीएमएस के 8, साइनेज के 21 पोल मौजूद हैं। 13 स्ट्रक्चर एफओबी के हैं और 19-20 पब्लिक टॉयलेट व यूरिनल भी मौजूद हैं। इन सभी को क्रैश बैरियर से बाहर सर्विस लेन के बाहर कैसे शिफ्ट किया जाए। ये काम इतना आसान नहीं है। ऐसे में प्राधिकरण इस योजना में सलाहकार एजेंसी की मदद ले रहा है। कंपनी ने अपना प्रारूप तैयार कर लिया है। फाइल ऑब्जर्वेशन का काम किया जा रहा है। इसके बाद इसका प्रेजेंटेशन होगा और काम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा जल्द ही ट्रैफिक विभाग के साथ बैठक करके एक्सप्रेस वे और शहर की अन्य मुख्य सड़कों की स्पीड लिमिट तय की जाएगी। ताकि कोहरे की वजह से दुर्घटना न हो। सर्विलांस पर है पूरा एक्सप्रेस वे 24.5 किमी लंबे नोएडा एक्सप्रेस वे सिटी सर्विलांस सिस्टम के अंडर आता है। इस एक्सप्रेस की निगरानी के लिए यहां आईटीएमएस के तहत कैमरे लगाए है। इन कैमरों को पोल पर लगाया गया है। पोल क्रैश बैरियर के अंदर यानी एक्सप्रेस वे की ओर लगे है। इसका कुछ हिस्सा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास भी है। ऐसे में नोएडा वाहन चालक के लिए इस एक्सप्रेस वे को सुरक्षित बनाता चाहता है। इसके लिए ग्रेटरनेाएडा प्राधिकरण से भी बातचीत की जाएगी। क्योंकि उनके हिस्से में भी हाल ही में एक बड़ा हादसा हुआ। जिसमें पांच लोगों की जान गई। 14 अगस्त के हादसे के बाद हुआ था सर्वे 14 अगस्त को इसी एक्सप्रेस वे पर प्राधिकरण के जूनियर इंजीनियर के दो बेटे और बरौला निवासी उनके दोस्त की मौत सड़क हादसे में हो गई थी। एक्सप्रेसवे पर चल रही तेज रफ्तार कार बेकाबू होकर सड़क से उतरी और क्रैश बैरियर से पहले लगे आईटीएमएस के पोल के कंक्रीट स्ट्रक्चर से टकराई। यहां पर दो खंभे लगाकर उनके बीच निगरानी के लिए प्राधिकरण की एजेंसी ने कैमरे और पावर बैकअप के लिए सोलर सिस्टम लगवाया है। इस स्ट्रक्चर का एक पोल जो डिवाइडर की तरफ है वह क्रैश बैरियर के बाहर है। इसी के बाद पूरे एक्सप्रेस वे पर लूप होल का सर्वे कराया गया । रोजाना चलते है 3 लाख वाहन ये एक्सप्रेस वे दिल्ली को नोएडा और ग्रेटरनोएडा से जोड़ता है। यही आगरा एक्सप्रेस वे को भी जीरो पाइंट पर जोड़ता है। सामरिक दृष्टि से ये काफी महत्वपूर्ण है। रोजाना इस एक्सप्रेस वे से 3 लाख से ज्यादा वाहन निकलते है। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से ये सेफ्टी प्रोजेक्ट काफी अहम हो जाएगा।

Nov 15, 2024 - 06:20
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नोएडा प्राधिकरण बढ़ाएगा एक्सप्रेस वे की सुरक्षा:कंसल्टेंट कंपनी 7 दिनों में करेगी प्रेजेंटेशन, सर्वे में 74 स्ट्रक्चर क्रैश बैरियर के है अंदर
