बदायूं का शाकिर हत्याकांड:सुपारी में पांच लाख कैश व ट्रैक्टर दिलाने का झांसा, कत्ल के बाद खाए अंडे फिर दूसरी गाड़ी में बैठकर भागे

बदायूं जिला अस्पताल के फार्मासिस्ट शाकिर अली की सुपारी का मास्टर माइंड आरिश है। आरिश इस मामले में आरोपी महिला इशरत के पति का दोस्त है। आरिश को लाखों रुपये का झांसा देकर अपनी ओर इसी दंपति की ओर से मिला। जबकि इसके बाद उसने अपहरण से लेकर हत्या और लाश छिपाने समेत सबूत मिटाने का तानाबाना बुन डाला। उसने लेवर क्लास के लोगों को साथ लेकर गैंग बनाया। किसी को पांच लाख देने का वादा किया तो किसी को नया ट्रैक्टर दिलाने का झांसा दिया। हालांकि अंदरखाने बात यह है कि शाकिर की लाश ठिकाने लगाने के बाद कातिलों ने 110 रुपये के अंडे एक ठेले पर खिलवाए गए थे। जबकि इसके बाद दूसरी कार से ये टोली वापस लौट गई। दरअसल, इशरत ने जमीन दिलाने के बदले शाकिर से मोटी रकम मांगी थी। शाकिर को लग रहा था कि वो जमीन उनके हाथ लग गई तो सारे कर्ज से मुक्ति मिल जाएगी। जिंदगी भी चैन से बसर होगी। सरकारी नौकरी चल ही रही है। ऐसे में शाकिर ने आरोपियों को बता दिया कि वो भारी मात्रा में कैश लेकर तैयार हैं, इसी बीच महिला ने झांसा दिया कि आज देवर की शादी में दावत खाओ। कातिलों को लग रहा था कि लंबा हाथ लग जाएगा, लेकिन शाकिर के पास इसके एवज में कम रुपये बैग में निकले। इसका एहसास कातिलों को तब हुआ, जब शाकिर की हत्या की जा चुकी थी। नतीजतन कत्ल करने वालों को कुछ नहीं मिला और उस रकम को मास्टर माइंड समेत महिला आदि ने आपस में बांट लिया। ट्रैक्टर एजेंसी में हुआ कत्ल शाकिर को कातिल टोली सहसवान में एक ट्रैक्टर एजेंसी पर ले गई। वहां सिर पर हथौड़े से प्रहार करने के बाद गला दबाकर हत्या की गई। जबकि इसके बाद गाड़ी में रखकर लाश को नदी में फेंका गया। मोबाइल कातिलों ने बिनावर के इकरामनगर पौगोटिया गांव में स्थित तालाब में डाले। तालाब के पास मिली लोकेशन शाकिर के मोबाइल्स की आखिरी लोकेशन भी तालाब के पास मिली है। जबकि इसके बाद मोबाइल स्विच आफ आने लगे। हालांकि पुलिस इन मोबाइल्स को भी नहीं तलाश सकी है।

Nov 28, 2024 - 08:45
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बदायूं का शाकिर हत्याकांड:सुपारी में पांच लाख कैश व ट्रैक्टर दिलाने का झांसा, कत्ल के बाद खाए अंडे फिर दूसरी गाड़ी में बैठकर भागे
बदायूं जिला अस्पताल के फार्मासिस्ट शाकिर अली की सुपारी का मास्टर माइंड आरिश है। आरिश इस मामले में आरोपी महिला इशरत के पति का दोस्त है। आरिश को लाखों रुपये का झांसा देकर अपनी ओर इसी दंपति की ओर से मिला। जबकि इसके बाद उसने अपहरण से लेकर हत्या और लाश छिपाने समेत सबूत मिटाने का तानाबाना बुन डाला। उसने लेवर क्लास के लोगों को साथ लेकर गैंग बनाया। किसी को पांच लाख देने का वादा किया तो किसी को नया ट्रैक्टर दिलाने का झांसा दिया। हालांकि अंदरखाने बात यह है कि शाकिर की लाश ठिकाने लगाने के बाद कातिलों ने 110 रुपये के अंडे एक ठेले पर खिलवाए गए थे। जबकि इसके बाद दूसरी कार से ये टोली वापस लौट गई। दरअसल, इशरत ने जमीन दिलाने के बदले शाकिर से मोटी रकम मांगी थी। शाकिर को लग रहा था कि वो जमीन उनके हाथ लग गई तो सारे कर्ज से मुक्ति मिल जाएगी। जिंदगी भी चैन से बसर होगी। सरकारी नौकरी चल ही रही है। ऐसे में शाकिर ने आरोपियों को बता दिया कि वो भारी मात्रा में कैश लेकर तैयार हैं, इसी बीच महिला ने झांसा दिया कि आज देवर की शादी में दावत खाओ। कातिलों को लग रहा था कि लंबा हाथ लग जाएगा, लेकिन शाकिर के पास इसके एवज में कम रुपये बैग में निकले। इसका एहसास कातिलों को तब हुआ, जब शाकिर की हत्या की जा चुकी थी। नतीजतन कत्ल करने वालों को कुछ नहीं मिला और उस रकम को मास्टर माइंड समेत महिला आदि ने आपस में बांट लिया। ट्रैक्टर एजेंसी में हुआ कत्ल शाकिर को कातिल टोली सहसवान में एक ट्रैक्टर एजेंसी पर ले गई। वहां सिर पर हथौड़े से प्रहार करने के बाद गला दबाकर हत्या की गई। जबकि इसके बाद गाड़ी में रखकर लाश को नदी में फेंका गया। मोबाइल कातिलों ने बिनावर के इकरामनगर पौगोटिया गांव में स्थित तालाब में डाले। तालाब के पास मिली लोकेशन शाकिर के मोबाइल्स की आखिरी लोकेशन भी तालाब के पास मिली है। जबकि इसके बाद मोबाइल स्विच आफ आने लगे। हालांकि पुलिस इन मोबाइल्स को भी नहीं तलाश सकी है।

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