बड़ी खबर-(उत्तराखंड) पूर्व विधायक को भाजपा ने दिया नोटिस, अनुशासनहीनता के दायरे मे होगी सुनवाई
corbetthalchal uttarakhand कोई व्यक्ति पार्टी से बड़ा नही, अभद्र, अश्लील और अमर्यादित व्यवहार स्वीकार्य नहीं: भट्ट देहरादून-भाजपा ने पूर्व विधायक सुरेश राठौर को लेकर सोशल मीडिया सहित तमाम माध्यमों मे…

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By Priya Sharma, Neha Joshi, and Amitav Singh, Team IndiaTwoday
बड़ी खबर: (उत्तराखंड) पूर्व विधायक को भाजपा ने दिया नोटिस
देहरादून: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व विधायक सुरेश राठौर को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। पार्टी ने कहा है कि उनका व्यवहार अभद्र, अश्लील और अमर्यादित था, जो भाजपा की छवि को धूमिल कर रहा है। इस संदर्भ में, भाजपा ने निर्णय लेने के लिए एक सुनवाई आयोजित की जाएगी।
सुरेश राठौर का व्यवहार और पार्टी की प्रतिक्रिया
भाजपा ने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों में आइड राठौर के बारे में चल रही खबरों को गंभीरता से लिया है। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि "कोई भी व्यक्ति पार्टी से बड़ा नहीं है। हम किसी भी प्रकार के अमर्यादित व्यवहार को स्वीकार नहीं करेंगे।" इस कथन के माध्यम से भाजपा ने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता पार्टी की छवि और अनुशासन को बनाए रखना है।
भाजपा की अनुशासनात्मक प्रक्रिया
भाजपा में अनुशासन के मामलों में सख्त नियम हैं। यदि सुरेश राठौर को नोटिस के तहत अनुशासनहीनता का दोषी ठहराया जाता है, तो उन्हें पार्टी से निलंबित भी किया जा सकता है। भाजपा ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी सदस्यों को अनुशासन के नियमों का पालन करना होगा। इस मामले में सुनवाई की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।
सुरेश राठौर पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया
इस मामले पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। कई कार्यकर्ताओं ने सुरेश राठौर के समर्थन में अपनी आवाज उठाई है, जबकि अन्य ने पार्टी के इस कदम को सकारात्मक बताया है। एक कार्यकर्ता ने कहा, "पार्टी को अपने सिद्धांतों के प्रति सख्त होना चाहिए।"
कोई भी व्यक्ति पार्टी से बड़ा नहीं
भाजपा के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति पार्टी से बड़ा नहीं है। उन्होंने यह संदेश दिया कि अनुशासन और पार्टी के सिद्धांतों का पालन करना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में, भाजपा ने अनुशासनहीनता मामलों की पूरी जांच करने का निर्णय लिया है।
निष्कर्ष
भाजपा का यह कदम जहां एक ओर अनुशासन की मजबूती दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर सुरेश राठौर के भविष्य पर सवाल उठाता है। पार्टी की छवि को बनाए रखना न सिर्फ भाजपा के लिए, बल्कि सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य है। आने वाले दिनों में जब सुनवाई की प्रक्रिया होगी, तो पता चलेगा कि क्या सुरेश राठौर को इस विवाद से बाहर निकलने का कोई मौका मिलेगा या नहीं।
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