महाकुंभ में पानी के अंदर चलेगा ड्रोन:बिजली गई तो भी नहीं होगा अंधेरा; सुरक्षा में 37 हजार जवान हर समय रहेंगे तैनात
महाकुंभ के लिए तंबुओं का शहर बस रहा है। इस महाकुंभ नगरी में सुरक्षा और व्यवस्था हाईटेक होगी। प्रदेश के किसी जिले के मुकाबले सबसे ज्यादा 56 थाने होंगे। 144 पुलिस चौकी होगी। अभी कानपुर में सबसे ज्यादा 52 थाने हैं। महाकुंभ नगरी में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था इतनी दुरुस्त रखने की तैयारी है कि हर विषम स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। इसके लिए 37 हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती होगी। ढाई महीने बाद शुरू होने वाले इस महाकुंभ के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। कागजों पर खींचा गया व्यवस्थाओं का खाका अब जमीन पर नजर आ रहा है। आसमान के साथ पानी के अंदर भी इस बार ड्रोन निगरानी करेगा। बिजली कट भी गई तो मेले में अंधेरा नहीं होगा। कोई संगम में डूबेगा तो उसे वाटर स्कूटर से बचाया जाएगा। किसी का कोई खोएगा तो वह हर खोया-पाया केंद्र की जानकारी में होगा। प्रयागराज कुंभ को दिव्य बनाने के साथ भव्य बनाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। दैनिक भास्कर की टीम कुंभ की तैयारियों को लेकर प्रयागराज के संगम पहुंची। सुरक्षा व्यवस्था से लेकर हर उस चीज के बारे में जाना जो इस बार नया होगा। आइए सबकुछ एक तरफ से जानते है। सबसे पहले सुरक्षा की बात… प्रयागराज महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत 13 जनवरी 2025 से होगी। पूरा मेला 4 हजार हेक्टेयर में बसेगा। इसे बीघा में कन्वर्ट करेंगे तो करीब 15,840 बीघा पड़ेगा। पहली बार 13 किलोमीटर लंबा रिवर फ्रंट बन रहा है। कुंभ के इस मेले में सुरक्षा पर विशेष फोकस किया गया है। पूरे मेले को 25 सेक्टर में बांटा गया है और इसी आधार पर कुल 56 थाने और 144 चौकियां बनाई जाएगी। इसमें नागरिक पुलिस की संख्या 18479 होगी। 1378 महिला पुलिसकर्मी तैनात रहेंगी। ट्रैफिक पुलिसवालों की संख्या 1405 होगी। सशस्त्र पुलिसकर्मियों की संख्या 1158 होगी। मेले में घुड़सवार पुलिस भी होगी। इनकी संख्या 146 तय की गई है। परिवहन शाखा से जुड़े 230 पुलिसकर्मी होंगे। 340 जल पुलिस संगम व आसपास के घाट पर तैनात रहेंगे। 13,965 होम गार्ड्स की भी तैनाती होगी। मेले में किसी तरह की अराजकता या फिर साजिश को नाकाम रखने के लिए एलआईयू के 510 जवानों की तैनाती होगी। 2013 के महाकुंभ में 22,998 पुलिसकर्मियों की तैनाती थी। 2019 के अर्ध कुंभ में 27,550 पुलिसकर्मी तैनात थे। घर से निकलते ही शुरू होगी श्रद्धालुओं की जांच
सुरक्षा का लेयर क्या होगा? श्रद्धालुओं की जांच कहां-कहां होगी? हम यह सब पता करने संगम क्षेत्र में ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के दफ्तर पहुंचे। हमें कुंभ मेला पीआरओ भास्कर मिश्रा मिले। वह बताते हैं कि कुल 7 लेयर की सुरक्षा होगी। पहला चक्र जहां से वह निकलेंगे वहीं, इसे पॉइंट ऑफ ऑरीजन कहा जाता है। दूसरी चेकिंग ट्रेन-बस और निजी वाहनों की होगी। तीसरी चेकिंग यूपी के बॉर्डर पर होगी। चौथी चेकिंग टोल प्लाजा व जोन की सीमाओं पर होगी। पांचवीं चेकिंग प्रयागराज कमिश्नरेट की सीमा में आने पर होगी। छठी चेकिंग मेले के आउटर पर होगी। सातवीं चेकिंग मेले के अंदर, इसे इनर और आइसोलेशन कार्डन पर चेकिंग कहा जाता है। हमने यह पूछा कि जो 56 थाने और चौकियां बन रही हैं इसका इंचार्ज किसे बनाया जाएगा? भास्कर मिश्रा बताते हैं, इन थानों का जो इंचार्ज बनाया जाएगा उनमें कोई भी प्रयागराज कमिश्नरेट का नहीं होगा। जरूरी नहीं कि वह थाना अध्यक्ष ही हो। वह किसी और पद पर हो सकता है, उसे यहां थाने का चार्ज मिल जाए। मेला खत्म होने के बाद उसे उसके मूल पद पर वापस भेज दिया जाएगा। हालांकि इसमें बहुत सारा फैसला हाईकमान लेगा। पानी के अंदर पहली बार ड्रोन से निगरानी
