मथुरा में डां आंबेडकर सामाजिक-अधिकार मंच ने कराया सामूहिक विवाह:8 जोड़ों ने अपने जीवन की नई पारी शुरू की, नव दंपतियों को संविधान की प्रति दी गई

मथुरा में डॉ आंबेडकर सामाजिक अधिकार मंच के तत्वाधान में पहली बार संत शिरोमणि गुरु रविदास आश्रम पर बुद्धिस्ट रीति-रिवाज से 8 जोड़ों का सामूहिक विवाह सम्मेलन संपन्न कराया गया। भगवान बुद्ध और डॉ बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा को पहले स्थापित किया गया। इस दौरान सभी को साहित्य और पुस्तकें भी भेट स्वरुप प्रदान की गई। विवाह सम्पन्न होने के बाद के नव दम्पतियों को उपहारों के अलावा भारतीय संविधान की प्रति भेंट की गई। अंबेडकर सामाजिक अधिकार मंच के पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि यह सामूहिक विवाह कार्यक्रम पहली बार आयोजित किया गया है, जिसमें मथुरा जनपद के बड़े-बड़े समाजसेवियों ने भाग लिया। सामूहिक विवाह में आठ जोड़ों का परिणाम संस्कार संपन्न हुआ, जिन्हें आशीर्वाद देने के लिए एवं कन्यादान के रूप में लोगों ने उपहार भेंट किया। साथ ही पदाधिकारी ने बताया कि यह सामूहिक विवाह दहेज रहित विवाह है उनका कहना है कि समाज में जिस तरीके से दहेज की प्रथा चल रही हैं, उनको आईना दिखाने वाला यह सामूहिक विवाह है क्योंकि आज भी हमारे समाज में ऐसी बुद्धिजीवी हैं ऐसे लोग हैं जो इस दहेज के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि दहेज रहित विवाह में कभी भी कोई परेशानियां नहीं आती है और दोनों ही तरफ के लोग बड़े ही खुश रहते हैं। इस सामूहिक विवाह में आठ जोड़ों के परिवार के लोगों ने हिस्सा लिया। वहीं संस्था के ने सभी के खान-पान की व्यवस्था की। और धूमधाम से बैंड बाजा के साथ एवं विधिवत मंत्र उच्चारण के साथ सभी आठ जोड़ों ने सात फेरे लेकर एक दूसरे के साथ जीने की कसमें खाई और यह विवाह है संपन्न हुआ। जिसके बाद सभी घरेलू प्रयोग के समान के साथ संस्था के द्वारा नव विवाहित जोड़ों को शुभकामनाएं और आशीर्वाद देते हुए विदाई दी।

Nov 25, 2024 - 09:30
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मथुरा में डां आंबेडकर सामाजिक-अधिकार मंच ने कराया सामूहिक विवाह:8 जोड़ों ने अपने जीवन की नई पारी शुरू की, नव दंपतियों को संविधान की प्रति दी गई
मथुरा में डॉ आंबेडकर सामाजिक अधिकार मंच के तत्वाधान में पहली बार संत शिरोमणि गुरु रविदास आश्रम पर बुद्धिस्ट रीति-रिवाज से 8 जोड़ों का सामूहिक विवाह सम्मेलन संपन्न कराया गया। भगवान बुद्ध और डॉ बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा को पहले स्थापित किया गया। इस दौरान सभी को साहित्य और पुस्तकें भी भेट स्वरुप प्रदान की गई। विवाह सम्पन्न होने के बाद के नव दम्पतियों को उपहारों के अलावा भारतीय संविधान की प्रति भेंट की गई। अंबेडकर सामाजिक अधिकार मंच के पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि यह सामूहिक विवाह कार्यक्रम पहली बार आयोजित किया गया है, जिसमें मथुरा जनपद के बड़े-बड़े समाजसेवियों ने भाग लिया। सामूहिक विवाह में आठ जोड़ों का परिणाम संस्कार संपन्न हुआ, जिन्हें आशीर्वाद देने के लिए एवं कन्यादान के रूप में लोगों ने उपहार भेंट किया। साथ ही पदाधिकारी ने बताया कि यह सामूहिक विवाह दहेज रहित विवाह है उनका कहना है कि समाज में जिस तरीके से दहेज की प्रथा चल रही हैं, उनको आईना दिखाने वाला यह सामूहिक विवाह है क्योंकि आज भी हमारे समाज में ऐसी बुद्धिजीवी हैं ऐसे लोग हैं जो इस दहेज के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि दहेज रहित विवाह में कभी भी कोई परेशानियां नहीं आती है और दोनों ही तरफ के लोग बड़े ही खुश रहते हैं। इस सामूहिक विवाह में आठ जोड़ों के परिवार के लोगों ने हिस्सा लिया। वहीं संस्था के ने सभी के खान-पान की व्यवस्था की। और धूमधाम से बैंड बाजा के साथ एवं विधिवत मंत्र उच्चारण के साथ सभी आठ जोड़ों ने सात फेरे लेकर एक दूसरे के साथ जीने की कसमें खाई और यह विवाह है संपन्न हुआ। जिसके बाद सभी घरेलू प्रयोग के समान के साथ संस्था के द्वारा नव विवाहित जोड़ों को शुभकामनाएं और आशीर्वाद देते हुए विदाई दी।

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