पूर्व मंत्री कैलाशनाथ चौरसिया समेत परिजनों-थानाध्यक्ष के खिलाफ वाद दायर:वाराणसी कोर्ट के आदेश के बावजूद संपत्ति कब्जाने की कोशिश, सविल जज ने तलब की रिपोर्ट
वाराणसी के सिविल जज जूनियर डिवीज़न (द्वितीय) शक्ति सिंह की अदालत में सोमवार को पूर्व मंत्री कैलाश नाथ चौरसिया के खिलाफ परिवार दायर हुआ। कंटेप्ट ऑफ कोर्ट में प्रदीप चौरसिया ने पूर्व मंत्री की पत्नी जानकी देवी के अलावा सीमा देवी, लक्ष्मी देवी, भतीजे शुभम चौरसिया, रितिक चौरसिया समेत परिजनों को भी नामजद किया है। इसके अलावा थानाध्यक्ष लक्सा को न्यायालय के अवहेलना-अवमानना का भी आरोपी बताया है। कोर्ट ने वादी प्रदीप चौरसिया के वाद को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तिथि तय की है। अदालत में वादी प्रदीप चौरसिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक कुमार दुबे ने पक्ष रखा। समाजवादी पार्टी की सरकार में पूर्व राज्यमंत्री और पूर्व विधायक कैलाश नाथ चौरसिया मूलत: मिर्जापुर के महुअरिया निवासी और वर्तमान में वाराणसी में रहते हैं। रामापुरा लक्सा निवासी प्रदीप चौरसिया ने कोर्ट को बताया कि लक्सा पर उनका होटल ओके है। पंजीकृत डीड पट्ट्टाकर्ता कैलाशनाथ, जानकी देवी, सीमा देवी व लक्ष्मी देवी जरिए मुख्तारेआम ओमप्रकाश चौरसिया से प्राप्त किया है। उक्त लीज 19 दिसम्बर 2023 को उपनिबंधक प्रथम, वाराणसी के कार्यालय में पंजीकृत है। अब ये सभी लोग संपत्ति पर कब्जे की नीयत से मारपीट और गाली-गलौज पर आमादा रहते थे, जिस कारण वादी ने सिविल जज (जूडि) तृतीय में वाद प्रदीप चौरसिया बनाम कैलाशनाथ वगैरह दाखिल किया था। कोर्ट के आदेश को नहीं मान रहे पूर्व मंत्री न्यायालय ने सम्पूर्ण भवन को यथास्थिति कायम रखने का आदेश 9 अप्रैल 2024 को पारित किया लेकिन पुलिस की मिलीभगत से जबरदस्ती बेदखल करने का प्रयास कर रहे हैं। कोर्ट का आदेश मानने से इनकार करते हुए प्रतिवादीगण उपभोग एवं व्यवसाय में व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं। प्रार्थी व प्रार्थी के कर्मचारियों को मारपीट कर जबरिया भगा रहे हैं। वादी ने बताया कि प्रतिवादी कैलाशनाथ चौरसिया पूर्व सपा विधायक व मंत्री रह चुके हैं, जिनकी पहुंच उपर तक है और रसूखदार व्यक्त्ति हैं। जिसकी वजह से थाना इलाका की पुलिस भी इनके साथ मिली हुई है। विपक्षीगण द्वारा विवादित स्थल पर निषेधाज्ञा आदेश प्रभावी रहने के बावजूद बराबर कब्ज़ा करने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि न्यायालय के आदेश के विरुद्ध है। विपक्षीगण न्यायालय के अवमानना के दोषी है।
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