फतेहपुर जिला महिला अस्पताल के सीनियर सर्जन गिरफ्तार:सरकार, DM-CMO को गाली दी थी, कहा था- 24 घंटे ड्यूटी कर रहा हूं, बॉडी सुन्न हो गई

फतेहपुर की मलवां थाना पुलिस ने जिला महिला अस्पताल के सीनियर सर्जन डॉक्टर पीके गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है। उनका एक ऑडियो सामने आया था। जिसमें वह किसी तीमारदार से बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने शासन-प्रशासन समेत डीएम और सीएमओ को अपशब्द कहे थे। वहीं डॉक्टर ने आरोप लगाया था कि पूरे अस्पताल को एक ही डॉक्टर चला रहा। मैं 24 घंटे ड्यूटी कर रहा हूं। सरकार इस अस्पताल में डॉक्टर्स की पोस्टिंग क्यों नहीं कर रही। एक दिन देखना कुछ हो जाएगा। ऑडियो वायरल करने वाले युवक से उन्होंने गाली-गलौज की थी। जिसके बाद उन पर मुकदमा हुआ था। फतेहपुर जिला महिला अस्पताल में डॉक्टर पीके गुप्ता सीनियर सर्जन हैं। लगातार ड्यूटी करने के कारण वह खुद बीमार हो गए थे। इसी बीच उनका एक ऑडियो सामने आया था। जिसके बाद उन्होंने ऑडियो वायरल करने वाले युवक को फोन पर गाली दी थी। उसकी पत्नी के खिलाफ अश्लील बात कही थी। जान से मारने की धमकी दी थी। मलवां थाना क्षेत्र के रहने वाले युवक की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी डॉक्टर को जिला अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया। बीमार होने पर डॉक्टर ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग उनके साथ अमानवीय व्यवहार कर रहा है, जिससे उनकी सेहत बिगड़ी है। वह मानसिक तनाव में हैं। उनका कहना है कि अगर विभाग समय पर बाकी डॉक्टरों से काम ले, तो वह तनाव मुक्त होकर अपना काम कर सकते हैं। डॉक्टर गुप्ता ने यह भी कहा कि विभाग उनकी जान लेने पर तुले हुए हैं, क्योंकि लगातार काम की अत्यधिक दबाव से उनकी सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। वहीं मामले पर सामाजिक संगठनों ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से इस मामले में जल्द कार्रवाई करने की मांग की थी, ताकि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की स्थिति सुधारी जा सके और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो। थाना प्रभारी शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि एक युवक के शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्यवाही की जा रही है। अब पढ़िए डॉक्टर और तीमारदार की पूरी बातचीत… तीमारदार– साहब नमस्कार, छुट्टी पर तो नहीं हैं। डॉक्टर– नहीं, आज ड्यूटी पर नहीं हैं। तीमारदार– तो कौन है ड्यूटी पर है? डॉक्टर– कोई ड्यूटी पर नहीं है। तीमारदार–साहब, बहू हमारी गई है अस्पताल। डॉक्टर–हां तो वहां स्टाफ है, वही देखेगा। डॉक्टर रोशनी की ड्यूटी होती है तीन दिन। लेकिन मेडिकल कॉलेज खुल गया है। तो वहां जाना पड़ता है। वैसे भी वो प्रेग्नेंट हैं। आठवां महीना चल रहा है उनका। तो वो भी छुट्‌टी पर जाने वाली हैं। वो ऑपरेशन करती नहीं हैं। तीमारदार–तो साहब ये बताएं, हमारा पर्सनल काम है। कैसे बनेगा? डॉक्टर–वहां स्टाफ है उससे बता देंगे। जो भी नॉर्मल डिलीवरी होनी होगी। करा देगा। तीमारदार–साहब…मोनी द्विवेदी नाम है बहू का। देख लीजिए। फोन कर दीजिए। पॉसिबल हो, हाथ जोड़कर निवेदन है अगर आ जाएं दो घंटे के लिए। तीमारदार–नहीं...