इस महाकुंभ में आसमान से ड्रोन के जरिए तो निगरानी होगी ही, साथ ही पानी के अंदर भी ड्रोन होगा। अंडर वाटर सेफ्टी के लिए पहली बार नदी के अंदर 8 किलोमीटर तक डीप बैरिकेडिंग की जाएगी। संगम एरिया में सुरक्षा व्यवस्था जल पुलिस और पीएसी को सौंपी गई है। पीएसी पानी के अंदर सुरक्षा के लिहाज से कई प्रयोग करेगी। पहली बार पानी के अंदर भी ड्रोन से निगरानी होगी। इसके लिए सोनार रेडियो तरंगों का इस्तेमाल किया जाएगा। जल पुलिस से जुड़े एक अधिकारी बताते हैं, इस बार नदी में 25 वाटर स्कूटर ब्रिगेड तैनात रहेंगे। किसी के भी डूबने पर यह तुरंत उसके पास पहुंचेंगे। संगम और वीआईपी घाट के पास दो फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन बनाया जाएगा। इस स्टेशन पर कुछ और हाईटेक नाव और स्टीमर मौजूद रहेगी। डूबने वाले व्यक्ति का प्राथमिक उपचार भी यहीं किया जाएगा। पूरा मेला क्षेत्र एंटी ड्रोन सिस्टम से लैस होगा
देश विदेश से आने वाले करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सिक्योरिटी प्लान हाई सिक्योरिटी एजेंसियों के मार्फत हाई टेक्नोलॉजी स्तर पर बन रहा है। दुनिया भर में ड्रोन के खतरों को देखते हुए इस बार फोकस ड्रोन अटैक को लेकर भी है। महाकुंभ पर यूं भी आतंकी साए का अलर्ट रहता है। ऐसे में इस बार एंटी ड्रोन सिस्टम को लेकर अभी से तैयारी की जा रही है। महाकुंभ के सिक्योरिटी प्लान में एंटी ड्रोन सिस्टम अहम पहलू है। यह टेक्नोलॉजी यूपी पुलिस के पास नहीं है। ऐसे में सुरक्षा प्लान तैयार कर केंद्र सरकार के पास इसका प्रपोजल भेजा गया है। महाकुंभ टीम ने प्रपोजल योगी सरकार को भेजा है जहां से केंद्र को इसकी मंजूरी और जरूरत के लिए भेजा गया है। लाइट जाने पर भी कुंभ में नहीं होगा अंधेरा
महाकुंभ को भव्य दिखाने में बिजली का रोल महत्वपूर्ण रहने वाला है। इसलिए इस बार बिजली का बजट 391.04 करोड़ रखा गया है। 1532 किलोमीटर लंबी लाइन खींची जाएगी। इसमें 1405 किलोमीटर एलटी और 138 किलोमीटर लंबी एचटी लाइन होगी। पूरे कुंभ में 67 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी। प्रमुख जगहों पर हाई मास्ट अलग से लगाया जाएगा। पूरे मेला क्षेत्र में 85 अस्थायी नए बिजली घर बनेंगे। कुल 170 सब-स्टेशन होंगे। 85 डीजी सेट, 15 आरएमयू और 42 नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे। इस वक्त तार खींचने का काम शुरू हो गया है। मेला क्षेत्र में ही बिजली विभाग का पूरा सिस्टम रखा गया है। यहीं सारे अधिकारी बै
