ट्रम्प ने सबसे बड़े मिलिट्री अफसर को हटाया:अश्वेत जनरल ने 2020 में ब्लैक लाइव्स मैटर को सपोर्ट किया था; 5 और रक्षा अधिकारी बर्खास्त

डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार की रात देश के सबसे बड़े मिलिट्री अफसर को अचानक हटा दिया। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सेना के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन सी क्यू ब्राउन जूनियर समेत रक्षा विभाग के 6 अफसरों को निकाल दिया गया है। जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ अमेरिका में सबसे सीनियर अफसर होता है। कानून के मुताबिक यह राष्ट्रपति का मुख्य सैन्य सलाहकार होता है। आम तौर पर चेयरमैन चार का कार्यकाल पूरा करता है लेकिन सी क्यू सिर्फ 16 महीने ही पद पर रह पाए। सी क्यू ने 2020 में एक अश्वेत शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद शुरू हुए ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन का सार्वजनिक तौर पर समर्थन किया था। तब ट्रम्प राष्ट्रपति के पद पर थे। ट्रम्प के 2020 चुनाव में हुई हार के पीछे इस आंदोलन की बड़ी भूमिका मानी जाती है। सी क्यू के अलावा 5 और पैंटागन अफसर बर्खास्त हुए हैं। इनमें पहली बार नौसेना की जिम्मेदारी संभालने वाली महिला अफसर एडमिरल लिसा फ्रैंचेटी, एयर फोर्स के डिप्टी चीफ जेम्स स्लाइफ के अलावा आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के 3 टॉप वकील शामिल हैं। फिलहाल इनके नामों का खुलासा नहीं हुआ है। 4 स्टार अफसर की जगह रिटायर्ड 3 स्टार अफसर को जिम्मेदारी सी क्यू अमेरिकी सैन्य इतिहास में दूसरे ब्लैक अफसर थे जो इस पद तक पहुंचे थे। वे 4 स्टार लड़ाकू फाइटर हैं। उनकी जगह रिटायर 3 स्टार वायु सेना जनरल डैन केन को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। ट्रम्प और डैन केन की मुलाकात 2018 में इराक में हुई थी। तब केन ने कहा था कि वे ट्रम्प के लिए जान भी दे सकते हैं। ट्रम्प इससे काफी खुश हुए थे। ट्रम्प ने बाद में आरोप लगाया कि उनकी वजह से बाइडेन ने डैन केन का प्रमोशन नहीं किया। वे 4 स्टार अफसर बनने के काबिल थे।

Feb 22, 2025 - 10:00
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ट्रम्प ने सबसे बड़े मिलिट्री अफसर को हटाया:अश्वेत जनरल ने 2020 में ब्लैक लाइव्स मैटर को सपोर्ट किया था; 5 और रक्षा अधिकारी बर्खास्त
डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार की रात देश के सबसे बड़े मिलिट्री अफसर को अचानक हटा दिया। न्यूयॉर्क टा

ट्रम्प ने सबसे बड़े मिलिट्री अफसर को हटाया

2020 में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के समर्थन में रहने वाले अश्वेत जनरल को हटाने का निर्णय राष्ट्रपति ट्रम्प ने लिया है। इस घटनाक्रम ने रक्षा विभाग में हलचल मचा दी है, जहां 5 और रक्षा अधिकारियों को भी बर्खास्त किया गया है। राष्ट्रपति ट्रम्प के इस कदम के पीछे के कारणों पर कई विश्लेषक विचार कर रहे हैं, जिनमें से यह भी एक प्रमुख कारण है कि उन्होंने उन अधिकारियों को हटाया जो पिछले आंदोलनों के समर्थन में खड़े हुए थे।

क्या है मामला?

ट्रम्प प्रशासन ने अमेरिका में चल रहे कई सामाजिक आंदोलनों के बीच अपने खड़े होने के तरीके को स्पष्ट किया है। अश्वेत जनरल ने 2020 में जब सड़कों पर प्रदर्शन होते हुए ब्लैक लाइव्स मैटर का समर्थन किया, तब उनकी स्थिति को लेकर सवाल उठने लगे थे। राष्ट्रपति ट्रम्प ने रक्षाकर्मी की इस स्थिति को नकारात्मक रूप से देखा और उसे हटाने का निर्णय लिया।

रक्षा विभाग में बदलाव

इस बर्खास्तगी से यह भी संकेत मिलता है कि ट्रम्प प्रशासन रक्षा विभाग में किसी भी प्रकार के विचारधारात्मक अंतर को बर्दाश्त नहीं करने के लिए तत्पर है। पाँच अन्य अधिकारियों की बर्खास्तगी ने यह बात स्पष्ट कर दी है कि राष्ट्रपति अपने विचारों के समर्थकों को ही प्राथमिकता दे रहे हैं।

प्रतिक्रियाएँ और चर्चा

विभिन्न सामाजिक हलकों में इस मामले पर चर्चाएँ हो रही हैं। कई लोग इसे लोकतंत्र के लिए खतरे के रूप में देख रहे हैं, जबकि कुछ इसे ट्रम्प के सख्त निर्णयों का हिस्सा मानते हैं। ट्रम्प के समर्थन में खड़े लोग इसे सही ठहरा रहे हैं, वहीं विपक्षी दल इसे अशांति का कारण बता रहे हैं।

यह मामला केवल एक बर्खास्तगी नहीं है, बल्कि यह अमेरिका में मौजूदा राजनीतिक और सामाजिक संघर्षों की गहराई का प्रतीक है। ट्रम्प के द्वारा उठाए गए इस कदम ने न केवल मिलिट्री में बल्कि नागरिक समाज में भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

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