पाकिस्तानी सेना बोली- ट्रेन हाईजैक के सभी बंधक छुड़ाए गए:28 सैनिकों की मौत, 33 विद्रोही ढेर; बलूच लड़ाकों का दावा- हमने 100 सैनिक मारे
पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने बुधवार रात 9:30 बजे ट्रेन हाईजैक खत्म होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि 33 बलूच लड़ाकों को मार गिराया है। इस ऑपरेशन में कुछ बंधक भी मारे गए हैं। उन्होंने बताया कि बाकी सभी बंधकों को रिहा करा लिया गया है। वहीं, पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ ने कहा कि हमारे सैनिकों ने कई विद्रोहियों को नरक भेज दिया है। न्यूज एजेंसी AFP ने पाकिस्तान आर्मी के हवाले से बताया है कि ट्रेन में यात्रा कर रहे 27 ऑफ ड्यूटी पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं, जबकि 1 सैनिक रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मारा गया। ट्रेन हाईजैक करने वाली बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का दावा है कि उसने दो दिन में 100 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक मार गिराए हैं। इनमें से 60 को बुधवार को ही मारा गया है। बलूच आर्मी ने मंगलवार दोपहर 1 बजे जाफर ट्रेन के 450 पैसेंजर्स को बंधक बनाया था। इन्हें छुड़ाने का ऑपरेशन लगभग 36 घंटे चला। पाकिस्तानी आर्मी अफसर ने बताया कि 346 बंधकों को छुड़ा लिया गया है। 10 पाइंट्स में समझिए अब तक क्या क्या हुआ... लड़ाकों की कैद से रिहा पैसेंजर्स की तस्वीर... बंधकों की आपबीती- पहचान पत्र चेक किए, ऐसा लगा जैसे कयामत आ गई BLA के बलूच लड़ाके बोले- ये हमारे हक की लड़ाई BLA की तरफ से बुधवार शाम एक ऑडियो भी जारी किया गया। इसमें कहा गया कि यह इंसाफ और जिंदा रहने की लड़ाई है। हम ट्रेन हाईजैक के इस ऑपरेशन में शामिल हुए हैं क्योंकि यह हमारे हक की लड़ाई है। हम बलूच लोगों से कहना चाहते हैं कि वह इस संघर्ष में शामिल हो और इसका हिस्सा बने। हम ये लड़ाई आपके लिए लड़ रहे हैं। आज हमने इस ट्रेन को हाईजैक किया। हमारे साथ आपके लिए और इस जमीन के लिए अपना खून बहा रहे हैं। हालांकि अभी तक इस ऑडियो की पुष्टि नहीं हुई है। इससे पहले मंगलवार को BLA ने बयान जारी कर कहा था कि अगर हमारे खिलाफ कोई मिलिट्री ऑपरेशन करने की कोशिश की गई तो हम सभी बंधकों को मार देंगे। इस कत्ल-ए-आम की जिम्मेदारी पाकिस्तानी सेना की होगी। चीन बोला- पाकिस्तान के साथ सुरक्षा सहयोग बढ़ाएंगे चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने बलूचिस्तान में ट्रेन पर हमले का निंदा की है। उन्होंने कहा है कि चीन किसी भी तरह के आतंकवाद का विरोध करता है। हम आतंकवाद से लड़ने और इलाके में स्थिरता बनाए रखने के लिए पाकिस्तान का समर्थन जारी रखेंगे। माओ ने कहा कि चीन पाकिस्तान के साथ आतंकवाद विरोधी और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए काम करने को तैयार है। दरअसल, बलूचिस्तान से होकर गुजरने वाले चीन के CPEC प्रोजेक्ट का बलूच आर्मी विरोध करती है। लगभग 500 अरब डॉलर वाले इस प्रोजेक्ट को लेकर BLA का कहना है कि ग्वादर पोर्ट पर स्थानीय बलूच लोगों के अधिकारों को खत्म किया जा रहा है। इसका विरोध जताने के लिए पिछले 4 साल में BLA ने 76 हमले किए हैं जिनमें 1156 पाक फौजी मारे जा चुके हैं। बलूचिस्तान के बोलान जिले में हुआ हमला जाफर एक्सप्रेस मंगलवार सुबह 9 बजे क्वेटा से पेशावर के लिए चली थी। इसके सिबि पहुंचने का टाइम 1.30 बजे था। इससे पहले ही दोपहर करीब 1 बजे बलूचिस्तान के बोलान जिले के माशकाफ इलाके में बलूच लिबरेशन आर्मी ने गुडालार और पीरू कुनरी के बीच इस हमले को अंजाम दिया। यह पहाड़ी इलाका है, जहां 17 सुरंगें हैं, इसके चलते ट्रेन को धीमी स्पीड पर चलाना पड़ता है। इसका फायदा उठाकर BLA ने ट्रेन पर हमला किया। सबसे पहले बलूच आर्मी ने माशकाफ में टनल नंबर-8 में रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया। इससे जाफर एक्सप्रेस डिरेल हो गई। इसके बाद BLA ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में ट्रेन का ड्राइवर भी घायल हुआ। इस ट्रेन में सुरक्षाबल, पुलिस और ISI के एजेंट्स सफर कर रहे थे। सभी पंजाब जा रहे थे। इन्होंने BLA के हमले का जवाब दिया, लेकिन BLA ने ट्रेन पर कब्जा कर लिया। इस दौरान कई सुरक्षाकर्मी मारे गए। घटना की जानकारी मिलने पर पाकिस्तान आर्मी ने BLA पर जमीनी फायरिंग की और हवा से बम भी बरसाए, लेकिन BLA लड़ाकों ने किसी तरह आर्मी के जमीनी ऑपरेशन को रोक दिया। पिछले साल 25 और 26 अगस्त 2024 की आधी रात BLA ने इस ट्रेन के रूट में कोलपुर और माच के बीच एक ब्रिज को उड़ा दिया था। इसके चलते ट्रेन की सर्विस रोक दी गई थी। 