महाकुंभ के लिए तंबुओं का शहर बस रहा है। इस महाकुंभ नगरी में सुरक्षा और व्यवस्था हाईटेक होगी। प्रदेश के किसी जिले के मुकाबले सबसे ज्यादा 56 थाने होंगे। 144 पुलिस चौकी होगी। अभी कानपुर में सबसे ज्यादा 52 थाने हैं। महाकुंभ नगरी में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था इतनी दुरुस्त रखने की तैयारी है कि हर विषम स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। इसके लिए 37 हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती होगी। ढाई महीने बाद शुरू होने वाले इस महाकुंभ के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। कागजों पर खींचा गया व्यवस्थाओं का खाका अब जमीन पर नजर आ रहा है। आसमान के साथ पानी के अंदर भी इस बार ड्रोन निगरानी करेगा। बिजली कट भी गई तो मेले में अंधेरा नहीं होगा। कोई संगम में डूबेगा तो उसे वाटर स्कूटर से बचाया जाएगा। किसी का कोई खोएगा तो वह हर खोया-पाया केंद्र की जानकारी में होगा। प्रयागराज कुंभ को दिव्य बनाने के साथ भव्य बनाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। दैनिक भास्कर की टीम कुंभ की तैयारियों को लेकर प्रयागराज के संगम पहुंची। सुरक्षा व्यवस्था से लेकर हर उस चीज के बारे में जाना जो इस बार नया होगा। आइए सबकुछ एक तरफ से जानते है। सबसे पहले सुरक्षा की बात… प्रयागराज महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत 13 जनवरी 2025 से होगी। पूरा मेला 4 हजार हेक्टेयर में बसेगा। इसे बीघा में कन्वर्ट करेंगे तो करीब 15,840 बीघा पड़ेगा। पहली बार 13 किलोमीटर लंबा रिवर फ्रंट बन रहा है। कुंभ के इस मेले में सुरक्षा पर विशेष फोकस किया गया है। पूरे मेले को 25 सेक्टर में बांटा गया है और इसी आधार पर कुल 56 थाने और 144 चौकियां बनाई जाएगी। इसमें नागरिक पुलिस की संख्या 18479 होगी। 1378 महिला पुलिसकर्मी तैनात रहेंगी। ट्रैफिक पुलिसवालों की संख्या 1405 होगी। सशस्त्र पुलिसकर्मियों की संख्या 1158 होगी। मेले में घुड़सवार पुलिस भी होगी। इनकी संख्या 146 तय की गई है। परिवहन शाखा से जुड़े 230 पुलिसकर्मी होंगे। 340 जल पुलिस संगम व आसपास के घाट पर तैनात रहेंगे। 13,965 होम गार्ड्स की भी तैनाती होगी। मेले में किसी तरह की अराजकता या फिर साजिश को नाकाम रखने के लिए एलआईयू के 510 जवानों की तैनाती होगी। 2013 के महाकुंभ में 22,998 पुलिसकर्मियों की तैनाती थी। 2019 के अर्ध कुंभ में 27,550 पुलिसकर्मी तैनात थे। घर से निकलते ही शुरू होगी श्रद्धालुओं की जांच
सुरक्षा का लेयर क्या होगा? श्रद्धालुओं की जांच कहां-कहां होगी? हम यह सब पता करने संगम क्षेत्र में ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के दफ्तर पहुंचे। हमें कुंभ मेला पीआरओ भास्कर मिश्रा मिले। वह बताते हैं कि कुल 7 लेयर की सुरक्षा होगी। पहला चक्र जहां से वह निकलेंगे वहीं, इसे पॉइंट ऑफ ऑरीजन कहा जाता है। दूसरी चेकिंग ट्रेन-बस और निजी वाहनों की होगी। तीसरी चेकिंग यूपी के बॉर्डर पर होगी। चौथी चेकिंग टोल प्लाजा व जोन की सीमाओं पर होगी। पांचवीं चेकिंग प्रयागराज कमिश्नरेट की सीमा में आने पर होगी। छठी चेकिंग मेले के आउटर पर होगी। सातवीं चेकिंग मेले के अंदर, इसे इनर और आइसोलेशन कार्डन पर चेकिंग कहा जाता है। हमने यह पूछा कि जो 56 थाने और चौकियां बन रही हैं इसका इंचार्ज किसे बनाया जाएगा? भास्कर मिश्रा बताते हैं, इन थानों का जो इंचार्ज बनाया जाएगा उनमें कोई भी प्रयागराज कमिश्नरेट का नहीं होगा। जरूरी नहीं कि वह थाना अध्यक्ष ही हो। वह किसी और पद पर हो सकता है, उसे यहां थाने का चार्ज मिल जाए। मेला खत्म होने के बाद उसे उसके मूल पद पर वापस भेज दिया जाएगा। हालांकि इसमें बहुत सारा फैसला हाईकमान लेगा। पानी के अंदर पहली बार ड्रोन से निगरानी
