पीलीभीत में खाद की कालाबाजारी:किसान बोले-निजी दुकानों पर 250 रुपए महंगी मिल रही खाद, कैसे लगे खेतों में फसल

पीलीभीत में इन दिनों खाद की उपलब्धता न होने के कारण किसान काफी परेशान हैं। किसानों का कहना है कि जिले भर में अधिकांश जगह पर खाद उपलब्ध नहीं है। प्राइवेट दुकानों पर खाद तो उपलब्ध है, लेकिन उसकी कालाबाजारी हो रही है। जिस पर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। दरअसल यूपी के तमाम अलग-अलग इलाकों में इन दोनों खाद की किल्लत है। जिसको लेकर योगी सरकार भी गंभीर है, योगी सरकार ने तमाम जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश जारी कर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में दैनिक भास्कर की टीम ने भी खाद की उपलब्धता को लेकर ग्राउंड पर उतरकर मामले की पड़ताल की, तो पता लगा कि जिले भर में खाद की कालाबाजारी का खेल जारी है। किसानों की नहीं मिल रही खाद पीलीभीत मंडी में स्थित इफको के किसान सेवा केंद्र पर किसानों की काफी भीड़ नजर आई, लेकिन किसानों को खाद नहीं मिली किसानों का कहना है कि गेहूं जैसी फसलों की बुवाई करने के लिए डीएपी और एनपीके खाद की जरूरत होती है। इसकी उपलब्धता सहकारी समितियां पर न के बराबर है। किसानों का कहना है कि यह खाद प्राइवेट दुकानों पर तो उपलब्ध है, लेकिन सरकारी रेट 1470 होने के बाद भी इसको 1600 से ₹1700 तक बेचा जा रहा है। जिससे साफ तौर पर किसानों की जेब पर भार पड़ रहा है। खुलेआम कालाबाजारी,अफसर मौन जिले भर में खाद की कालाबाजारी का खेल चल रहा है, लेकिन अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते किसानों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अलग-अलग क्षेत्र के किसान सहकारी समितियां के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनको खाद नहीं मिल पा रही। जिला कृषि अधिकारी बोले-जांचकर होगी कार्रवाई मामले पर जानकारी देते हुए जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल ने बताया जिलेभर में खाद की उपलब्धता है, खाद की कोई कमी नहीं है। कालाबाजारी अगर कहीं हो रही है तो उस पर कार्रवाई होगी। एआर कोऑपरेटिव प्रदीप सिंह से जब खाद की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि जिलेभर की सभी कोऑपरेटिव के अधिकार क्षेत्र में आने वाली सोसाइटियों पर खाद उपलब्ध है।

Nov 6, 2024 - 11:25
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पीलीभीत में खाद की कालाबाजारी:किसान बोले-निजी दुकानों पर 250 रुपए महंगी मिल रही खाद, कैसे लगे खेतों में फसल
पीलीभीत में इन दिनों खाद की उपलब्धता न होने के कारण किसान काफी परेशान हैं। किसानों का कहना है कि जिले भर में अधिकांश जगह पर खाद उपलब्ध नहीं है। प्राइवेट दुकानों पर खाद तो उपलब्ध है, लेकिन उसकी कालाबाजारी हो रही है। जिस पर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। दरअसल यूपी के तमाम अलग-अलग इलाकों में इन दोनों खाद की किल्लत है। जिसको लेकर योगी सरकार भी गंभीर है, योगी सरकार ने तमाम जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश जारी कर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में दैनिक भास्कर की टीम ने भी खाद की उपलब्धता को लेकर ग्राउंड पर उतरकर मामले की पड़ताल की, तो पता लगा कि जिले भर में खाद की कालाबाजारी का खेल जारी है। किसानों की नहीं मिल रही खाद पीलीभीत मंडी में स्थित इफको के किसान सेवा केंद्र पर किसानों की काफी भीड़ नजर आई, लेकिन किसानों को खाद नहीं मिली किसानों का कहना है कि गेहूं जैसी फसलों की बुवाई करने के लिए डीएपी और एनपीके खाद की जरूरत होती है। इसकी उपलब्धता सहकारी समितियां पर न के बराबर है। किसानों का कहना है कि यह खाद प्राइवेट दुकानों पर तो उपलब्ध है, लेकिन सरकारी रेट 1470 होने के बाद भी इसको 1600 से ₹1700 तक बेचा जा रहा है। जिससे साफ तौर पर किसानों की जेब पर भार पड़ रहा है। खुलेआम कालाबाजारी,अफसर मौन जिले भर में खाद की कालाबाजारी का खेल चल रहा है, लेकिन अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते किसानों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अलग-अलग क्षेत्र के किसान सहकारी समितियां के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनको खाद नहीं मिल पा रही। जिला कृषि अधिकारी बोले-जांचकर होगी कार्रवाई मामले पर जानकारी देते हुए जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल ने बताया जिलेभर में खाद की उपलब्धता है, खाद की कोई कमी नहीं है। कालाबाजारी अगर कहीं हो रही है तो उस पर कार्रवाई होगी। एआर कोऑपरेटिव प्रदीप सिंह से जब खाद की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि जिलेभर की सभी कोऑपरेटिव के अधिकार क्षेत्र में आने वाली सोसाइटियों पर खाद उपलब्ध है।

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