बरेली में फर्जी फर्मों से करोड़ों की हेराफेरी:जीएसटी विभाग की बड़ी कार्रवाई, भाई-बहन मिलकर सरकार को लगा रहे थे चूना
बरेली में वस्तु एवं सेवा कर (GST) विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (SIB) ने तीन फर्मों की जांच कर बड़े स्तर पर कर टैक्स चोरी का पर्दाफाश किया है। ये तीनों फर्में एक ही पते पर कार्यरत थीं, जिसका घोषित कार्यस्थल एक रिहायशी मकान निकला। इस जांच के तहत तीन फर्मों पर लगभग 1.21 करोड़ रुपये की कर चोरी का प्राथमिक खुलासा हुआ है। विभाग ने अभी तक तीनों फर्मों से कुल 11.60 लाख रुपये की राशि वसूल की है। जांच का प्रारंभिक विवरण तीनों फर्में एक ही पते पर पंजीकृत हैं, और ये मुख्य रूप से ईंधन तेल (fuel oil) तथा हाइड्रोकार्बन (hydrocarbon oil) की ट्रेडिंग के लिए पंजीकृत थीं। इन फर्मों द्वारा बोगस फर्मों से खरीदारी और फर्जी बिलिंग का खेल खेला जा रहा था। इसके अलावा, घोषित व्यापार स्थल एक रिहायशी मकान होने के बावजूद, उनके द्वारा विशाल मात्रा में व्यापार होने का दावा किया जा रहा था। इस मामले में जीएसटी विभाग की एसआईबी टीम ने गहन जांच के बाद कर चोरी की पुष्टि की। 1. M/s Planetox: फर्जी परचेज और कर चोरी का खुलासा यह फर्म मुख्य रूप से ईंधन तेल, हाइड्रोकार्बन तेल आदि की ट्रेडिंग के लिए पंजीकृत है। जांच के दौरान यह पाया गया कि फर्म द्वारा वर्ष 2023-24 और 2024-25 के बीच गुजरात और महाराष्ट्र की बोगस और रद्द की गई फर्मों से लगभग 5 करोड़ रुपये की फर्जी खरीदारी की गई थी। इसके अलावा, इस फर्म द्वारा मार्केटिंग सर्विसेज की आपूर्ति भी की गई थी, लेकिन इसके बदले में कैश सेटऑफ नहीं किया जा रहा था।जांच में पाया गया कि फर्म के पास कोई स्टॉक नहीं था, जो उनकी ट्रेडिंग गतिविधियों के दावों पर सवाल खड़ा करता है। इस फर्म के कर चोरी का प्राथमिक अनुमान 90 लाख रुपये है। अब तक, विभाग ने 3.60 लाख रुपये की राशि फर्म से वसूल की है। शेष कर वसूली की कार्यवाही जारी है, और विभाग फर्म के अन्य दस्तावेजों की जांच कर रहा है ताकि कर चोरी की पूरी मात्रा का आकलन किया जा सके। 2. M/s Zeal and Zest Pvt Ltd: व्यापार में भारी गिरावट और स्टॉक गायब यह फर्म भी ईंधन तेल और हाइड्रोकार्बन तेल की ट्रेडिंग के लिए पंजीकृत है और उसी पते पर कार्यरत है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस फर्म का टर्नओवर 54 करोड़ रुपये था, जो अगले वित्तीय वर्ष में अचानक गिरकर मात्र 3.78 करोड़ रुपये रह गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक केवल 41 लाख रुपये का टर्नओवर घोषित किया गया है। इनवर्ड और आउटवर्ड सप्लाई के अनुसार, फर्म को लगभग 80 लाख रुपये का स्टॉक होल्ड करना चाहिए था। हालांकि, जांच के दौरान घोषित व्यापार स्थल, जो कि एक रिहायशी मकान था, पर कोई स्टॉक नहीं मिला। इसके अलावा, फर्म के पास कोई गोदाम या शाखा घोषित नहीं थी। फर्म द्वारा बहुत कम मात्रा में कैश सेटऑफ पाया गया, जिससे उनके वित्तीय लेन-देन पर संदेह बढ़ गया। इस फर्म की कर चोरी का प्राथमिक अनुमान 15 लाख रुपये है। अब तक, विभाग ने 4 लाख रुपये की राशि फर्म से वसूल की है।अभी भी इस फर्म की जांच जारी है, और कर अपवंचन की पूरी राशि का पता लगाने के लिए गहन जांच की जा रही है। 3. M/s Nudox: बिना ई-वे बिल के ट्रेडिंग और फर्जी परचेज यह फर्म भी ईंधन तेल की ट्रेडिंग के लिए पंजीकृत है। जांच के दौरान यह पाया गया कि फर्म द्वारा इनवर्ड और आउटवर्ड सप्लाई के लिए कोई ई-वे बिल जारी नहीं किया गया था, जो जीएसटी नियमों का उल्लंघन है। इसके अलावा, फर्म ने महाराष्ट्र की बोगस फर्म से 90 लाख रुपये की फर्जी खरीदारी की थी। इस फर्म द्वारा उसी पते पर स्थित फर्म M/s Planetox से भी परचेज की गई थी, जो कि जांच के दौरान बोगस पाई गई। इस फर्म ने मार्केटिंग सर्विसेज की आपूर्ति प्राप्त करने का दावा किया, जो कि जांच में फर्जी साबित हुई। इस फर्म के कर चोरी का प्राथमिक अनुमान 16 लाख रुपये है। अब तक, 4 लाख रुपये की राशि विभाग द्वारा वसूली गई है। इस फर्म की भी विस्तृत जांच चल रही है और कर अपवंचन की पूरी मात्रा का आकलन किया जा रहा है। तीनों फर्मों के मालिक और संबंध तीनों फर्मों के स्वामी और निदेशक आपस में भाई-बहन बताए गए हैं। ये सभी फर्में एक ही परिवार के नियंत्रण में हैं और इनके बीच आपसी लेन-देन भी किए गए हैं। इस संबंध को देखते हुए जीएसटी विभाग ने इन सभी फर्मों की जांच को और गहन किया है ताकि कर चोरी के अन्य पहलुओं का भी खुलासा हो सके। अब तक की वसूली और आगामी कदम जीएसटी विभाग की एसआईबी टीम ने अब तक इन तीन फर्मों से कुल 11.60 लाख रुपये की वसूली की है। हालांकि, प्रारंभिक आकलन के अनुसार कुल कर अपवंचन 1.21 करोड़ रुपये तक हो सकता है। विभाग द्वारा शेष राशि की वसूली के लिए विस्तृत जांच और कानूनी कार्यवाही जारी है। फर्जी फर्मों के माध्यम से सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का हो रहा नुकसान इस जांच ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जीएसटी प्रणाली का दुरुपयोग कर टैक्स चोरी के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। इन फर्जी फर्मों के माध्यम से सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इस तरह की जांच और कार्रवाई से भविष्य में ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने की उम्मीद की जा रही है।
What's Your Reaction?