इस महाकुंभ में आसमान से ड्रोन के जरिए तो निगरानी होगी ही, साथ ही पानी के अंदर भी ड्रोन होगा। अंडर वाटर सेफ्टी के लिए पहली बार नदी के अंदर 8 किलोमीटर तक डीप बैरिकेडिंग की जाएगी। संगम एरिया में सुरक्षा व्यवस्था जल पुलिस और पीएसी को सौंपी गई है। पीएसी पानी के अंदर सुरक्षा के लिहाज से कई प्रयोग करेगी। पहली बार पानी के अंदर भी ड्रोन से निगरानी होगी। इसके लिए सोनार रेडियो तरंगों का इस्तेमाल किया जाएगा। जल पुलिस से जुड़े एक अधिकारी बताते हैं, इस बार नदी में 25 वाटर स्कूटर ब्रिगेड तैनात रहेंगे। किसी के भी डूबने पर यह तुरंत उसके पास पहुंचेंगे। संगम और वीआईपी घाट के पास दो फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन बनाया जाएगा। इस स्टेशन पर कुछ और हाईटेक नाव और स्टीमर मौजूद रहेगी। डूबने वाले व्यक्ति का प्राथमिक उपचार भी यहीं किया जाएगा। पूरा मेला क्षेत्र एंटी ड्रोन सिस्टम से लैस होगा
देश विदेश से आने वाले करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सिक्योरिटी प्लान हाई सिक्योरिटी एजेंसियों के मार्फत हाई टेक्नोलॉजी स्तर पर बन रहा है। दुनिया भर में ड्रोन के खतरों को देखते हुए इस बार फोकस ड्रोन अटैक को लेकर भी है। महाकुंभ पर यूं भी आतंकी साए का अलर्ट रहता है। ऐसे में इस बार एंटी ड्रोन सिस्टम को लेकर अभी से तैयारी की जा रही है। महाकुंभ के सिक्योरिटी प्लान में एंटी ड्रोन सिस्टम अहम पहलू है। यह टेक्नोलॉजी यूपी पुलिस के पास नहीं है। ऐसे में सुरक्षा प्लान तैयार कर केंद्र सरकार के पास इसका प्रपोजल भेजा गया है। महाकुंभ टीम ने प्रपोजल योगी सरकार को भेजा है जहां से केंद्र को इसकी मंजूरी और जरूरत के लिए भेजा गया है। लाइट जाने पर भी कुंभ में नहीं होगा अंधेरा
महाकुंभ को भव्य दिखाने में बिजली का रोल महत्वपूर्ण रहने वाला है। इसलिए इस बार बिजली का बजट 391.04 करोड़ रखा गया है। 1532 किलोमीटर लंबी लाइन खींची जाएगी। इसमें 1405 किलोमीटर एलटी और 138 किलोमीटर लंबी एचटी लाइन होगी। पूरे कुंभ में 67 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी। प्रमुख जगहों पर हाई मास्ट अलग से लगाया जाएगा। पूरे मेला क्षेत्र में 85 अस्थायी नए बिजली घर बनेंगे। कुल 170 सब-स्टेशन होंगे। 85 डीजी सेट, 15 आरएमयू और 42 नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे। इस वक्त तार खींचने का काम शुरू हो गया है। मेला क्षेत्र में ही बिजली विभाग का पूरा सिस्टम रखा गया है। यहीं सारे अधिकारी बैठते हैं। वहां पहुंचने पर पता चला कि इस बार मेले में कुल 4 लाख 71 हजार लोगों को बिजली का कनेक्शन दिया जाएगा। इसमें सरकारी दफ्तर और कल्पवास करने वाले शामिल होंगे। अगर मेले में किसी कारणवश बिजली चली जाती है तो अंधेरा नहीं होगा। क्योंकि प्रमुख जगहों पर कुल 2004 हाईब्रिड सोलर लाइट लगाने की तैयारी है। ये दिन में चार्ज होंगी और रात को कुंभ की रौनक बढ़ाएंगी। मेले में बिछड़ने वालों को तुरंत मिलाने की तैयारी
महाकुंभ में आने वालों का सबसे बड़ा डर यह होता है कि कहीं वह बिछड़ तो नहीं जाएंगे। अगर बिछड़ जाएंगे तो कैसे मिलेंगे? इस बार प्रशासन ने लोगों को तुरंत मिलवाने का खाका खींच लिया है। मेले में कुल 10 खोया-पाया केंद्र बनाया जाना है। पहले अनाउंस होता था कि फला व्यक्ति खो गया है, यहां आकर उनके परिवार मिल लें। ये सुविधा अभी भी रहेगी लेकिन अब सिस्टम को ऑनलाइन भी कर दिया गया है। मेला क्षेत्र बहुत बड़ा है, इसलिए इसे ऐसे समझिए। अगर कोई व्यक्ति खोकर 2-3 किलोमीटर दूर चला गया। तब संभव है कि उसके परिजन जिस खोया-पाया केंद्र पर पहुंचे हों वहां से उस तक माइक की आवाज न जाए। वह किसी दूसरे खोया-पाया केंद्र पर पहुंच गया हो। अब अगर खोया हुआ व्यक्ति खोया-पाया केंद्र पर जाता है तो उसकी डिटेल हर केंद्र को भेज दी जाती है। स्क्रीन लगाई जाएगी, जिसमें वह व्यक्ति दिखाई देगा। अगर उसके बाद भी दिक्कत होती है तो सोशल मीडिया के माध्यमों का सहारा लिया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर के 25 मेगा इवेंट होंगे
