बेटों की हैवानियत से तंग विधवा मां ने लगाई DM से गुहार, बिगड़ैल बेटों का गुंडा एक्ट में चालान, हो सकते हैं तड़ीपार

रैबार डेस्क:  देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल के पास जब भी कोई नागरिक अपनी समस्या लेकर... The post बेटों की हैवानियत से तंग विधवा मां ने लगाई DM से गुहार, बिगड़ैल बेटों का गुंडा एक्ट में चालान, हो सकते हैं तड़ीपार appeared first on Uttarakhand Raibar.

Aug 25, 2025 - 18:27
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बेटों की हैवानियत से तंग विधवा मां ने लगाई DM से गुहार, बिगड़ैल बेटों का गुंडा एक्ट में चालान, हो सकते हैं तड़ीपार
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बेटों की हैवानियत से तंग विधवा मां ने लगाई DM से गुहार, बिगड़ैल बेटों का गुंडा एक्ट में चालान, हो सकते हैं तड़ीपार

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रैबार डेस्क: देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल के पास जब भी कोई नागरिक अपनी समस्या लेकर जाता है, डीएम ऑन द स्पॉट फैसला देते हुए बड़ी राहत देते हैं। ज्यादती अगर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के साथ हो तो डीएम बेहद संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करते हैं। हाल ही में बंजारावाला क्षेत्र में एक विधवा मां को उसके दो बिगड़ैल बेटे परेशान करने लगे, यहां तक कि जान से मारने की धमकी देने लगे। महिला ने डीएम से गुहार लगाई तो फौरन बिगड़ैल बेटों का गुंडा एक्ट में चालान करते हुए पेशी के आदेश दिए।

विधवा मां की दर्दभरी कहानी

देहरादून के भागीरथपुरम बंजारावाला क्षेत्र में एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां पीड़ित विधवा मां विजयलक्ष्मी पंवार को उनकी दो संतानें, शुभम पंवार और अन्य, नशे के कारण न केवल परेशान कर रही हैं, बल्कि प्रताड़ित भी कर रही हैं। पीड़िता ने बताया कि उनके बेटे उन्हें दिन-रात पैसे मांगने के लिए मारपीट करते हैं और धमकी देते हैं कि यदि उन्होंने मना किया तो जान से मार देंगे। यह सब कुछ इस कदर बढ़ गया कि मां को जान का खतरा महसूस होने लगा।

DM का त्वरित कार्यवाही

22 अगस्त को, जब मां विजयलक्ष्मी ने ज़िला कार्यालय का रुख किया, तो उन्होंने अपने बेटे द्वारा की गई दुराचार की पूरी दास्तान सुनाई। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत गोपनीय जांच का आदेश दिया। जांच में पड़ोसियों ने भी पुष्टि की कि दोनों बेटे अपनी मां को नियमित रूप से प्रताड़ित करते हैं।

गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई

जिलाधिकारी ने गुंडा अधिनियम 1970 के तहत तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए दोनों बेटों को नोटिस जारी किए हैं। उन्हें 26 अगस्त, 2025 को डीएम कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया है। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की जा सकती है और उन्हें जिला से बाहर निकाला जा सकता है। यह पहला अवसर है जब देहरादून में कोई भी मामला बिना पुलिस रिपोर्ट या कचहरी प्रक्रिया के, सीधे जन शिकायत पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। डीएम ने कहा, “जब स्वयं एक मां अपनी जान के लिए गुहार लगाए, तो प्रशासन को सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए।”

उम्मीद की किरण

यह मामला केवल एक मां की आपबीती नहीं है, बल्कि यह हमें बताता है कि समाज में कितनी समस्याएं मौजूदा हैं। ऐसी घटनाएं संवेदनाओं को झकझोर देती हैं और यह हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या हमारी सुरक्षा का तंत्र इतना मजबूत है कि हमें अपने ही घर में सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है। जब विधवा मां ने DM से गुहार लगाई, तब प्रशासन ने एक संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया, जो अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगा कि वे आवाज उठाएं और मदद मांगें।

इस मामले में समाज को भी जागरूक होने की जरूरत है, ताकि ऐसी स्थितियों में मजबूर महिलाओं को मदद मिले। आगे चलकर यह देखना होगा कि प्रशासन इस पर कितनी तेजी से और प्रभावी तरीके से कार्रवाई करता है।

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