नेपाल में राजशाही के समर्थन में प्रदर्शन:काठमांडू में हिंसा, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे; एक घायल

नेपाल में हिंदू राष्ट्र की बहाली को लेकर शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के तिनकुने में एक इमारत में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर भी फेंके, जिसके जवाब में सुरक्षाकर्मियों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस घटना में एक युवक के घायल होने की भी खबर है। इस आंदोलन में 40 से ज्यादा नेपाली संगठन शामिल हुए। प्रदर्शनकारी राजा आओ देश बचाओ, भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद और हमें राजशाही वापस चाहिए, जैसे नारे लगा रहे थे। नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र ने 19 फरवरी को प्रजातंत्र दिवस के अवसर पर लोगों से समर्थन मांगा था। इसके बाद से ही देश में ‘राजा लाओ, देश बचाओ’ आंदोलन को लेकर तैयारियां चल रही थीं।

Mar 28, 2025 - 16:00
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नेपाल में राजशाही के समर्थन में प्रदर्शन:काठमांडू में हिंसा, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे; एक घायल
नेपाल में हिंदू राष्ट्र की बहाली को लेकर शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने काठ

नेपाल में राजशाही के समर्थन में प्रदर्शन: काठमांडू में हिंसा, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे; एक घायल

हाल ही में नेपाल की राजधानी काठमांडू में राजशाही के समर्थन में आयोजित एक बड़े प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने नेपाल की गणतंत्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और राजशाही पुनर्स्थापना की मांग की। दुर्भाग्यवश, यह प्रदर्शन तेजी से तनावपूर्ण स्थिति में बदल गया, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस घटना में एक व्यक्ति घायल हो गया है।

प्रदर्शन का कारण और पृष्ठभूमि

नेपाल में हाल के वर्षों में राजशाही और गणतंत्र के बीच बहस तेज हो गई है। कई नागरिक राजशाही के समय को बेहतर मानते हैं, जबकि अन्य इसे पीछे हटने का कदम मानते हैं। यह प्रदर्शन राजशाही समर्थकों द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। पुलिस ने उनके कार्यों को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया, जिसके चलते हिंसा की स्थिति उत्पन्न हुई।

पुलिस की प्रतिक्रिया

प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या और उग्रता के बावजूद, पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए विभिन्न उपाय अपनाए। आंसू गैस के गोले दागने के अलावा, उन्होंने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कैनन का भी सहारा लिया। इस कार्रवाई से कुछ लोगों का घायल होना एक चिंताजनक मुद्दा है।

स्थानीय प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएं

स्थानीय लोगों ने इन सरकारी कार्रवाइयों की आलोचना की है और दावा किया है कि इस तरह की हिंसा से स्थिति और अधिक बिगड़ती है। कई लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या नेपाल वास्तव में सुरक्षा बलों के अधिकतम शक्ति का उपयोग करने के लिए तैयार है या नहीं। आगे के दिनों में, यह देखना होगा कि क्या इस तरह के प्रदर्शन जारी रहेंगे या स्थिति सामान्य हो जाएगी।

जानकारी के अनुसार, इससे पहले भी नेपाल में ऐसे कई प्रदर्शन हुए हैं, जिनका लक्ष्य राष्ट्र की राजनीतिक संरचना में परिवर्तन लाना है।

इस संदर्भ में और अपडेट्स के लिए, कृपया indiatwoday.com पर जाएं।

निष्कर्ष

काठमांडू में हाल में हुए प्रदर्शनों ने नेपाल के राजनीतिक वातावरण में एक नया ज्वाला जला दिया है। यह स्पष्ट है कि राजशाही और गणतंत्र के बीच का संघर्ष समाप्त नहीं हुआ है। भविष्य की राजनीतिक स्थिरता के लिए, सभी पक्षों को संवाद और सहमति के माध्यम से समाधान की दिशा में बढ़ना होगा।

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