बेल्जियम के राजदूत का रामपुर दौरा:125 साल पुराने जलते बल्ब, ऐतिहासिक इमारतों और शाही खाने से हुए प्रभावित
बेल्जियम के राजदूत डिडिएर वेंडरहासेल्ट ने रामपुर का दौरा किया। उनका स्वागत नूर महल में पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां (नवेद मियां) ने फूल मालाओं से किया। राजदूत ने रामपुर की ऐतिहासिक धरोहरों का भ्रमण किया। रजा लाइब्रेरी में 125 साल से जल रहे बल्बों को देखकर वे चकित रह गए। उन्होंने वहां पांडुलिपियां, पेंटिंग्स और धर्मग्रंथ भी देखे। हामिद मंजिल में बेल्जियम ग्लास का प्रयोग और संगमरमर की मूर्तियों ने उन्हें प्रभावित किया। डिडिएर ने ऐतिहासिक जामा मस्जिद की खूबसूरती की सराहना की। उन्होंने खासबाग पैलेस, इमामबाड़ा, नवाब स्टेशन और कोठी शाहबाद का भी दौरा किया। गांधी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। राजदूत ने होली का त्योहार भी मनाया। उन्होंने एस्कॉर्ट ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के साथ रंग-गुलाल खेला। नवाब्स फूड पर शाही दस्तरख्वान के व्यंजनों का स्वाद लिया और उनकी तारीफ की। प्रदीप अग्रवाल की दुकान से कुर्ते और बंडी भी खरीदी। डिडिएर ने कहा कि भारत और बेल्जियम के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। इस दौरान पूर्व मंत्री नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खां भी मौजूद रहे।

बेल्जियम के राजदूत का रामपुर दौरा: 125 साल पुराने जलते बल्ब, ऐतिहासिक इमारतों और शाही खाने से हुए प्रभावित
रामपुर की धरती पर बेल्जियम के राजदूत का दौरा एक नई शुरुआत के साथ आ रहा है। यह दौरा विभिन्न ऐतिहासिक महत्व की इमारतों, 125 साल पुराने जलते बल्बों और स्वादिष्ट शाही खाने के अनुभव के लिए जाना जाएगा। राजदूत ने शहर की समृद्ध संस्कृति और विरासत की प्रशंसा की है, जो न केवल भारत के लिए, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण आकर्षण है।
125 साल पुराने जलते बल्ब: एक अद्वितीय अनुभव
दौरे के दौरान, राजदूत ने रामपुर में स्थित एक ऐतिहासिक इमारत में स्थित 125 साल पुराने जलते बल्ब का निरीक्षण किया। इस बल्ब का महत्व उसकी उम्र ही नहीं, बल्कि इसकी तकनीकी विशेषताएँ भी हैं। यह बल्ब उस समय की उत्कृष्टता का प्रतीक है जब बिजली का अविष्कार मानवता के लिए एक क्रांति की तरह था। राजदूत ने इसे एक अद्वितीय तकनीकी उपलब्धि मानते हुए इसकी सराहना की।
ऐतिहासिक इमारतें: रामपुर की धरोहर
रामपुर की ऐतिहासिक इमारतें, जैसे कि रामपुर रेजिडेंसी और किला, बेल्जियम के राजदूत के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण रही। इन इमारतों ने न केवल भारतीय स्थापत्य शैली को प्रदर्शित किया, बल्कि देश के इतिहास की अनकही कहानियाँ भी साझा की। राजदूत ने इन इमारतों के संरक्षण के महत्व पर जोर दिया और उम्मीद जताई कि ये धरोहरें भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित रहेगी।
शाही खाने का अनुभव: एक खास स्वाद
रामपुर का दौरा सिर्फ ऐतिहासिक स्थलों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राजदूत को शाही खाद्य परंपराओं का भी अनुभव मिला। स्थानीय खानपान संस्कृति को तालियों के बीच प्रदर्शित किया गया, जिसमें राजस्थानी और उत्तर भारतीय विशेष व्यंजन शामिल थे। राजदूत ने इस खास अनुभव की तारीफ करते हुए इसे अपने यात्रा के सबसे यादगार क्षणों में से एक बताया।
भविष्य की योजनाएँ और संबंधों में प्रगाढ़ता
राजदूत के दौरे ने बेल्जियम और भारत के बीच सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने की संभावना के प्रति सकारात्मक संकेत दिए हैं। उन्होंने भविष्य में और अधिक सहयोग और कार्यक्रमों की योजना बनाने का आश्वासन दिया। यह दौरा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगा।
News by indiatwoday.com
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