पूर्वी लद्दाख में चीन से 35km दूर सबसे ऊंची एयरफील्ड:इसके 3km लंबे रनवे का 95% काम पूरा; प्रोजेक्ट हिमांक के लिए -4º में काम जारी

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ पांच साल से जारी तनाव अब खत्म होने लगा है, लेकिन इस दौरान भारत ने उस सुदूर इलाके में कई अहम प्रोजेक्ट लगभग पूरे कर लिए हैं। इन्हीं में से एक है देश की सबसे ऊंची एयरफील्ड, जो इन दिनों पूर्वी लद्दाख के न्योमा उपखंड के मुद गांव में 13,700 फीट (4175.76 मी.) ऊपर आकार ले रही है। इसके 3 किमी लंबे रनवे का काम 95% पूरा हो चुका है। एटीसी का काम पूरा होते ही अगले साल एयरफील्ड सेना के लिए शुरू हो जाएगी। प्रोजेक्ट हिमांक के तहत सेना की बॉर्डर रोड्स टास्क फोर्स टीम माइनस 4 डिग्री तापमान में काम करके पूरा कर रही है। बीआरटीएफ कमांडर कर्नल पोनुंग डोमिंग के मुताबिक यह देश का सबसे ऊंचा हवाई अड्डा होगा, जो एलएसी से सिर्फ 35 किमी तो लद्दाख से 200 किमी दूर है। 2 दिन नहीं, 2 घंटे में बॉर्डर पहुंचेंगे भारी हथियार 15300 फीट ऊपर हानले में टास्क फोर्स का नेतृत्व कर रहीं कर्नल डोमिंग ने बताया कि पिछले साल सितंबर में इस एयरफील्ड की आधारशिला रखी गई थी। इसे केसीसी बिल्डकॉन प्राइवेट लि. बना रही है। लागत 218 करोड़ रु. है। अभी 250 मजदूर माइनस 4 डिग्री में भी काम कर रहे हैं। अगले साल से यहां सभी तरह के रक्षा विमान आसानी से उतर सकेंगे। अभी एलएसी पर भारी रक्षा उपकरण पहुंचाने हों, तो पहले उन्हें 200 किमी दूर लेह स्थित केबीआर एयरपोर्ट लाना पड़ता है। फिर वहां से सड़क मार्ग से एलएसी लाते हैं। लेकिन, नई एयरफील्ड बनने के बाद सिर्फ दो घंटे में भारी हथियार एलएसी पहुंच जाएंगे। यहां सर्दियों में तापमान माइनस 35 डिग्री तक गिर जाता है, लेकिन हमने तब भी काम नहीं रोका। कर्नल डोमिंग अरुणाचल की पहली महिला सैन्य अधिकारी हैं, जो कर्नल रैंक पर पदोन्नत हुईं। जीवंत प्रोजेक्ट के तहत वीरान गांव फिर से बसने लगे हैं... इस प्रोजेक्ट के लिए मुद गांव को इसलिए चुना गया, ताकि एलएसी के निकट के वीरान इलाके जीवंत हो सकें। सरकार ने इसे जीवंत गांव कार्यक्रम नाम दिया है। मुद में हवाई पट्‌टी के पास दुकानें बनने लगी हैं। ग्रामीणों को उम्मीद है कि इस साल सर्दियों में चंडीगढ़ से ताजी सब्जियां मिलने लगेंगी। चीन में 4411 मी. ऊपर बनी है दुनिया की सबसे ऊंची एयरफील्ड दक्षिण चीन के सिचुआन प्रांत में बना दोआचेंग यैडिंग एयरपोर्ट दुनिया में सबसे ऊंचा है। यह समुद्र तल से 4411 मी. ऊपर बना है। अभी दुनिया के 10 सबसे ऊंचे एयरपोर्ट हैं, उनमें 8 चीन में हैं। इनमें 7 एयरपोर्ट 4 हजार मी. ऊपर स्थित हैं। जबकि दो एयरफील्ड बोलीविया में हैं। ---------------------------------- पूर्वी लद्दाख से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन की सेनाएं पीछे हटना शुरू, गलवान जैसी झड़प टालने के लिए अलग-अलग दिन पेट्रोलिंग करेंगी भारत और चीन की सेनाएं शुक्रवार, 25 अक्टूबर से पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटना शुरू हो गई हैं। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग पॉइंट में दोनों सेनाओं ने अपने अस्थायी टेंट और शेड हटा लिए हैं। गाड़ियां और मिलिट्री उपकरण भी पीछे ले जाए जा रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें...

