नोएडा में आवंटन के तुरंत बाद प्लाट बेचना होगा मुश्किल:प्रक्रिया में डाले जा रहे दो नए क्लॉज, जल्द मिलेगी मंजूरी, पहले करना होगा निर्माण
नोएडा में आवासीय भूखंडों के आवंटन के बाद आवंटियों द्वारा प्लाट को जल्दी बेचने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए नई व्यवस्था लागू करने पर विचार किया जा रहा है। इस प्रस्ताव के तहत आवंटियों को तीन साल तक प्लाट का ट्रांसफर करने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें इस अवधि में प्लाट पर कम से कम 50 प्रतिशत ग्राउंड कवरेज का निर्माण करना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही वे प्लाट को बेच सकेंगे। इन बिंदुओं पर बोर्ड में चर्चा हुई है, हालांकि अभी अंतिम सहमति नहीं बनी है। 2018 से नोएडा में आवासीय प्लाटों का आवंटन ई-ऑक्शन के माध्यम से हो रहा है, जिसमें उच्चतम बोली लगाने वाले को प्लाट आवंटित किया जाता है। आवंटी 25 प्रतिशत राशि जमा कर लीज डीड करा लेता है और फिर अधिक लाभ की चाह में प्लाट को बेच देता है। इसका उद्देश्य था कि लोग नोएडा में प्लाट लेकर मकान बनाएं और यहां निवास करें, लेकिन आवंटी इसे मुनाफा कमाने का साधन बना रहे हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए प्राधिकरण ने बोर्ड के समक्ष प्रस्ताव रखा है कि आवंटित प्लाट पर न्यूनतम 40 वर्गमीटर या ग्राउंड कवरेज का 50 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, निर्माण कार्य कराना अनिवार्य किया जाए और आवंटन के तीन साल बाद ही ट्रांसफर की अनुमति दी जाए। प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा हुई है और प्राधिकरण के ओएसडी के अनुसार इस पर जल्द ही सहमति बन सकती है, ताकि आवासीय प्लाटों का सदुपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
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