परमवीर चक्र विजेताओं को अब मिलेगी ₹1.5 करोड़ की अनुग्रह राशि
कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर सीएम धामी का वीर सैनिकों को तोहफा। देहरादून/खटीमा। उत्तराखंड सरकार ने एक बार फिर साबित किया है कि वह न केवल देवभूमि, बल्कि वीरभूमि के सम्मान की भी सच्ची हितैषी है। कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए …

परमवीर चक्र विजेताओं को अब मिलेगी ₹1.5 करोड़ की अनुग्रह राशि
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लेखक: साक्षी शर्मा, नेहा रावत
कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड सरकार ने परमवीर चक्र विजेताओं के लिए अनुग्रह राशि को ₹50 लाख से बढ़ाकर ₹1.5 करोड़ करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। यह घोषणा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर की, जिससे वीर सैनिकों को एक नई संजीवनी मिली है।
देहरादून/खटीमा। मुख्यमंत्री धामी ने यह महत्वपूर्ण घोषणा खटीमा स्थित एक सैनिक सम्मान समारोह में की, जो कि उनके पिता स्वर्गीय सूबेदार शेर सिंह धामी की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित किया गया था। इससे यह साबित होता है कि उत्तराखंड सरकार न केवल देवभूमि की बल्कि वीरभूमि के सम्मान के प्रति भी अपनी प्रतिबद्धता को दर्शा रही है।
समारोह का उद्देश्य
इस कार्यक्रम का उद्देश्य सशस्त्र बलों के जवानों और उनके परिवारों को समाज में उचित स्थान दिलाना तथा उनके प्रति सम्मान बढ़ाना है। मुख्यमंत्री ने सैनिक कल्याण विभाग के इस प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी, जिससे सरकार का समर्पण स्पष्ट होता है।
पिछले योगदान और वर्तमान स्थिति
पर्वतीय प्रदेश उत्तराखंड ने हमेशा देश की रक्षा हेतु अपने वीरजवानों को प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जून 2022 तक परमवीर चक्र विजेताओं को ₹30 लाख की अनुग्रह राशि मिलती थी, जिसे 10 जून 2022 को बढ़ाकर ₹50 लाख किया गया था। अब मुख्यमंत्री धामी ने इस राशि को ₹1.5 करोड़ कर दिया है, जो कि पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ता है। यह न केवल पूर्व सैनिकों के योगदान को सम्मानित करता है बल्कि देश की सुरक्षा में उनके बलिदान को भी स्वीकारता है।
मुख्यमंत्री धामी का संदेश
जब मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हमारे देश की सीमाएं हमारे वीर सैनिकों के शौर्य, साहस और बलिदान के कारण सुरक्षित हैं। हर एक नागरिक का कर्तव्य है कि वह उनके बलिदान का सम्मान करे,” तो यह संदेश सभी के लिए प्रेरणा देने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड से अनगिनत वीर योद्धा हॉंसी-हॉंसी तक की शान हैं, और राज्य सरकार उनके कल्याण के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
यह निर्णय केवल एक प्रशासनिक घोषणा नहीं, बल्कि उन वीरों के प्रति एक सच्ची कृतज्ञता है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी है। यह उनके परिजनों को यह अहसास दिलाता है कि देश उनकी त्याग और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।
समापन
इस ऐतिहासिक घोषणा से न केवल परमवीर चक्र विजेताओं को आर्थिक सुरक्षा प्राप्त होगी, बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक संदेश भी प्रसारित करेगी कि सरकारी तंत्र अपने सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति हमेशा संवेदनशील और समर्पित है।
इस प्रकार के निर्णय सशस्त्र बलों के प्रति हमारी जिम्मेदारी को दर्शाते हैं और देशवासियों को यह याद दिलाते हैं कि हर एक सैनिक का बलिदान एक अनमोल धरोहर है।
इसके लिए हम सभी को उचित सम्मान देना चाहिए और इन्हें समाज में एक विशेष स्थान दिलाने के लिए आगे आना चाहिए। आप अधिक अपडेट के लिए यहाँ क्लिक करें
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