Oct 29, 2024 - 10:45
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पूर्वी लद्दाख में चीन से 35km दूर सबसे ऊंची एयरफील्ड:इसके 3km लंबे रनवे का 95% काम पूरा; प्रोजेक्ट हिमांक के लिए -4º में काम जारी
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ पांच साल से जारी तनाव अब खत्म होने लगा है, लेकिन इस दौरान भारत ने उस सुदूर इलाके में कई अहम प्रोजेक्ट लगभग पूरे कर लिए हैं। इन्हीं में से एक है देश की सबसे ऊंची एयरफील्ड, जो इन दिनों पूर्वी लद्दाख के न्योमा उपखंड के मुद गांव में 13,700 फीट (4175.76 मी.) ऊपर आकार ले रही है। इसके 3 किमी लंबे रनवे का काम 95% पूरा हो चुका है। एटीसी का काम पूरा होते ही अगले साल एयरफील्ड सेना के लिए शुरू हो जाएगी। प्रोजेक्ट हिमांक के तहत सेना की बॉर्डर रोड्स टास्क फोर्स टीम माइनस 4 डिग्री तापमान में काम करके पूरा कर रही है। बीआरटीएफ कमांडर कर्नल पोनुंग डोमिंग के मुताबिक यह देश का सबसे ऊंचा हवाई अड्डा होगा, जो एलएसी से सिर्फ 35 किमी तो लद्दाख से 200 किमी दूर है। 2 दिन नहीं, 2 घंटे में बॉर्डर पहुंचेंगे भारी हथियार 15300 फीट ऊपर हानले में टास्क फोर्स का नेतृत्व कर रहीं कर्नल डोमिंग ने बताया कि पिछले साल सितंबर में इस एयरफील्ड की आधारशिला रखी गई थी। इसे केसीसी बिल्डकॉन प्राइवेट लि. बना रही है। लागत 218 करोड़ रु. है। अभी 250 मजदूर माइनस 4 डिग्री में भी काम कर रहे हैं। अगले साल से यहां सभी तरह के रक्षा विमान आसानी से उतर सकेंगे। अभी एलएसी पर भारी रक्षा उपकरण पहुंचाने हों, तो पहले उन्हें 200 किमी दूर लेह स्थित केबीआर एयरपोर्ट लाना पड़ता है। फिर वहां से सड़क मार्ग से एलएसी लाते हैं। लेकिन, नई एयरफील्ड बनने के बाद सिर्फ दो घंटे में भारी हथियार एलएसी पहुंच जाएंगे। यहां सर्दियों में तापमान माइनस 35 डिग्री तक गिर जाता है, लेकिन हमने तब भी काम नहीं रोका। कर्नल डोमिंग अरुणाचल की पहली महिला सैन्य अधिकारी हैं, जो कर्नल रैंक पर पदोन्नत हुईं। जीवंत प्रोजेक्ट के तहत वीरान गांव फिर से बसने लगे हैं... इस प्रोजेक्ट के लिए मुद गांव को इसलिए चुना गया, ताकि एलएसी के निकट के वीरान इलाके जीवंत हो सकें। सरकार ने इसे जीवंत गांव कार्यक्रम नाम दिया है। मुद में हवाई पट्‌टी के पास दुकानें बनने लगी हैं। ग्रामीणों को उम्मीद है कि इस साल सर्दियों में चंडीगढ़ से ताजी सब्जियां मिलने लगेंगी। चीन में 4411 मी. ऊपर बनी है दुनिया की सबसे ऊंची एयरफील्ड दक्षिण चीन के सिचुआन प्रांत में बना दोआचेंग यैडिंग एयरपोर्ट दुनिया में सबसे ऊंचा है। यह समुद्र तल से 4411 मी. ऊपर बना है। अभी दुनिया के 10 सबसे ऊंचे एयरपोर्ट हैं, उनमें 8 चीन में हैं। इनमें 7 एयरपोर्ट 4 हजार मी. ऊपर स्थित हैं। जबकि दो एयरफील्ड बोलीविया में हैं। ---------------------------------- पूर्वी लद्दाख से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन की सेनाएं पीछे हटना शुरू, गलवान जैसी झड़प टालने के लिए अलग-अलग दिन पेट्रोलिंग करेंगी भारत और चीन की सेनाएं शुक्रवार, 25 अक्टूबर से पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटना शुरू हो गई हैं। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग पॉइंट में दोनों सेनाओं ने अपने अस्थायी टेंट और शेड हटा लिए हैं। गाड़ियां और मिलिट्री उपकरण भी पीछे ले जाए जा रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें...

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