पहलगाम हमले के पीड़ितों को मिले मुआवजा:तहसील के मुख्य गेट पर पुतला जलाया, गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग

सीतापुर के लहरपुर में राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने पहलगाम हमले का विरोध किया। संगठन के मंडल अध्यक्ष अजीत कुमार वर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने लहरपुर गेट से तहसील तक मार्च किया। उन्होंने हिंदुस्तान जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। तहसील के मुख्य गेट पर आतंकवाद का पुतला फूंका। एसडीएम की अनुपस्थिति में तहसीलदार मनीष त्रिपाठी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। घायलों के लिए मांगा मुआवजा ज्ञापन में तीन प्रमुख मांगें रखी गईं। पहली मांग में हमले में मृतकों के परिवारों को 50 लाख रुपए और घायलों को चिकित्सा खर्च का मुआवजा देने की मांग की गई। दूसरी मांग में घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति के गठन की मांग की गई। समिति में स्वतंत्र विशेषज्ञ और न्यायिक सदस्यों को शामिल करने की मांग की गई। जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग 90 दिनों में जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग भी की गई। तीसरी मांग में गृहमंत्री से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की मांग की गई। कार्यक्रम में राम लखन जायसवाल, नुरुल हक, बुनियाद हुसैन, अमन निगम समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

Apr 26, 2025 - 16:00
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पहलगाम हमले के पीड़ितों को मिले मुआवजा:तहसील के मुख्य गेट पर पुतला जलाया, गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग
सीतापुर के लहरपुर में राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने पहलगाम हमले का विरोध किया। संगठन के मंडल अध

पहलगाम हमले के पीड़ितों को मिले मुआवजा: तहसील के मुख्य गेट पर पुतला जलाया, गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के पीड़ितों को मुआवजा प्रदान किया गया है, जिससे प्रभावित परिवारों को कुछ राहत मिली है। इस घटनाक्रम के बाद, स्थानीय लोगों ने तहसील के मुख्य गेट पर गृहमंत्री का पुतला जलाकर अपनी नाराजगी व्यक्त की और गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की। यह कदम स्थानीय नागरिकों की गहरी चिंता और असंतोष को दर्शाता है, जो सुरक्षा के मुद्दों को लेकर सरकार के प्रति असंतुष्ट हैं।

मुआवजे की जानकारी और प्रतिक्रिया

पीड़ितों को मिली सहायता राशि विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत प्रदान की गई है, जिससे कुछ हद तक उनका दर्द कम हो सकता है। हालांकि, स्थानीय लोग इसे पर्याप्त नहीं मानते। उनका कहना है कि मुआवजा केवल आर्थिक सहायता नहीं बल्कि पीड़ितों के सम्मान और सुरक्षा की भी बात करता है। मुआवजे की राशि की घोषणा के बाद, एक सशक्त प्रदर्शन हुआ, जिसमें नागरिकों ने गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की और सुरक्षा के विषय में सरकार के ठोस कदम उठाने का आह्वान किया।

सुरक्षा और स्थिरता का सवाल

पहलगाम जैसे क्षेत्रों में सुरक्षा हमेशा एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। नागरिकों का कहना है कि सरकार को सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इसके लिए स्थानीय नेताओं और राजनीतिक पार्टियों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। इस प्रकार की घटनाओं से न केवल प्रभावित परिवारों पर असर पड़ता है, बल्कि समाज के समग्र मनोबल पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

निष्कर्ष

पहलगाम हमले के पीड़ितों की मदद करना हमारे समाज की जिम्मेदारी है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने चाहिए। उमंग और सुरक्षा से भरपूर भविष्य के लिए, सभी को मिलकर काम करना होगा। स्थानीय लोगों की आवाज सुनना और आवश्यक सुधार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, हम आपको सलाह देते हैं कि अधिक जानकारियों के लिए News by indiatwoday.com पर अवश्य जाएं। Keywords: पहलगाम हमला, मुआवजा पीड़ितों, गृहमंत्री इस्तीफा, तहसील गेट पुतला जलाना, जम्मू-कश्मीर सुरक्षा, स्थानीय प्रदर्शन, आर्थिक मदद, पीड़ित परिवार राहत, सरकारी योजनाएं, नागरिक असंतोष

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