पौड़ी का कंडोलिया मैदान: अव्यवस्थाओं से जूझते युवा फुटबॉल प्रेमी
रैबार डेस्क: पौड़ी के ऐतिहासिक कंडोलिया मैदान फुटबॉल टूर्नामेंट के शानदार आयोजन के लिए जाना... The post अव्यवस्थाओं से बदहाल पौड़ी का ऐतिहासिक कंडोलिया मैदान, कीचड़ में खेलने को मजबूर युवा appeared first on Uttarakhand Raibar.
पौड़ी का कंडोलिया मैदान: अव्यवस्थाओं से जूझते युवा फुटबॉल प्रेमी
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लेखिका: नेहा शर्मा, सिया वर्मा, टीम इंडिया टुडे
कंडोलिया मैदान की निराशाजनक स्थिति
कम शब्दों में कहें तो पौड़ी का ऐतिहासिक कंडोलिया मैदान अब एक नकारात्मक छवि के रूप में उभर रहा है। यह मैदान पहले फुटबॉल टूर्नामेंट के शानदार आयोजन के लिए विख्यात था, लेकिन इस समय यह गंभीर अव्यवस्थाओं का सामना कर रहा है। चारों ओर फैली कीचड़ और गोबर ने इसे खेल प्रेमियों के लिए एक असहनीय जगह बना दिया है, जिससे उनके स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
युवाओं की दुर्दशा
पौड़ी के युवा फुटबॉल प्रेमियों में 150 से अधिक बच्चे शामिल हैं, जो अब इस मैदान में गोबर और कीचड़ में खेलने के लिए बाध्य हैं। उक्त स्थिति उनके लिए कितना निराशाजनक है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे प्रतियोगिताओं में विजय के सपने देख रहे थे, लेकिन अब उनके खेलने की सूरत यही सामने आ रही है।
अव्यवस्थाओं का साक्षात्कार
कंडोलिया मैदान की वर्तमान स्थिति का असली कारण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हालिया कार्यक्रम के दौरान मैदान पर टेंट लगाने से जुड़ा हुआ है। लेकिन बारिश के चलते यह आयोजन भी असफल रहा। टेंट उड़ जाने से मैदान में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई और यह कीचड़ और गोबर से भर गया। इस स्थिति के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है क्योंकि उन्होंने मैदान की सफाई की ओर न तो ध्यान दिया और न ही कोई ठोस कार्रवाई की।
प्रशासन की अपेक्षाएँ
पौड़ी के डीएम ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि बारिश के रुकने के बाद मैदान की सफाई और सुधार कार्य जल्द से जल्द किया जाएगा। हालांकि, असली चिंता का विषय यही है कि क्या प्रशासन वास्तव में इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का साहस दिखाएगा। खिलाड़ियों और उनके परिवारों के मन में यह चिंता बढ़ रही है।
अवश्यकता और भविष्य
कंडोलिया मैदान की फुटबॉल परंपरा को फिर से जिंदा करने की आवश्यकता है। खिलाड़ियों को स्वस्थ और सुरक्षित खेलने का माहौल सुनिश्चित करना हमारे प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो पौड़ी के युवा फुटबॉल प्रेमी हमेशा कीचड़ में खेलते रहेंगे। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम मिलकर इस समस्या को उठाएं ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।
अंत में यह कहना आवश्यक है कि पौड़ी के कंडोलिया मैदान की वर्तमान स्थिति हमें यह याद दिलाती है कि युवा खिलाड़ियों का भविष्य हमारे शासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। यह समय है कि हम एक आवाज बनकर इस मुद्दे को उठाएं।
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