शेयर मार्केट में निवेश के लिए रिस्क मैनेजमेंट जरूरी:₹10,000 रुपए से ट्रेडिंग कर रहे तो नुकसान ₹200 तक सीमित रखें, ध्यान रखें 6 बातें

शेयर मार्केट में निवेश से जितने ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है, जोखिम भी उतना ही ज्यादा होता हैै। ऐसे में एक सफल पोर्ट फोलियो बनाने के लिए रिस्क मैनेजमेंट समझना जरूरी है। इससे नुकसान की संभावना घटती है। निवेश यात्रा सुचारू रूप से चलती है। मोटे तौर पर सिस्टमैटिक व अनसिस्टमैटिक दो तरह के रिस्क होते हैं। सिस्टमैटिक रिस्क सभी को प्रभावित करता है। यह मंदी, भू-राजनीतिक घटनाओं, बाजार में गिरावट, महंगाई व प्राकृतिक आपदाओं जैसी वजह से होता है। अनसिस्टमैटिक रिस्क व्यक्तिगत निवेश या सेक्टर के हिसाब से होता है। इसे पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन के माध्यम से कम किया जा सकता है। रिस्क मैनेजमेंट के लिए यहां 6 रणनीतियां बता रहे हैं जिन्हें हर निवेशक को जानना चाहिए... 1. डाइवर्सिफिकेशन: अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश करें यह रिस्क मैनेजमेंट की प्रमुख रणनीति है। आप जोखिम उठाने की क्षमता, वित्तीय लक्ष्यों और तय अवधि के आधार पर निवेश को अलग-अलग एसेट क्लास जैसे शेयर, बॉन्ड, रियल एस्टेट, सोना-चांदी में लगाएं। फायदा: डाइवर्सिफिकेशन किसी एक एसेट क्लास के कमजोर प्रदर्शन के असर को कम करती है। यदि शेयर मार्केट में गिरावट है तो सोना-चांदी या रियल एस्टेट में तेजी से इसकी भरपाई हो सकती है। 2. किसी ट्रेड पर कुल निवेश का 2% से ज्यादा घाटा न होने दें इस नियम के मुताबिक, किसी भी एक शेयर पर नुकसान कुल ट्रेडिंग पूंजी के 2% से ज्यादा न होने दें। यदि आपने 10,000 रुपए निवेश किए हैं, तो 2% नियम यह सुनिश्चित करेगा कि आप केवल 200 रुपए (10,000 का 2%) तक ही नुकसान का जोखिम उठाएंगे। फायदा: इससे नुकसान कम रखने में मदद मिलती है। किसी भी भावनात्मक या मानसिक असर से बच सकते हैं। 3. 3-5-7 का रूल, नुकसान ट्रेडिंग पूंजी के 7% से ज्यादा न हो 3-5-7 का नियम एक सीधी रिस्क मैनेजमेंट रणनीति है जो प्रत्येक पर्सनल ट्रेड पर जोखिम को सीमित करती है। 3% वह जोखिम है जो आप अपनी ट्रेडिंग पूंजी पर लेते हैं। सभी ट्रेडों में कुल जोखिम 5% तक सीमित रखें। पोर्टफोलियो का अधिकतम घाटा ट्रेडिंग पूंजी के 7% से ज्यादा न हो। फायदा: ये नियम रिस्क-रिवार्ड बैलेंस करने में मदद करता है, रिटर्न के साथ ही सेफ्टी नेट भी प्रदान करता है। 4. हेजिंग... शेयर के दाम गिरने से बचने के लिए पुट ऑप्शन लें निवेश में संभावित नुकसान की भरपाई के लिए ऑप्शन या फ्यूचर जैसे साधन इस्तेमाल किए जा सकते हैं। यदि आपके पास शेयर हैं, तो आप उसकी कीमतों में गिरावट से बचने के लिए पुट ऑप्शन खरीद सकते हैं। अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश बांट भी सकते हैं। फायदा: हेजिंग से निवेश के जोखिम घटते हैं। विपरीत बाजार स्थितियों से होने वाले संभावित घाटे से बचाव होता है। 5. स्टॉप-लॉस: स्टॉप-लॉस ऑर्डर एक ऐसा तरीका है जिसमें आप किसी स्टॉक को एक निश्चित कीमत पर पहुंचने के बाद बेचने के लिए रख देते हैं। फायदा: यह संभावित नुकसान को सीमित करने और निवेश की सुरक्षा करने में मदद करता है। 6. इमरजेंसी फंड बनाएं: निवेश की रकम के अलावा अपने पास अन्य आवश्यक खर्चों के लिए इमरजेंसी फंड रखें। फायदा: इमरजेंसी फंड होने से आप अपने निवेश को घाटे पर बेचने से बच सकते हैं।

