ब्लू ओरिजिन का न्यू ग्लेन रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च:13 मिनट में मिशन पूरा किया; 98 मीटर लंबे रॉकेट में 7 इंजन लगे हैं
ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के फाउंडर और अरबपति जेफ बेजोस की स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन ने गुरुवार को न्यू ग्लेन रॉकेट की सफल टेस्टिंग की है। रॉकेट को स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 2 बजे अमेरिकी राज्य फ्लोरिडा से लॉन्च किया गया। रॉकेट ने पहले ही प्रयास में ये सफलता हासिल की है। इससे पहले इसकी लॉन्चिंग टाली गई थी। रॉकेट से एक प्रोटोटाइप उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया गया। लॉन्च होने के 13 मिनट बाद ही इसने अपना मिशन पूरा किया। इस विशाल रॉकेट की लंबाई 98 मीटर है। इसे चंद्रमा तक अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिहाज से डिजाइन किया गया है। रॉकेट में 7 इंजन हैं। रॉकेट की फर्स्ट स्टेज अलग होने से पहले सभी इंजन को 3 मिनट से अधिक समय तक चालू रखा गया था। रॉकेट को उसी लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया है जहां से 50 साल पहले मेरिनर और पायनियर अंतरिक्ष यान को लॉन्च किया था। बूस्टर की सफल लैंडिंग नहीं हो सकी रॉकेट लॉन्चिंग के अलावा इसके बूस्टर को सुरक्षित तरीके से समुद्र में उतारने का प्लान था। हालांकि बूस्टर अपनी निर्धारित जगह पर नहीं उतर सका। इस पर जेफ बेजोस ने माफी भी मांगी। इन बूस्टर को दोबारा में इस्तेमाल में लाने के लिहाज से डिजाइन किया गया है। इसे स्पेसएक्स के फाल्कन रॉकेट की तर्ज पर तैयार किया गया है, जिससे की फ्यूचर मिशन में लगने वाली लागत के कम किया जा सके। बूस्टर को समुद्र में जैकलिन नाम के एक प्लेटफॉर्म पर लैंड करना था। इस प्लेटफॉर्म का नाम बेजोस ने अपनी मां के नाम पर रखा है। लैंडिग के वक्त बूस्टर का इंजन चालू होने से पहले ही, रॉकेट से लाइव डेटा कट गया। मार्स मिशन में हो सकता है रॉकेट का इस्तेमाल न्यू ग्लेन रॉकेट अपना पहला आधिकारिक मिशन इसी साल पूरा कर सकता है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा इस साल मंगल ग्रह पर दो आर्बिटर लॉन्च करना चाहता है। इसके लिए नासा ब्लू ओरिजिन के रॉकेट का इस्तेमाल करना चाहता है। ब्लू ओरिजिन के पास कई कमर्शियल मिशन भी हैं। इनमें अमेजन के इंटरनेट सेटेलाइट को लॉन्च करने से जुड़ी मिशन भी शामिल है। ब्लू ओरिजन को उम्मीद है कि ये रॉकेट 3000 किग्रा तक वजन वाले सेटेलाइट को ले जाने में सक्षम होगा। ------------------------ स्पेस मिशन से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें.... अंतरिक्ष में डॉकिंग करने वाला चौथा देश बना भारत:इसरो ने दो स्पेसक्राफ्ट जोड़े, 30 दिसंबर को लॉन्च हुआ था स्पेडेक्स मिशन भारत अंतरिक्ष में दो स्पेसक्राफ्ट को सक्सेसफुली डॉक करने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन ही ऐसा करने में सफल रहे हैं। इसरो ने बताया कि 16 जनवरी को सुबह डॉकिंग एक्सपेरिमेंट को पूरा किया गया। पूरी खबर यहां पढ़ें...

ब्लू ओरिजिन का न्यू ग्लेन रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च: 13 मिनट में मिशन पूरा किया
ब्लू ओरिजिन ने अपने न्यू ग्लेन रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है, जो अंतरिक्ष की ओर यात्रा करने वाले आधुनिक रॉकेटों में से एक है। इस मिशन ने इन्फ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी नवाचार के संदर्भ में एक नई मिसाल कायम की है। न्यू ग्लेन रॉकेट, जिसकी लंबाई 98 मीटर है, एक भव्य तकनीकी उपलब्धि है और इसमें 7 शक्तिशाली इंजन लगे हुए हैं।
रॉकेट की विशेषताएँ
न्यू ग्लेन रॉकेट की बनावट और डिजाइन इसे अन्य रॉकेटों से अलग बनाते हैं। 98 मीटर की ऊँचाई और 7 इंजन की विशेषता इसे एक शक्तिशाली उड़ान प्रदर्शन प्रदान करती है। न्यू ग्लेन का यह प्रदर्शन यह दर्शाता है कि ब्लू ओरिजिन तकनीकी दृष्टि से कितनी उन्नत है। यह रॉकेट न केवल व्यावसायिक उपग्रहों के लिए, बल्कि अन्य रिसर्च मिशनों के लिए भी उपयुक्त है।
मिशन का समय
इस मिशन में ब्लू ओरिजिन ने 13 मिनट में अपने लक्ष्यों को पूरा किया, जो किसी भी रॉकेट मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण समय सीमा है। 13 मिनट के भीतर रॉकेट ने अपनी निर्धारित ऊँचाई पर पहुँचने के बाद अपने पेलोड को सुरक्षित रूप से छोड़ा। यह प्रदर्शन रॉकेट विज्ञान की प्रगति का एक महत्वपूर्ण संकेत है।
भविष्य की योजनाएँ
ब्लू ओरिजिन के लिए यह लॉन्च केवल एक शुरुआत है। कंपनी ने अगले चरण में अंतरिक्ष पर्यटन, भारी पेलोड लॉन्चिंग और अंतरिक्ष में निवास को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। न्यू ग्लेन जैसे रॉकेटों के साथ, ब्लू ओरिजिन अपने मिशनों को और भी अधिक प्रशासनिक और सामर्थ्य बनाने की दिशा में अग्रसर है। इसके अलावा, कंपनी ने आने वाले समय में और भी अधिक सफल लॉन्च की उम्मीद की है।
इस प्रकार, न्यू ग्लेन का लॉन्च न केवल तकनीकी सफलता है, बल्कि यह भविष्य की अंतरिक्ष यात्रा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी है। ब्लू ओरिजिन का यह प्रयास साबित करता है कि वे अंतरिक्ष प्रवास की दिशा में गंभीरता से काम कर रहे हैं।
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