'भगवान शिव की लेखनी को कोई मिटा नहीं सकता':अयोध्या में चल रही भागवत कथा में शिव विवाह एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की सुनाई गई कथा

अयोध्या के अंजरौली गांव में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया,जिसमें कथा वाचक पंडित अजय शुक्ला ने भगवान शिव के विवाह और भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान शिव की लेखनी को कोई मिटा नहीं सकता और पृथ्वी पर जब-जब अत्याचार और पाप बढ़ता है, तब तक भगवान को अवतरित होना पड़ता है। कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।श्रद्धालुओं ने नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजनों के साथ झूमकर भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में भाग लिया। अयोध्या के अंजरौली गांव में चल रही साथ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे और चौथे दिन कथा व्यास ने भगवान शिव का विवाह तथा भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की कथा का रसपान भगवान के भक्तों को कराया। कथा के दौरान कथा व्यास ने कहा कि भगवान शिव की लेखनी के कोई मिटा नहीं सकता है। पृथ्वी पर जब-जब अत्याचार और पाप बढ़ता है तब तक भगवान को अवतरित होना पड़ता है। शरीर की उत्पत्ति होने से पूर्व प्रारब्ध लिखा पढ़ा होता है मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के अंजरौली गांव स्थित भूपेंद्र सिंह उदल के आवास पर चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है। जिसमें कथा वाचक परम पूज्य पंडित अजय शुक्ला ने कहा कि प्रारब्ध कभी मिटता नहीं है। भगवान शंकर के जीवन वृत पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान भोले नाथ की लेखनी को संसार में कोई भी देवी देवता मिटाने अथवा काटने की क्षमता नहीं रखता है। मनुष्य के शरीर की उत्पत्ति होने से पूर्व प्रारब्ध लिखा पढ़ा होता है। जिसके अनुसार मनुष्य को पृथ्वी लोक पर कर्म फल भोग करना पड़ता है। भजनों पर जमकर झूमे भक्त कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।कृष्ण जन्म के प्रसंग शुरू होते ही पांडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजनों के साथ झूम उठे। कथावाचक पंडित अजय शुक्ला ने कहा की जब जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। मनुष्य इस सांसारिक मोह में फस कर अपने जीवन को व्यर्थ गंवा देता है। मनुष्य अपने मन के कुविचारों को निकाल कर परमेश्वर का ध्यान लगाता है तो वह मोक्ष की प्राप्ति करता है। इस मौके पर मुख्य रूप से अमरजीत सिंह , दुर्गा बक्स सिंह , राम अंजोर सिंह रणविजय सिंह रुद्र प्रताप सिंह , सुरेश सिंह, राम करन सिंह, अनिल पाण्डेय अरुण द्विवेदी , पवन पांडेय , ओंकार अग्रहरि , वीरेंद्र सिंह, दीपू सिंह, प्रशांत, शिवकुमार सिंह, अखंड प्रताप सिंह, राम यश सिंह, विवेक कुमार सिंह, रमेश सिंह, अंकित सिंह, गिरीश सिंह, विजय कुमार सिंह, सुनील कुमार सिंह, शिवम, वीरेंद्र सिंह आदि लोग शामिल रहे।

Nov 7, 2024 - 19:00
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'भगवान शिव की लेखनी को कोई मिटा नहीं सकता':अयोध्या में चल रही भागवत कथा में शिव विवाह एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की सुनाई गई कथा
अयोध्या के अंजरौली गांव में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया,जिसमें कथा वाचक पंडित अजय शुक्ला ने भगवान शिव के विवाह और भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान शिव की लेखनी को कोई मिटा नहीं सकता और पृथ्वी पर जब-जब अत्याचार और पाप बढ़ता है, तब तक भगवान को अवतरित होना पड़ता है। कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।श्रद्धालुओं ने नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजनों के साथ झूमकर भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में भाग लिया। अयोध्या के अंजरौली गांव में चल रही साथ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे और चौथे दिन कथा व्यास ने भगवान शिव का विवाह तथा भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की कथा का रसपान भगवान के भक्तों को कराया। कथा के दौरान कथा व्यास ने कहा कि भगवान शिव की लेखनी के कोई मिटा नहीं सकता है। पृथ्वी पर जब-जब अत्याचार और पाप बढ़ता है तब तक भगवान को अवतरित होना पड़ता है। शरीर की उत्पत्ति होने से पूर्व प्रारब्ध लिखा पढ़ा होता है मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के अंजरौली गांव स्थित भूपेंद्र सिंह उदल के आवास पर चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है। जिसमें कथा वाचक परम पूज्य पंडित अजय शुक्ला ने कहा कि प्रारब्ध कभी मिटता नहीं है। भगवान शंकर के जीवन वृत पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान भोले नाथ की लेखनी को संसार में कोई भी देवी देवता मिटाने अथवा काटने की क्षमता नहीं रखता है। मनुष्य के शरीर की उत्पत्ति होने से पूर्व प्रारब्ध लिखा पढ़ा होता है। जिसके अनुसार मनुष्य को पृथ्वी लोक पर कर्म फल भोग करना पड़ता है। भजनों पर जमकर झूमे भक्त कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।कृष्ण जन्म के प्रसंग शुरू होते ही पांडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजनों के साथ झूम उठे। कथावाचक पंडित अजय शुक्ला ने कहा की जब जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। मनुष्य इस सांसारिक मोह में फस कर अपने जीवन को व्यर्थ गंवा देता है। मनुष्य अपने मन के कुविचारों को निकाल कर परमेश्वर का ध्यान लगाता है तो वह मोक्ष की प्राप्ति करता है। इस मौके पर मुख्य रूप से अमरजीत सिंह , दुर्गा बक्स सिंह , राम अंजोर सिंह रणविजय सिंह रुद्र प्रताप सिंह , सुरेश सिंह, राम करन सिंह, अनिल पाण्डेय अरुण द्विवेदी , पवन पांडेय , ओंकार अग्रहरि , वीरेंद्र सिंह, दीपू सिंह, प्रशांत, शिवकुमार सिंह, अखंड प्रताप सिंह, राम यश सिंह, विवेक कुमार सिंह, रमेश सिंह, अंकित सिंह, गिरीश सिंह, विजय कुमार सिंह, सुनील कुमार सिंह, शिवम, वीरेंद्र सिंह आदि लोग शामिल रहे।

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