प.बंगाल गवर्नर मूर्ति विवाद:राजभवन बोला- बोस ने अपनी मूर्ति का इनॉगरेशन नहीं किया, ये बदनाम करने की साजिश

पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस से जुड़े मूर्ति विवाद को लेकर सोमवार को राजभवन ने बयान जारी किया। राज्यपाल ऑफिस ने कहा- मीडिया रिपोर्ट में राज्यपाल बोस द्वारा अपनी प्रतिमा का अनावरण करने का जो दावा किया जा रहा है। वह गलत है। यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है। दो सदस्यीय पैनल इसकी जांच करेगा। दरअसल पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 23 नवंबर को अपने कार्यकाल के दो साल पूरे किए थे। इस मौके पर उनकी एक तस्वीर सामने आई थी। जिसमें वह अपनी एक मूर्ति के साथ खड़े थे। आसपास काफी भीड़ थी। दावा किया गया कि बोस ने खुद अपने स्टैच्यू का इनॉगरेशन किया। राजभवन अधिकारी बोला- एक मूर्तिकार ने स्टैच्यू गिफ्ट किया था राजभवन के एक अधिकारी के मुताबिक, राज्यपाल ने राजभवन में अपनी किसी प्रतिमा का अनावरण नहीं किया और न ही इसे राजभवन के परिसर में कहीं स्थापित किया। यह बिल्कुल गलत जानकारी है। एक मूर्तिकार द्वारा प्रतिमा राज्यपाल को भेंट की गई थी। उन्होंने कहा, कई कलाकार अपनी कलाकृतियां राज्यपाल को सौंपते हैं। चित्रकार ने उनके चित्र बनाए और उन्हें भेंट किया। इसी तरह, एक मूर्तिकार ने बोस की प्रतिमा बनाकर उन्हें भेंट की। दुर्भाग्यवश इसे अपनी ही प्रतिमा का अनावरण बताया गया है। राज्यपाल बोस का बंगाल सरकार से कई मुद्दों पर टकराव दो साल पहले 23 नवंबर 2022 को आनंद बोस ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बाद बंगाल के राज्यपाल का पद संभाला था। अपने कार्यकाल के दौरान, राज्यपाल बोस का बंगाल सरकार के साथ कई मुद्दों पर टकराव हुआ है, जिनमें स्टेट यूनिवर्सिटीज के वीसी की जॉइनिंग और कोलकाता पुलिस कर्मियों द्वारा कथित जासूसी और व्यक्तिगत हमले शामिल हैं। .............. ये खबर भी पढ़ें...

Nov 25, 2024 - 15:25
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प.बंगाल गवर्नर मूर्ति विवाद:राजभवन बोला- बोस ने अपनी मूर्ति का इनॉगरेशन नहीं किया, ये बदनाम करने की साजिश
पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस से जुड़े मूर्ति विवाद को लेकर सोमवार को राजभवन ने बयान जारी किया। राज्यपाल ऑफिस ने कहा- मीडिया रिपोर्ट में राज्यपाल बोस द्वारा अपनी प्रतिमा का अनावरण करने का जो दावा किया जा रहा है। वह गलत है। यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है। दो सदस्यीय पैनल इसकी जांच करेगा। दरअसल पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 23 नवंबर को अपने कार्यकाल के दो साल पूरे किए थे। इस मौके पर उनकी एक तस्वीर सामने आई थी। जिसमें वह अपनी एक मूर्ति के साथ खड़े थे। आसपास काफी भीड़ थी। दावा किया गया कि बोस ने खुद अपने स्टैच्यू का इनॉगरेशन किया। राजभवन अधिकारी बोला- एक मूर्तिकार ने स्टैच्यू गिफ्ट किया था राजभवन के एक अधिकारी के मुताबिक, राज्यपाल ने राजभवन में अपनी किसी प्रतिमा का अनावरण नहीं किया और न ही इसे राजभवन के परिसर में कहीं स्थापित किया। यह बिल्कुल गलत जानकारी है। एक मूर्तिकार द्वारा प्रतिमा राज्यपाल को भेंट की गई थी। उन्होंने कहा, कई कलाकार अपनी कलाकृतियां राज्यपाल को सौंपते हैं। चित्रकार ने उनके चित्र बनाए और उन्हें भेंट किया। इसी तरह, एक मूर्तिकार ने बोस की प्रतिमा बनाकर उन्हें भेंट की। दुर्भाग्यवश इसे अपनी ही प्रतिमा का अनावरण बताया गया है। राज्यपाल बोस का बंगाल सरकार से कई मुद्दों पर टकराव दो साल पहले 23 नवंबर 2022 को आनंद बोस ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बाद बंगाल के राज्यपाल का पद संभाला था। अपने कार्यकाल के दौरान, राज्यपाल बोस का बंगाल सरकार के साथ कई मुद्दों पर टकराव हुआ है, जिनमें स्टेट यूनिवर्सिटीज के वीसी की जॉइनिंग और कोलकाता पुलिस कर्मियों द्वारा कथित जासूसी और व्यक्तिगत हमले शामिल हैं। .............. ये खबर भी पढ़ें...

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