नोएडा एक्सप्रेस वे लोगों के सुरक्षित बनाया जाएगा। इसके लिए कंस्लटेंट कंपनी एक प्रजेंटेशन तैयार कर रही है। इसी कंपनी ने नोएडा के सेक्टर-62 और डीएनडी लूप के चौड़ीकरण का डिजाइन भी तैयार किया है। जिसे प्राधिकरण बोर्ड ने अप्रूव भी कर दिया है। एसीईओ संजय खत्री ने बताया कि कंपनी आगामी सात दिनों में प्राधिकरण में अपना प्रजेंटेशन करेगी। इसके बाद एक्सप्रेस वे पर काम शुरू किया जाएगा। दरअसल एक्सप्रेस वे पर बीते कुछ महीनों में सड़क हादसे हुए। जिसमें लोगों की जान गई। ये हादसे इस वजह से हुए कि यहां पर बनाई गई यूटिलीटीज क्रेश बैरियर के अंदर है। इसमें क्रैश बैरियर के अंदर विज्ञापन के 12, आईटीएमएस के 8, साइनेज के 21 पोल मौजूद हैं। 13 स्ट्रक्चर एफओबी के हैं और 19-20 पब्लिक टॉयलेट व यूरिनल भी मौजूद हैं। इन सभी को क्रैश बैरियर से बाहर सर्विस लेन के बाहर कैसे शिफ्ट किया जाए। ये काम इतना आसान नहीं है। ऐसे में प्राधिकरण इस योजना में सलाहकार एजेंसी की मदद ले रहा है। कंपनी ने अपना प्रारूप तैयार कर लिया है। फाइल ऑब्जर्वेशन का काम किया जा रहा है। इसके बाद इसका प्रेजेंटेशन होगा और काम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा जल्द ही ट्रैफिक विभाग के साथ बैठक करके एक्सप्रेस वे और शहर की अन्य मुख्य सड़कों की स्पीड लिमिट तय की जाएगी। ताकि कोहरे की वजह से दुर्घटना न हो। सर्विलांस पर है पूरा एक्सप्रेस वे 24.5 किमी लंबे नोएडा एक्सप्रेस वे सिटी सर्विलांस सिस्टम के अंडर आता है। इस एक्सप्रेस की निगरानी के लिए यहां आईटीएमएस के तहत कैमरे लगाए है। इन कैमरों को पोल पर लगाया गया है। पोल क्रैश बैरियर के अंदर यानी एक्सप्रेस वे की ओर लगे है। इसका कुछ हिस्सा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास भी है। ऐसे में नोएडा वाहन चालक के लिए इस एक्सप्रेस वे को सुरक्षित बनाता चाहता है। इसके लिए ग्रेटरनेाएडा प्राधिकरण से भी बातचीत की जाएगी। क्योंकि उनके हिस्से में भी हाल ही में एक बड़ा हादसा हुआ। जिसमें पांच लोगों की जान गई। 14 अगस्त के हादसे के बाद हुआ था सर्वे 14 अगस्त को इसी एक्सप्रेस वे पर प्राधिकरण के जूनियर इंजीनियर के दो बेटे और बरौला निवासी उनके दोस्त की मौत सड़क हादसे में हो गई थी। एक्सप्रेसवे पर चल रही तेज रफ्तार कार बेकाबू होकर सड़क से उतरी और क्रैश बैरियर से पहले लगे आईटीएमएस के पोल के कंक्रीट स्ट्रक्चर से टकराई। यहां पर दो खंभे लगाकर उनके बीच निगरानी के लिए प्राधिकरण की एजेंसी ने कैमरे और पावर बैकअप के लिए सोलर सिस्टम लगवाया है। इस स्ट्रक्चर का एक पोल जो डिवाइडर की तरफ है वह क्रैश बैरियर के बाहर है। इसी के बाद पूरे एक्सप्रेस वे पर लूप होल का सर्वे कराया गया । रोजाना चलते है 3 लाख वाहन ये एक्सप्रेस वे दिल्ली को नोएडा और ग्रेटरनोएडा से जोड़ता है। यही आगरा एक्सप्रेस वे को भी जीरो पाइंट पर जोड़ता है। सामरिक दृष्टि से ये काफी महत्वपूर्ण है। रोजाना इस एक्सप्रेस वे से 3 लाख से ज्यादा वाहन निकलते है। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से ये सेफ्टी प्रोजेक्ट काफी अहम हो जाएगा।

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