मैं कल 24 घंटे की ड्यूटी कर चुका हूं। जितना हो सकता था किया है। अकेला मैं लगा रहा। 10-10 ऑपरेशन किए। आठ डॉक्टर की पोस्टिंग है, लेकिन सरकार (आपत्तिजनक शब्द कहे) ये जनता यही डिजर्व ही करती है। एक डॉक्टर पूरा जिला चला रहा है। एक डॉक्टर है महिला जिला अस्पताल में। अब एक डॉक्टर तो पूरा मैनेज नहीं कर पाएगा। ये हालत है कि मेरे कमर के नीचे का हिस्सा सुन्न हो गया। 10-10 घंटे खड़े होकर ऑपरेशन करना, फिर ओपीडी करना। राउंड लेना। लेबर रूम में इमरजेंसी संभालना। आपत्तिजनक शब्द कहते हुए...क्या ये डीएम को नहीं पता, सीएमएस को नहीं पता या सीएमओ को नहीं पता। कितने डॉक्टर होने चाहिए। स्पेश्लिस्ट होने चाहिए। क्यों नहीं ला रहे हैं। कोई औकात है इन लोगों की। और जो 24 घंटे काम कर रहा उसको परेशान कर रहे। अभी सीएमएस को फोन कर(आपत्तिजनक शब्द कहे)। हमको आदेश दिया है कि रोज आठ से दो ओपीडी करिए। इनकी औकात है हमसे रोज ओपीडी कराएंगे। 40 हजार रुपए हमसे हर महीने लेते हैं। 24 घंटे ड्यूटी करने के बाद ये हालात हो जाती है शरीर की आदमी खड़ा नहीं हो सकता। हालात ये है कि मालिश कराने जा रहा हूं। पता नहीं शासन-प्रशासन क्या कर रहा है। पता नहीं क्यों ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं कर रहे हैं। जनहित में क्या नहीं करते है, जनहित में सभी काम होता है। कोई जिम्मेदार नहीं है। किसी के काम पर जूं नहीं रेंगती। तीमारदार– आप कहें तो खड़े हो जाएं आपके लिए दिन। डॉक्टर– नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। बहुत परेशान हैं। तीमारदार–ठीक है सर।

Nov 18, 2024 - 21:25
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फतेहपुर जिला महिला अस्पताल के सीनियर सर्जन गिरफ्तार:सरकार, DM-CMO को गाली दी थी, कहा था- 24 घंटे ड्यूटी कर रहा हूं, बॉडी सुन्न हो गई
फतेहपुर की मलवां थाना पुलिस ने जिला महिला अस्पताल के सीनियर सर्जन डॉक्टर पीके गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है। उनका एक ऑडियो सामने आया था। जिसमें वह किसी तीमारदार से बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने शासन-प्रशासन समेत डीएम और सीएमओ को अपशब्द कहे थे। वहीं डॉक्टर ने आरोप लगाया था कि पूरे अस्पताल को एक ही डॉक्टर चला रहा। मैं 24 घंटे ड्यूटी कर रहा हूं। सरकार इस अस्पताल में डॉक्टर्स की पोस्टिंग क्यों नहीं कर रही। एक दिन देखना कुछ हो जाएगा। ऑडियो वायरल करने वाले युवक से उन्होंने गाली-गलौज की थी। जिसके बाद उन पर मुकदमा हुआ था। फतेहपुर जिला महिला अस्पताल में डॉक्टर पीके गुप्ता सीनियर सर्जन हैं। लगातार ड्यूटी करने के कारण वह खुद बीमार हो गए थे। इसी बीच उनका एक ऑडियो सामने आया था। जिसके बाद उन्होंने ऑडियो वायरल करने वाले युवक को फोन पर गाली दी थी। उसकी पत्नी के खिलाफ अश्लील बात कही थी। जान से मारने की धमकी दी थी। मलवां थाना क्षेत्र के रहने वाले युवक की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी डॉक्टर को जिला अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया। बीमार होने पर डॉक्टर ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग उनके साथ अमानवीय व्यवहार कर रहा है, जिससे उनकी सेहत बिगड़ी है। वह मानसिक तनाव में हैं। उनका कहना है कि अगर विभाग समय पर बाकी डॉक्टरों से काम ले, तो