सलमान रुश्दी पर हमला करने वाला दोषी करार:23 अप्रैल को सजा सुनाई जाएगी, 30 साल से ज्यादा की कैद हो सकती है
भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला करने वाले हादी मतार (27 साल) को न्यूयॉर्क की एक अदालत ने हत्या की कोशिश और हमले का दोषी माना है। मतार ने अगस्त 2022 में न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान रुश्दी पर चाकू से 15 बार हमला किया था। रुश्दी के सिर, गर्दन, धड़ और बाईं हथेली पर गंभीर चोटें आई थीं। उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी। नस कट जाने के वजह से एक हाथ लकवाग्रस्त हो गया था। इसके अलावा उनके लीवर और आंतों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा था। मतार की सजा की तारीख 23 अप्रैल तय की गई है। माना जा रहा है कि उसे अब 30 साल से ज्यादा जेल हो सकती है। रुश्दी ने कोर्ट में खुद गवाही दी, कहा- लगा कि मरने वाला हूं न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा काउंटी कोर्ट में इस मामले की 2 सप्ताह तक सुनवाई चली। कोर्ट ने मतार को रुश्दी का इंटरव्यू ले रहे हेनरी कीज को घायल करने का भी दोषी माना। कीज को सिर में मामूली चोट लगी थी। रुश्दी पर जब यह हमला हुआ तब उस कमरे में 1000 से ज्यादा लोग थे। इस मामले में सुनवाई के दौरान 77 साल के सलमान रुश्दी ने खुद अदालत में गवाही दी। रुश्दी ने जूरी को बताया कि शुरू में उन्हें लगा कि हमलावर ने उन्हें मुक्का मारा है। लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि उनके कपड़ों से बहुत ज्यादा खून निकल रहा है। उन पर कई बार चाकू से हमला हुआ। इस दौरान उन्हें लगा कि वह मरने वाले हैं। रुश्दी ने अदालत में खराब हो चुकी दाहिनी आंख को दिखाने के लिए अपने काले लेंस वाले चश्मे को भी हटाया। रुश्दी ने शरीर के उन हिस्सों की ओर भी इशारा किया जहां उन्हें चाकू लगी थी। लेखक ने कहा कि अब वे पहले जितने ऊर्जावान नहीं रहे। वहीं, दोषी करार दिए गए मतार ने अपने बचाव में गवाही नहीं दी। उसके वकील ने भी अपने किसी भी गवाह को बुलाने से इनकार कर दिया। रुश्दी पर हमला क्यों हुआ था? भारत में एक मुस्लिम कश्मीरी परिवार में जन्मे सलमान रुश्दी ने साल 1988 में 'सैटेनिक वर्सेज' नाम की उपन्यास लिखी थी। मुस्लिम पैगंबर मुहम्मद के जीवन से प्रेरित इस उपन्यास ने कुछ मुसलमानों में आक्रोश पैदा कर दिया था। उन्होंने इसे ईशनिंदा माना था। प्रकाशित होने के बाद इस किताब को भारत समेत कई देशों में प्रतिबंधित कर दिया गया था। 1989 में ईरान की इस्लामिक क्रांति के नेता अयातुल्ला खुमैनी ने रुश्दी के खिलाफ मौत का फतवा जारी कर दिया था। हमले के बाद मतार ने न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में खुमैनी की तारीफ की थी। मतार ने कहा था कि रुश्दी एक बुरे इंसान हैं जिन्होंने इस्लाम पर हमला किया है। मतार कहा कि उसने इस किताब के कुछ पन्ने ही पढ़े। मातर का जन्म लेबनान में हुआ था। कम उम्र में ही उसका परिवार अमेरिका में बस गया था। मतार शिया चरमपंथ और ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के प्रति सहानुभूति रखता है। पकड़े जाने के बाद उसके पास एक फेक ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला था। भारत समेत कई देशों में ‘द सैटेनिक वर्सेस’ बैन रुश्दी को 10 साल से मिला था पुलिस प्रोटेक्शन रुश्दी करीब 10 साल से पुलिस प्रोटेक्शन में थे। 1998 में तब के ईरानी राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी ने कहा- अब हम रुश्दी को कत्ल किए जाने का समर्थन नहीं करते। हालांकि, फतवा फिर भी वापस नहीं लिया गया। रुश्दी ने इस बारे में एक संस्मरण ‘जोसेफ एंटन’ भी लिखा। इसके बाद से रुश्दी न्यूयॉर्क में सुकून की जिंदगी गुजार रहे थे। 2019 में उन्होंने अपने नए उपन्यास क्विहोते लिखा।

सलमान रुश्दी पर हमला करने वाला दोषी करार: 23 अप्रैल को सजा सुनाई जाएगी, 30 साल से ज्यादा की कैद हो सकती है
हाल ही में, मशहूर लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले के संदर्भ में महत्वपूर्ण अदालती निर्णय लिया गया है। एक अदालत ने हमले के आरोपी को दोषी करार दिया है, जिसके परिणामस्वरूप उसे 23 अप्रैल को सजा सुनाई जाएगी। इस मामले ने न केवल साहित्य की दुनिया में बल्कि व्यापक समाज में भी चर्चा का विषय बन गया है। सलमान रुश्दी, जिनकी रचनाएँ विवादास्पद मानी जाती हैं, पर हुए इस हमले ने उनकी सुरक्षा को लेकर अनेक प्रश्न उठाए हैं।
आरोपी की स्थिति और गिरफ्तारी
हमला करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था, और उसके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे। अभियोजन पक्ष ने यह साबित किया कि आरोपी ने जानबूझकर रुश्दी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया था, जिससे उनके जीवन को खतरा पैदा हुआ। इस मामले में न्यायालय ने आरोपी की गतिविधियों को गंभीरता से लिया है।
सजा का महत्व और संभावित अवधि
आगामी सजा सुनवाई में यह तय होगा कि आरोपी को कितनी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि उसे 30 साल से ज्यादा की कैद का सामना करना पड़ सकता है, जो इस बात का संकेत है कि अदालत इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है। यह निर्णय न केवल रुश्दी के समर्थन में एक मजबूत संकेत बनेगा, बल्कि यह साहित्यिक नैतिकता की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।
सलमान रुश्दी का प्रभाव और प्रतिक्रिया
सलमान रुश्दी ने इतिहास में अपनी लेखनी के जरिए अनेक नमत्स देने का काम किया है। उनके लेखन से भले ही कुछ विवाद हुए हों, वे हमेशा धार्मिक और राजनीतिक विचारों को चुनौती देते आए हैं। इस हमले के बाद, रुश्दी को समर्थन देने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो स्वतंत्रता के अधिकार और अभिव्यक्ति की रक्षा के लिए आगे आ रहे हैं।
इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि साहित्यिक और विचारधारात्मक स्वतंत्रता को खतरा हो सकता है। ऐसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि हमें अपने विचारों को स्वतंत्रता से व्यक्त करने का साहस रखना चाहिए।
अंत में, यह मामला न केवल सलमान रुश्दी के लिए, बल्कि सभी लेखकों और विचारकों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह सजा सुनवाई हमारे समाज में विचारों की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने का एक मौका है। News by indiatwoday.com Keywords: सलमान रुश्दी पर हमला, सलमान रुश्दी दोषी करार, हमला करने वाला दोषी, 23 अप्रैल सजा, 30 साल कैद, सलमान रुश्दी सुरक्षा, साहित्यिक स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, आरोपी की गिरफ्तारी, सलमान रुश्दी प्रभाव
What's Your Reaction?