महाकुंभ में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कुल 25 मेगा इवेंट होंगे। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की 6 इवेंट कंपनियों से फाइनल बातचीत चल रही है। इन मेगा इवेंट्स के एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और दो इवेंट में पीएम नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। करीब 10 से ज्यादा देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी महाकुंभ में आने वाले हैं। देश के सभी मंत्री यहां नजर आएंगे। कई बड़े कलाकारों का प्रोग्राम भी यहां होगा। धार्मिक और आर्थिक रूप से यह महाकुंभ कैसा होगा, ये जानने हम दो विशेषज्ञों के पास पहुंचे। धार्मिक आयोजन अब धार्मिक पर्यटन बन रहा
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एसके यादव मीडिया स्टूडेंट्स को फोटो-वीडियोग्राफी पढ़ाते हैं। वह लंबे वक्त से कुंभ की कवरेज कर रहे हैं। वह कहते हैं, पिछले 4-5 कुंभ से मेले में जबरदस्त बदलाव आ रहा है। आप सरकारी विज्ञापनों को देखिए। यह फोकस किया जा रहा कि कि कैसे इस कुंभ मेला को ग्लोबल बनाया जाए। विदेश में रोड शो की तैयारी की जा रही है। कुल मिलाकर यह धार्मिक आयोजन कम धार्मिक पर्यटन हो गया है। एसके यादव आगे कहते हैं, पर्यटन शब्द जुड़ेगा तो स्वाभाविक है कि व्यवसाय और आर्थिक लाभ भी मिलेगा। स्थानीय व्यापारी भी इसका खूब लाभ पाते हैं। कुंभ के अंदर वो सारी सुविधाएं मिलने लगी हैं जो किसी मेट्रो सिटी में मिलती हैं। कुंभ में होगी आध्यात्मिक और सामाजिक चेतना से मुलाकात कुंभ पर कई किताबें लिख चुके इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के ही प्रोफेसर धनंजय चोपड़ा कहते हैं, महाकुंभ प्रयागराज की रगों में दौड़ता है। संगम की रेती पर जिंदगी के फलसफे तलाशते हुए ढेर सारी संस्कृतियां मिल जाती हैं। आध्यात्मिक और सामाजिक चेतनाओं की मुलाकात हो जाती है। महाकुंभ आध्यात्मिक आकाश के सारे सितारों को जमीन पर लाता है। इसलिए तो कहा गया, बार-बार का जोड़कर सविनय करूं पुकार, साधु संग मोहे दीजिए, परम गुरू का आकार। धनंजय चोपड़ा इस कुंभ को लेकर कहते हैं, 2021 में जब हरिद्वार कुंभ हुआ था तभी आभाष हो गया था कि प्रयागराज कुंभ को सरकार और प्रशासन वैश्विक रूप देने जा रही है। यह कुंभ नई तकनीकों के साथ सामने होगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दिखेगा। ये भी पढ़ें: महाकुंभ की तैयारियां कहां तक पहुंची: 50 हजार लोग रात-दिन नया शहर बसाने में लगे; पुल नहीं बना तो अस्थायी फोरलेन स्टील ब्रिज बना रहे महाकुंभ की शुरुआत में अब 75 दिन बाकी हैं। दिव्य, नव्य और भव्य कुंभ के लिए प्रशासन लगा हुआ है। 50 हजार कर्मचारी महाकुंभ को रूप देने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। महाकुंभ की तैयारी कहां तक पहुंची? क्या कुछ पूरा हुआ? क्या फंसा हुआ है? सवाल यह भी है कि क्या 75 दिनों में सब कुछ पूरा हो जाएगा? दैनिक भास्कर की टीम कुंभ की तैयारियों को देखने संगम पहुंची। पढ़िए महाकुंभ की तैयारियों पर ग्राउंड रिपोर्ट…