प्रयागराज में तृतीय कुंभ कॉन्क्लेव का आगाज:MNNIT में उद्घाटन सत्र में वर्चुअल शामिल हुए वेंकैया नायडू, कहा- सच्चे अर्थों में आध्यात्मिक अनुभूति है महाकुंभ
प्रयागराज के MNNIT हॉल में आज सोमवार को तृतीय कुंभ कॉन्क्लेव का श्रीगणेश हुआ। उद्घाटन सत्र में देश के पूर्व राष्ट्रपति वेंकैया नायडू व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव वर्चुअल रूप से जुड़े। इसके यहां महाकुंभ को सफल बनाने को लेकर मंथन हुआ। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, “सनातन परंपरा में कुंभ एक स्नान मात्र नहीं है ब्लकि वर्ण आत्मशुद्धि का अवसर है, मैं किसी कारणवश आ नहीं सका लेकिन महाकुंभ में स्नान करने अवश्य आऊंगा.. कुंभ सच्चे अर्थों में आध्यात्मिक अनुभूति है। मुझे विश्वास है कुंभ कॉन्क्लेव में विद्वान आज के समय की चुनौतियों पर और समाधान पर चर्चा करेंगे।” कुंभ आस्था, संस्कृति और आध्यत्म का संगम : CM मोहन यादव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि कुंभ आस्था, संस्कृति और आध्यात्म का संगम है। मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि आध्यात्मिकता, संस्कृति का दिव्य संगम है कुंभ। महाकुंभ देश और दुनिया में चर्चा का विषय है। कुंभ एक महत्वपूर्ण और प्रासंगिक कार्यक्रम है तथा यह देश और दुनिया में चर्चा का विषय है। भारत का धर्म ही अध्यात्म है : राज्यपाल आरिफ केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारतीय संस्कृति केवल ऐसी संस्कृति है जो ज्ञान एवं प्रज्ञा के लिए जानी जाती है। भारत का धर्म ही अध्यात्म है। भारतीय संस्कृति के मनीषी संत भारतीय समाज के आदर्श रहे हैं। कुंभ प्रदर्शन नहीं बल्कि दर्शन है : स्वामी चिदानंद परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा, कुंभ प्रदर्शन नहीं बल्कि दर्शन है। संस्कार व्यवहार मे उतर सके इसलिए कुंभ की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कुंभ डिविजन के लिए नहीं विजन के लिए है।अतिथियों का स्वागत MNNIT के निदेशक प्रो. वर्मा ने किया तथा धन्यवाद अशोक मेहता ने किया। कार्यक्रम का संचालन इंडिया थिंक कॉउंसिल के निदेशक सौरभ पांडेय ने किया। इन विषयों पर हुई चर्चा
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