पीडब्ल्यूडी में प्रस्तावों के वित्तीय मंजूरी की कवायद शुरू:लखनऊ में डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने सीएम को लिखा था पत्र

यूपी डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ की मांग के बाद पीडब्ल्यूडी में सड़कों के निर्माण और मरम्मत के प्रस्तावों को हरी झंंडी देने की कवायद शुरू हो गई है। बीते दिनों संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्राप्तियों की मंजूरी देने के लिए मांग की थी। इस मांग के बाद विभाग में आनन - फानन मंजूरी और आपत्ति देने का काम शुरू हो गया है। सात माह से अटकी मंजूरी उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग इस सत्र में आए प्रस्तावों पर बीते सात माह से वित्तीय मंजूरी नहीं दे पा रहा था। वित्तीय स्वीकृतियां न मिलने के कारण प्रदेश में नई सड़कों का निर्माण और पुरानी सड़कों की मरम्मत ठप हो गई थी। लोगों की असुविधा और अधिक समय बीतने के कारण जनप्रतिनिधियों का दबाव भी विभाग पर बढ़ने लगा था। वीडियो कॉल से निरीक्षण का किया था विरोध इधर विभाग ने संघ और जनप्रतिनिधियों के बढ़ते दबाव के चलते सड़कों की विशेष मरम्मत के लिए वीडियो कॉल को माध्यम बनाने का निर्णय लिया। इस नए फरमान का भी डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ की ओर से विरोध किया गया। इस प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष इंजीनियर एनडी द्विवेदी ने प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष को पत्र लिखा। उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए निरीक्षण की व्यवस्था को नियम विरुद्ध और अव्यवहारिक बताया। उन्होंने कहा कि विभागीय सर्कुलर, शासनादेश और वित्तीय हस्तपुस्तिका में वीडियो कॉल के माध्यम से निरीक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। ये हैं निरीक्षण का नियम उन्होंने कहा कि आमतौर पर 40 लाख रुपए से कम के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण अधिशासी अभियंता और 40 लाख रुपए से अधिक के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण अधीक्षण अभियंता द्वारा मौके पर जाकर किया जाता है। दोनों के द्वारा निरीक्षण टिप्पणी जारी करने के बाद ही कार्य का आगणन तैयार होता है। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने यह भी बताया कि वीडियो कॉल द्वारा निरीक्षण में सड़कों पर गड्ढों की गहराई का सटीक आंकलन संभव नहीं है। सभी क्षेत्रों में नेटवर्क की उपलब्धता भी एक चुनौती है। इसके अलावा विभाग ने निरीक्षण के लिए आवश्यक संसाधन जैसे मोबाइल और डाटा पैकेज भी उपलब्ध नहीं कराए हैं। संघ ने इस नए व्यवस्था का विरोध किया था।

Nov 4, 2024 - 19:00
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पीडब्ल्यूडी में प्रस्तावों के वित्तीय मंजूरी की कवायद शुरू:लखनऊ में डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने सीएम को लिखा था पत्र
यूपी डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ की मांग के बाद पीडब्ल्यूडी में सड़कों के निर्माण और मरम्मत के प्रस्तावों को हरी झंंडी देने की कवायद शुरू हो गई है। बीते दिनों संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्राप्तियों की मंजूरी देने के लिए मांग की थी। इस मांग के बाद विभाग में आनन - फानन मंजूरी और आपत्ति देने का काम शुरू हो गया है। सात माह से अटकी मंजूरी उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग इस सत्र में आए प्रस्तावों पर बीते सात माह से वित्तीय मंजूरी नहीं दे पा रहा था। वित्तीय स्वीकृतियां न मिलने के कारण प्रदेश में नई सड़कों का निर्माण और पुरानी सड़कों की मरम्मत ठप हो गई थी। लोगों की असुविधा और अधिक समय बीतने के कारण जनप्रतिनिधियों का दबाव भी विभाग पर बढ़ने लगा था। वीडियो कॉल से निरीक्षण का किया था विरोध इधर विभाग ने संघ और जनप्रतिनिधियों के बढ़ते दबाव के चलते सड़कों की विशेष मरम्मत के लिए वीडियो कॉल को माध्यम बनाने का निर्णय लिया। इस नए फरमान का भी डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ की ओर से विरोध किया गया। इस प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष इंजीनियर एनडी द्विवेदी ने प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष को पत्र लिखा। उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए निरीक्षण की व्यवस्था को नियम विरुद्ध और अव्यवहारिक बताया। उन्होंने कहा कि विभागीय सर्कुलर, शासनादेश और वित्तीय हस्तपुस्तिका में वीडियो कॉल के माध्यम से निरीक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। ये हैं निरीक्षण का नियम उन्होंने कहा कि आमतौर पर 40 लाख रुपए से कम के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण अधिशासी अभियंता और 40 लाख रुपए से अधिक के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण अधीक्षण अभियंता द्वारा मौके पर जाकर किया जाता है। दोनों के द्वारा निरीक्षण टिप्पणी जारी करने के बाद ही कार्य का आगणन तैयार होता है। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने यह भी बताया कि वीडियो कॉल द्वारा निरीक्षण में सड़कों पर गड्ढों की गहराई का सटीक आंकलन संभव नहीं है। सभी क्षेत्रों में नेटवर्क की उपलब्धता भी एक चुनौती है। इसके अलावा विभाग ने निरीक्षण के लिए आवश्यक संसाधन जैसे मोबाइल और डाटा पैकेज भी उपलब्ध नहीं कराए हैं। संघ ने इस नए व्यवस्था का विरोध किया था।

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