वह तनाव मुक्त होकर अपना काम कर सकते हैं। डॉक्टर गुप्ता ने यह भी कहा कि विभाग उनकी जान लेने पर तुले हुए हैं, क्योंकि लगातार काम की अत्यधिक दबाव से उनकी सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। वहीं मामले पर सामाजिक संगठनों ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से इस मामले में जल्द कार्रवाई करने की मांग की थी, ताकि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की स्थिति सुधारी जा सके और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो। थाना प्रभारी शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि एक युवक के शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्यवाही की जा रही है। अब पढ़िए डॉक्टर और तीमारदार की पूरी बातचीत… तीमारदार– साहब नमस्कार, छुट्टी पर तो नहीं हैं। डॉक्टर– नहीं, आज ड्यूटी पर नहीं हैं। तीमारदार– तो कौन है ड्यूटी पर है? डॉक्टर– कोई ड्यूटी पर नहीं है। तीमारदार–साहब, बहू हमारी गई है अस्पताल। डॉक्टर–हां तो वहां स्टाफ है, वही देखेगा। डॉक्टर रोशनी की ड्यूटी होती है तीन दिन। लेकिन मेडिकल कॉलेज खुल गया है। तो वहां जाना पड़ता है। वैसे भी वो प्रेग्नेंट हैं। आठवां महीना चल रहा है उनका। तो वो भी छुट्‌टी पर जाने वाली हैं। वो ऑपरेशन करती नहीं हैं। तीमारदार–तो साहब ये बताएं, हमारा पर्सनल काम है। कैसे बनेगा? डॉक्टर–वहां स्टाफ है उससे बता देंगे। जो भी नॉर्मल डिलीवरी होनी होगी। करा देगा। तीमारदार–साहब…मोनी द्विवेदी नाम है बहू का। देख लीजिए। फोन कर दीजिए। पॉसिबल हो, हाथ जोड़कर निवेदन है अगर आ जाएं दो घंटे के लिए। तीमारदार–नहीं...मैं कल 24 घंटे की ड्यूटी कर चुका हूं। जितना हो सकता था किया है। अकेला मैं लगा रहा। 10-10 ऑपरेशन किए। आठ डॉक्टर की पोस्टिंग है, लेकिन सरकार (आपत्तिजनक शब्द कहे) ये जनता यही डिजर्व ही करती है। एक डॉक्टर पूरा जिला चला रहा है। एक डॉक्टर है महिला जिला अस्पताल में। अब एक डॉक्टर तो पूरा मैनेज नहीं कर पाएगा। ये हालत है कि मेरे कमर के नीचे का हिस्सा सुन्न हो गया। 10-10 घंटे खड़े होकर ऑपरेशन करना, फिर ओपीडी करना। राउंड लेना। लेबर रूम में इमरजेंसी संभालना। आपत्तिजनक शब्द कहते हुए...क्या ये डीएम को नहीं पता, सीएमएस को नहीं पता या सीएमओ को नहीं पता। कितने डॉक्टर होने चाहिए। स्पेश्लिस्ट होने चाहिए। क्यों नहीं ला रहे हैं। कोई औकात है इन लोगों की। और जो 24 घंटे काम कर रहा उसको परेशान कर रहे। अभी सीएमएस को फोन कर(आपत्तिजनक शब्द कहे)। हमको आदेश दिया है कि रोज आठ से दो ओपीडी करिए। इनकी औकात है हमसे रोज ओपीडी कराएंगे। 40 हजार रुपए हमसे हर महीने लेते हैं। 24 घंटे ड्यूटी करने के बाद ये हालात हो जाती है शरीर की आदमी खड़ा नहीं हो सकता। हालात ये है कि मालिश कराने जा रहा हूं। पता नहीं शासन-प्रशासन क्या कर रहा है। पता नहीं क्यों ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं कर रहे हैं। जनहित में क्या नहीं करते है, जनहित में सभी काम होता है। कोई जिम्मेदार नहीं है। किसी के काम पर जूं नहीं रेंगती। तीमारदार– आप कहें तो खड़े हो जाएं आपके लिए दिन। डॉक्टर– नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। बहुत परेशान हैं। तीमारदार–ठीक है सर।

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