बलरामपुर के हरहटा प्रधान पर सरकारी जमीन कब्जाने का आरोप:ग्रामीण बोले-18 बीघा पानी के जमीन को कई वर्षों से कब्जाया

बलरामपुर जनपद के हरहटा गांव के ग्रामीणों ने मौजूदा ग्राम प्रधान अलाउद्दीन शाह पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान ने करीब 18 बीघा सरकारी जमीन, जो गांव के लोगों के उपयोग में आती थी, पर कब्जा कर लिया है। इस वजह से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है, और उन्होंने उच्च अधिकारियों से इस मामले में जांच और कार्रवाई की मांग की है। यह मामला बलरामपुर के तुलसीपुर तहसील के ग्राम हरहटा का है, जहां प्रधान अलाउद्दीन शाह के ऊपर पानी खाते की जमीन पर अवैध कब्जा कर मत्स्य और मुर्गी पालन का व्यवसाय चलाने का आरोप है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अंततः जब मामला कोर्ट पहुंचा तो तहसीलदार ने तथ्यों की जांच के बाद पाया कि अलाउद्दीन शाह ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। तहसीलदार कोर्ट ने आदेश दिया कि गाटा संख्या 189/0.162 हेक्टेयर भूमि को खाली कराया जाए, साथ ही प्रधान को जुर्माने के तौर पर 1100 रुपए और निष्पादन शुल्क 500 रुपए भरने का भी निर्देश दिया। रिपोर्टों से ग्रामीण असमंजस में ग्रामीणों ने बताया कि एक ही आवेदन पर नायब तहसीलदार और कानूनगो की ओर से अलग-अलग रिपोर्टें दी गईं। एक रिपोर्ट में कब्जे की बात मानी गई, जबकि दूसरी में इसे खारिज किया गया। इससे ग्रामीणों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। तहसीलदार कोर्ट के आदेश के बावजूद जमीन से कब्जा नहीं हटाया गया है, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी बनी हुई है। उप जिलाधिकारी ने दी कार्रवाई का आश्वासन तुलसीपुर के उप जिलाधिकारी अभय कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा कोई मामला है और प्रार्थना पत्र मिलता है, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

Nov 10, 2024 - 14:10
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बलरामपुर के हरहटा प्रधान पर सरकारी जमीन कब्जाने का आरोप:ग्रामीण बोले-18 बीघा पानी के जमीन को कई वर्षों से कब्जाया
बलरामपुर जनपद के हरहटा गांव के ग्रामीणों ने मौजूदा ग्राम प्रधान अलाउद्दीन शाह पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान ने करीब 18 बीघा सरकारी जमीन, जो गांव के लोगों के उपयोग में आती थी, पर कब्जा कर लिया है। इस वजह से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है, और उन्होंने उच्च अधिकारियों से इस मामले में जांच और कार्रवाई की मांग की है। यह मामला बलरामपुर के तुलसीपुर तहसील के ग्राम हरहटा का है, जहां प्रधान अलाउद्दीन शाह के ऊपर पानी खाते की जमीन पर अवैध कब्जा कर मत्स्य और मुर्गी पालन का व्यवसाय चलाने का आरोप है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अंततः जब मामला कोर्ट पहुंचा तो तहसीलदार ने तथ्यों की जांच के बाद पाया कि अलाउद्दीन शाह ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। तहसीलदार कोर्ट ने आदेश दिया कि गाटा संख्या 189/0.162 हेक्टेयर भूमि को खाली कराया जाए, साथ ही प्रधान को जुर्माने के तौर पर 1100 रुपए और निष्पादन शुल्क 500 रुपए भरने का भी निर्देश दिया। रिपोर्टों से ग्रामीण असमंजस में ग्रामीणों ने बताया कि एक ही आवेदन पर नायब तहसीलदार और कानूनगो की ओर से अलग-अलग रिपोर्टें दी गईं। एक रिपोर्ट में कब्जे की बात मानी गई, जबकि दूसरी में इसे खारिज किया गया। इससे ग्रामीणों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। तहसीलदार कोर्ट के आदेश के बावजूद जमीन से कब्जा नहीं हटाया गया है, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी बनी हुई है। उप जिलाधिकारी ने दी कार्रवाई का आश्वासन तुलसीपुर के उप जिलाधिकारी अभय कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा कोई मामला है और प्रार्थना पत्र मिलता है, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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