Mar 31, 2025 - 10:59
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शेयर मार्केट में निवेश के लिए रिस्क मैनेजमेंट जरूरी:₹10,000 रुपए से ट्रेडिंग कर रहे तो नुकसान ₹200 तक सीमित रखें, ध्यान रखें 6 बातें
शेयर मार्केट में निवेश से जितने ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है, जोखिम भी उतना ही ज्यादा होता है

शेयर मार्केट में निवेश के लिए रिस्क मैनेजमेंट जरूरी

शेयर मार्केट में निवेश करना एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन सही रिस्क मैनेजमेंट के साथ इसे सफलतापूर्वक किया जा सकता है। यदि आप ₹10,000 रुपए से ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो यह अत्यंत आवश्यक है कि आप अपने नुकसान को ₹200 तक सीमित रखें। इस लेख में, हम आपके लिए कुछ उपयोगी सलाह और महत्वपूर्ण बातें लेकर आए हैं जो आपके निवेश को सुरक्षित रखने में मदद करेंगी।

पहली बात: अपने निवेश का गोल तय करें

शेयर मार्केट में निवेश करते समय, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने निवेश का स्पष्ट गोल तय करें। आप किस उद्देश्य से निवेश कर रहे हैं? क्या यह दीर्घकालिक है या छूट अवधि के लिए? इस बात को ध्यान में रखें क्योंकि इससे आपकी रणनीतियाँ प्रभावित होंगी।

दूसरी बात: रिस्क को समझें

शेयर मार्केट में निवेश करते समय रिस्क को समझना आवश्यक है। यह जान लें कि कौन से तत्व आपके निवेश को प्रभावित कर सकते हैं। बाजार की स्थितियाँ, कंपनी के प्रदर्शन, और वैश्विक आर्थिक स्थिति सभी जोखिम फैक्टर हैं।

तीसरी बात: स्टॉप-लॉस ऑर्डर का प्रयोग करें

स्टॉप-लॉस ऑर्डर एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो आपके नुकसान को सीमित करने में मदद करता है। यदि आप जानते हैं कि बाजार किस दिशा में जा रहा है, तो आप अपने निवेश को सुरक्षित रखने के लिए इस ऑर्डर का उपयोग कर सकते हैं।

चौथी बात: विविधता सबसे अच्छा उपाय है

अपने निवेश को विविधित करना एक कुशल रणनीति है। विभिन्न सेक्टर्स में निवेश करें ताकि किसी एक क्षेत्र में नुकसान हो तो अन्य क्षेत्रों से आपके निवेश को संतुलित किया जा सके।

पांचवीं बात: ज्ञान बढ़ाना

शेयर मार्केट में सफल होने के लिए आपको लगातार सीखते रहना चाहिए। संबंधित पुस्तकों को पढ़ें, वित्तीय समाचारों का अनुसरण करें, और वेबिनार या ऑनलाइन कोर्स में भाग लें।

छठी बात: धैर्य रखें

बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य हैं। किसी भी समयpanicking से बचें। धैर्य रखें और सोच-समझकर निर्णय लें। अव्वल निवेशक वह होते हैं जो धैर्य से काम लेते हैं।

इस प्रकार, जब आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो इन सहायक तरीकों का पालन करें और अपने रिस्क को काबू में रखें। इन बिंदुओं के साथ, आप निवेश में सफलता की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

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