11 अक्टूबर 2024 से ट्रेन सर्विस फिर से शुरू हो गई थी। बलूचिस्तान के 590 करोड़ टन खनिज पर चीन की नजर पाकिस्तान की सरकार बलूचिस्तान से बलूचों को खदेड़ने के लिए बार-बार सैन्य कार्रवाई करती रही है। इस कार्रवाई की दो बड़ी वजह हैं। पहली- बलूचिस्तान की भौगोलिक स्थिति, जो इसे दुनिया के कुछ सबसे अमीर स्थानों में खड़ा कर देती है। दरअसल, यह इलाका पाक के दक्षिण-पश्चिम में है, जिसके क्षेत्रफल में ईरान और अफगानिस्तान की भी जमीनें शामिल हैं। यह 3.47 लाख वर्ग किमी में फैला है। इस हिसाब से यह पाक का सबसे बड़ा प्रांत है। देश का 44% भूभाग यहीं है, जबकि इतने बड़े क्षेत्र में पाक की कुल आबादी के सिर्फ 3.6% यानी 1.49 करोड़ लोग ही रहते हैं। दूसरी, इस जमीन के नीचे मौजूद तांबा, सोना, कोयला, यूरेनियम और अन्य खनिजों का अकूत भंडार। इससे यह पाक का सबसे अमीर राज्य भी है। यहां की रेको दिक खान दुनिया की सोने और तांबे की खदानों में से एक है। यह चगाई जिले में है, जहां 590 करोड़ टन खनिज होने का अनुमान है। इसके प्रति टन भंडार में 0.22 ग्राम सोना और 0.41% तांबा है। इस हिसाब से इस खान में 40 करोड़ टन सोना छिपा है। जिसकी अनुमानित कीमत 174.42 लाख करोड़ रुपए तक हो सकती है। इसके बावजूद यह इलाका पाकिस्तान के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक है। पाकिस्तान ये बेशकीमती खदानें चीन को देकर अपनी किस्मत चमकाना चाहता है। उस पर 124.5 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है, जो उसकी GDP का 42% है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है बलूचिस्तान में कई लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद वे एक आजाद देश के तौर पर रहना चाहते थे, लेकिन बिना उनकी मर्जी से उन्हें पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया था। इस वजह से बलूचिस्तान में सेना और

पाकिस्तानी सेना बोली- ट्रेन हाईजैक के सभी बंधक छुड़ाए गए
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घटनाक्रम का संक्षिप्त विवरण
पाकिस्तान की सेना ने हाल ही में घोषणा की है कि उसने ट्रेन हाईजैक के शिकार हुए सभी बंधकों को सुरक्षित छुड़ा लिया है। इस ऑपरेशन में 28 सैनिकों ने जान गंवाई जबकि 33 विद्रोहियों को मार गिराया गया है। घटनास्थल पर पाकिस्तानी बलूच विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने 100 से अधिक सैनिकों को मार दिया है, जो कि इस स्थिति को और भी गंभीर बनाता है।
पाकिस्तानी सेना का बयान
सेना के प्रवक्ता ने बताया कि यह एक कठिन और चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन था जिसमें उच्च जोखिम के बावजूद बंधकों को बचाया गया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के दौरान सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया और बंधकों की सुरक्षा प्रथम प्राथमिकता थी।
बलूच विद्रोहियों का दवा
वहीं, बलूच विद्रोही संगठन ने अपने एक बयान में इसे एक सफल हमले के रूप में पेश किया है। उनका कहना है कि इस हमले में उन्होंने पाकिस्तान की सेना को क्षति पहुंचाई है और इसका प्रभाव आगे भी देखने को मिलेगा। ऐसे में यह स्थिति दोनों पक्षों के लिए गंभीर हो सकती है।
क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिति
यह घटनाक्रम पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हो रहा है, जहां प्रायः विद्रोही गतिविधियाँ होती रहती हैं। इस क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति को देखते हुए कई जानकार इसे एक महत्वपूर्ण घटना मान रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि बलूच विद्रोहियों ने अपनी गतिविधियों को बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे स्थानीय सुरक्षा बलों समेत पूरे देश पर असर पड़ सकता है।
भविष्य की चुनौतियाँ
इस घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा रणनीतियों में बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। अब देखना यह होगा कि सरकार और सेना किस प्रकार इस चुनौती का सामना करते हैं। अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय का इस मामले पर क्या रुख रहेगा, यह भी महत्वपूर्ण होगा।
अंत में, यह घटना न केवल पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र में स्थिरता के लिए भी खतरा बन चुकी है।
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