महराजगंज महिला अस्पताल में बनेगा आईपीएचएल लैब:बजट जारी करने के साथ ही कार्यदायी संस्था किया गया नामित

महाराजगंज के लोगों को माइक्रोबायोलॉजी जांच के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। इसके लिए शासन ने जिला महिला अस्पताल में इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्री लैब (आईपीएचएल) बनाने के लिए धन जारी करने के साथ ही कार्यदायी संस्था नामित किया है। इतना ही नहीं शासन ने माइक्रो बायोलॉजिस्ट डॉक्टर रंभा त्रिपाठी की भी तैनाती कर दी है। इनकी देख-रेख में दिसंबर से आईपीएएचएल लैब बनने का कार्य शुरू होगा। गोरखपुर और बस्ती मंडल के सरकारी अस्पतालों में इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्री लैब आईपीएचएल की सुविधा नहीं है। इससे माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित कोई जांच नहीं हो पाती है। इसे गंभीर पीड़ितों की बीमारी के हिसाब से त्वरित इलाज नहीं मिल पा रहा है। लखनऊ या प्राइवेट हॉस्पिटल में जांच करना पड़ रहा है। इससे अधिक आर्थिक नुकसान होने के साथ ही रिपोर्ट मिलने में देरी होने से बीमारी गंभीर होने की आशंका अधिक हो जा रही है। शासन ने जिले वासियों को इससे निजात दिलाने के लिए 100 बेड वाले जिला महिला अस्पताल में आईएपीएचएल लैब बनने के लिए धन जारी करने के साथ ही माइक्रोबायोलॉजिस्ट की तैनाती की है। आईएपीएचएल लैब संचालित होने के बाद माइक्रोबायोलॉजी संबंधित सभी जांच पीड़िता कर सकेंगे। जांच की सुविधा माइक्रोबायोलॉजी लैब में वायरोलॉजी बैक्टीरिया लॉजी प्रोटेस्ट्रोलॉजी माइक्रोलॉजि इम्यूनोलॉजी और पैरासिटोलांजी सहित करीब 150 बीमारियों की जांच होगी। लैब संचालित होने के बाद गंभीर से गंभीर बीमारी की पैथोलॉजी जांच पीड़िता कर सकेंगे। जांच रिपोर्ट मिलने पर समय पर बीमारी का इलाज पीड़ित कर सकेंगे। वहीं सीएमएस जिला अस्पताल डॉक्टर ए पी भार्गव ने बताया कि माइक्रोबायोलॉजिस्ट ने सेवा देना शुरू कर दिया है। आईपीएचएल लैब बनने तक माइक्रोबायोलॉजिस्ट पैथोलॉजी में सेवा देगी। कार्यदायी संस्था दिसंबर में लैब निर्माण कार्य शुरू करने की बात कही है। माइक्रोबायोलॉजिस्ट की देख-रेख में लैब बनेगा।

Nov 18, 2024 - 10:45
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महराजगंज महिला अस्पताल में बनेगा आईपीएचएल लैब:बजट जारी करने के साथ ही कार्यदायी संस्था किया गया नामित
महाराजगंज के लोगों को माइक्रोबायोलॉजी जांच के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। इसके लिए शासन ने जिला महिला अस्पताल में इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्री लैब (आईपीएचएल) बनाने के लिए धन जारी करने के साथ ही कार्यदायी संस्था नामित किया है। इतना ही नहीं शासन ने माइक्रो बायोलॉजिस्ट डॉक्टर रंभा त्रिपाठी की भी तैनाती कर दी है। इनकी देख-रेख में दिसंबर से आईपीएएचएल लैब बनने का कार्य शुरू होगा। गोरखपुर और बस्ती मंडल के सरकारी अस्पतालों में इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्री लैब आईपीएचएल की सुविधा नहीं है। इससे माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित कोई जांच नहीं हो पाती है। इसे गंभीर पीड़ितों की बीमारी के हिसाब से त्वरित इलाज नहीं मिल पा रहा है। लखनऊ या प्राइवेट हॉस्पिटल में जांच करना पड़ रहा है। इससे अधिक आर्थिक नुकसान होने के साथ ही रिपोर्ट मिलने में देरी होने से बीमारी गंभीर होने की आशंका अधिक हो जा रही है। शासन ने जिले वासियों को इससे निजात दिलाने के लिए 100 बेड वाले जिला महिला अस्पताल में आईएपीएचएल लैब बनने के लिए धन जारी करने के साथ ही माइक्रोबायोलॉजिस्ट की तैनाती की है। आईएपीएचएल लैब संचालित होने के बाद माइक्रोबायोलॉजी संबंधित सभी जांच पीड़िता कर सकेंगे। जांच की सुविधा माइक्रोबायोलॉजी लैब में वायरोलॉजी बैक्टीरिया लॉजी प्रोटेस्ट्रोलॉजी माइक्रोलॉजि इम्यूनोलॉजी और पैरासिटोलांजी सहित करीब 150 बीमारियों की जांच होगी। लैब संचालित होने के बाद गंभीर से गंभीर बीमारी की पैथोलॉजी जांच पीड़िता कर सकेंगे। जांच रिपोर्ट मिलने पर समय पर बीमारी का इलाज पीड़ित कर सकेंगे। वहीं सीएमएस जिला अस्पताल डॉक्टर ए पी भार्गव ने बताया कि माइक्रोबायोलॉजिस्ट ने सेवा देना शुरू कर दिया है। आईपीएचएल लैब बनने तक माइक्रोबायोलॉजिस्ट पैथोलॉजी में सेवा देगी। कार्यदायी संस्था दिसंबर में लैब निर्माण कार्य शुरू करने की बात कही है। माइक्रोबायोलॉजिस्ट की देख-रेख में लैब बनेगा।

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