लखनऊ में पूर्व विशेष सचिव को ठगने वाला गिरफ्तार:शराब की दुकान दिलाने के नाम पर लिए थे एक करोड़ रुपए

लखनऊ में पूर्व विशेष सचिव के साथ ठगी करने वाले युवक को गोमतीनगर पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। उसने रिटायर आईएएस हरि प्रसाद सिंह को शराब के तीन दुकान दिलाने के नाम पर पैसे लिए थे। पुलिस उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर आरोपी की तलाश कर रही थी। इसकी जानकारी डीसीपी पूर्वी शंशाक सिंह ने दी। फर्जी लाइसेंस दिखा की थी ठगी, तीन थानों में दर्ज हैं मुकदमा गोमतीनगर इंस्पेक्टर राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि रिटायर आईएएस हरि प्रसाद सिंह की शिकायत पर मूल रूप से मऊ के नईबस्ती निवासी राकेश कुमार शर्मा को गुरुवार शाम को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। उसको गोसाईगंज टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया गया है। वह चिनहट में पत्नी शकुंतला के साथ रहकर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा था। उसके खिलाफ पहले से एक मुकदमा हजरतगंज और दो मुकदमे वजीरगंज थाने में दर्ज है। पूछताछ में उसने बताया कि वह शराब की दुकान दिलाने के नाम पर ठगी करता था। इसके लिए फर्जी तरीके से टेंडर के विज्ञापन से लेकर फर्जी लाइसेंस तक बनाता था। साथ ही लोगों को विश्वास दिलाने और पुलिस के सामने पैसे वापस करने के सबूत के तौर पर कुछ रुपए खाते में भेज देता था। पीड़ितों के ज्यादा दबाव बनाने पर फर्जी मुकदमे के लिखाने के साथ अधिकारियों से शिकायत कर देता है। पत्नी से मिलकर करता था ठगी लखनऊ के गोमतीनगर के विपुलखंड निवासी आईएएस हरि प्रसाद सिंह यूपी प्रशासन में विशेष सचिव पद से 2017 में रिटायर हुए थे। उन्होंने पुलिस को बताया था कि 2 मई 2024 को पत्रकारपुरम में चिनहट गणेशपुर निवासी राकेश शर्मा से मुलाकात हुई थी। उसने कहा कि वह उनका पूर्व परिचित है। साथ ही खुद को एक पूर्व पुलिस अधिकारी बताया। साथ ही मेरा मोबाइल नंबर और घर का पता लेकर किसी दिन घर पर मिलने की बात कहकर चला गया, लेकिन अगले ही दिन फोन करके पत्नी शकुन्तला शर्मा के साथ आ गया। घर पर आकर राकेश ने अपनी पत्नी का परिचय कराने के साथ बताया कि उसने पुलिस की नौकरी छोड़कर शराब का कारोबार शुरू कर दिया है। उसके पास आजकल 84 शराब की दुकानें हो गई है। मेरी आबकारी विभाग में बहुत ही अच्छी पकड़ है। वह मुझे भी तीन शराब की दुकान दिलाने का दावा किया था। जिसके आवेदन और आवंटन के नाम पर उसने 22.62 लाख रुपए की चेक और 75.50 लाख रुपए नकद 5 मई 2024 से 30 सितंबर 2024 के बीच ले लिए। जिन्हें बाद में वापस नहीं किए।

Oct 24, 2024 - 19:00
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लखनऊ में पूर्व विशेष सचिव को ठगने वाला गिरफ्तार:शराब की दुकान दिलाने के नाम पर लिए थे एक करोड़ रुपए
लखनऊ में पूर्व विशेष सचिव के साथ ठगी करने वाले युवक को गोमतीनगर पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। उसने रिटायर आईएएस हरि प्रसाद सिंह को शराब के तीन दुकान दिलाने के नाम पर पैसे लिए थे। पुलिस उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर आरोपी की तलाश कर रही थी। इसकी जानकारी डीसीपी पूर्वी शंशाक सिंह ने दी। फर्जी लाइसेंस दिखा की थी ठगी, तीन थानों में दर्ज हैं मुकदमा गोमतीनगर इंस्पेक्टर राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि रिटायर आईएएस हरि प्रसाद सिंह की शिकायत पर मूल रूप से मऊ के नईबस्ती निवासी राकेश कुमार शर्मा को गुरुवार शाम को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। उसको गोसाईगंज टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया गया है। वह चिनहट में पत्नी शकुंतला के साथ रहकर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा था। उसके खिलाफ पहले से एक मुकदमा हजरतगंज और दो मुकदमे वजीरगंज थाने में दर्ज है। पूछताछ में उसने बताया कि वह शराब की दुकान दिलाने के नाम पर ठगी करता था। इसके लिए फर्जी तरीके से टेंडर के विज्ञापन से लेकर फर्जी लाइसेंस तक बनाता था। साथ ही लोगों को विश्वास दिलाने और पुलिस के सामने पैसे वापस करने के सबूत के तौर पर कुछ रुपए खाते में भेज देता था। पीड़ितों के ज्यादा दबाव बनाने पर फर्जी मुकदमे के लिखाने के साथ अधिकारियों से शिकायत कर देता है। पत्नी से मिलकर करता था ठगी लखनऊ के गोमतीनगर के विपुलखंड निवासी आईएएस हरि प्रसाद सिंह यूपी प्रशासन में विशेष सचिव पद से 2017 में रिटायर हुए थे। उन्होंने पुलिस को बताया था कि 2 मई 2024 को पत्रकारपुरम में चिनहट गणेशपुर निवासी राकेश शर्मा से मुलाकात हुई थी। उसने कहा कि वह उनका पूर्व परिचित है। साथ ही खुद को एक पूर्व पुलिस अधिकारी बताया। साथ ही मेरा मोबाइल नंबर और घर का पता लेकर किसी दिन घर पर मिलने की बात कहकर चला गया, लेकिन अगले ही दिन फोन करके पत्नी शकुन्तला शर्मा के साथ आ गया। घर पर आकर राकेश ने अपनी पत्नी का परिचय कराने के साथ बताया कि उसने पुलिस की नौकरी छोड़कर शराब का कारोबार शुरू कर दिया है। उसके पास आजकल 84 शराब की दुकानें हो गई है। मेरी आबकारी विभाग में बहुत ही अच्छी पकड़ है। वह मुझे भी तीन शराब की दुकान दिलाने का दावा किया था। जिसके आवेदन और आवंटन के नाम पर उसने 22.62 लाख रुपए की चेक और 75.50 लाख रुपए नकद 5 मई 2024 से 30 सितंबर 2024 के बीच ले लिए। जिन्हें बाद में वापस नहीं किए।

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