नसीम को जलाभिषेक से फायदा या नुकसान?:हिंदुओं ने मंदिर शुद्ध कराया, मुस्लिम वोटर बोले-पॉलिटिक्स में सब जायज
कानपुर में सपा कैंडिडेट नसीम सोलंकी ने शिवलिंग की पूजा की। आस्था से इतर उनका मंदिर जाना हिंदू वोटर्स के लिए पॉलिटिकल स्टंट माना जा रहा है। ऐसा हो भी क्यों न, सीसामऊ सीट पर 55% हिंदू वोटर्स हैं। नसीम जानती हैं कि हिंदू वोटर अगर नहीं बंटे तो उनकी चुनौती बढ़ सकती है। BJP ने उनके सामने पहले प्रत्याशी रह चुके सुरेश अवस्थी को खड़ा किया है। सीट पर भाजपा-सपा के बीच फाइट मानी जा रही है। इरफान सोलंकी के जेल जाने के बाद मुस्लिम वोटर्स का इमोशनल सपोर्ट नसीम को मिलना तय है, ऐसे में अगर 20-25% हिंदू वोटर भी उनके पक्ष में जाता है, तो जीत पक्की समझिए। नसीम की मंदिर पॉलिटिक्स का हिंदू वोटर्स पर असर पड़ेगा? शिवलिंग पर जल चढ़ाने और मूर्ति पूजा के बाद क्या मुस्लिमों में नाराजगी है? नसीम की सियासत कितनी मजबूत हैं? इन्हीं सवालों के साथ दैनिक भास्कर सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में पहुंचा। पढ़िए रिपोर्ट... 31 अक्टूबर की रात को क्या-कुछ हुआ, ये जानिए... नसीम के जलाभिषेक के बाद मंदिर का शुद्धिकरण
दिवाली पर नसीम वनखंडेश्वर मंदिर पहुंचीं। यहां उन्होंने भगवान शिव की पूजा की, जलाभिषेक किया। मंदिर परिसर में दीये भी जलाए। इसके 18 घंटे बाद ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नसीम के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। मौलाना ने कहा- जिस महिला ने ऐसा किया है, वह शरीयत की मुजरिम है। उसे तौबा करनी चाहिए और दोबारा कलमा पढ़ना चाहिए। इसके बाद नसीम सोलंकी ने कहा- मैं तकलीफ में हूं, जहां कोई कहता है, वहां चली जाती हूं। इसमें वोट बैंक की कोई राजनीति नहीं है। हमें हर वर्ग का वोट मिलता है। मंदिर जाने से पहले हमने 1 मिनट नहीं सोचा कि मुझे जाना चाहिए या नहीं। हमारे मजहब में यह भी नहीं कहा गया है कि आप दूसरे मजहब का निरादर करें। जिस वनखंडेश्वर मंदिर में नसीम ने जलाभिषेक किया था, उसके पुजारियों ने शुद्धिकरण किया है। पुजारियों ने हरिद्वार से 1000 लीटर गंगाजल मंगाया। इसके बाद पूरे मंदिर और शिवलिंग को धोया। पॉलिटिकल स्टंट को करीब से समझने के लिए दैनिक भास्कर टीम सीसामऊ के प्राचीन वनखंडेश्वर मंदिर पहुंची। मंदिर में रोज की तरह पूजा-पाठ चल रहा था। हमने यहां आने वाले श्रद्धालुओं से बातचीत की। पहली मुलाकात ऋषि दीक्षित से हुई। उन्होंने कहा- माहौल भाजपा के पक्ष में चल रहा है। नसीम इससे पहले तो कभी मंदिर आई नहीं। वोट लेने का स्टंट है। मंदिर को धुलवाने पर कहा कि ये सिर्फ आचार्यों का फैसला है। इसके बाद हमारी मुलाकात शेष कुमार गुप्ता से हुई। वह कहते हैं- नसीम सोलंकी को मंदिर में पूजा नहीं करने देनी चाहिए थी। पुजारियों को सोचना चाहिए कि वो (मुस्लिम) लोग मंदिर तोड़े और हिंदू उनसे रुद्राभिषेक करा रहे हैं। ये सिर्फ वोट लेने की राजनीति है। जीत भाजपा की ही होगी। पूजा को बताया राजनीतिक स्टंट
ग्वालटोली में रहने वाले सचिन दीक्षित ने कहा- इस तरह का स्टंट काम नहीं आने वाला है। इससे ज्यादा फायदा नहीं होने वाला। वोटर बुद्धिजीवी हैं। इस बार मुझे ऐसा लगता है कि सभी अपना हित देखकर ही वोट करेंगे और मतदाता को अपना हित पता है।
मो. सलीम बोले- हिंदू हमारे भाई, नसीम ने गलत नहीं किया
मंदिर से निकलकने के बाद हम सीसामऊ की मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र तकिया पार्क पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात मो. सलीम से हुई, उन्होंने कहा- हम यहां रहते हैं। हमारा सभी से भाईचारा है। हिंदू भाई अगर नसीम को लेकर मंदिर गए और उन्होंने पूजन किया, इसमें गलती क्या है। हमें तो कुछ गलत नहीं लग रहा। मंदिर धोने की बात पर उन्होंने कहा कि अब जिस काम में उनका मन भरा, उन्होंने वो काम किया। आफताब बोले - BJP जैसे रामपुर जीती, वैसे ही सीसामऊ जीत लेंगे
हम 100% मुस्लिम इलाके चमनगंज में पहुंचे। यहां चाय की दुकान पर कई मुस्लिम बुजुर्ग मिले। यहां नसीम सोलंकी को लेकर पहले से चुनावी चर्चा चल रही थी। आफताब आलम ने बताया- यहां से भाजपा ही जीतेगी। वो यहां से जीतने के लिए सभी हथकंडे अपनाएगी। जैसे रामपुर में वो जीते, ऐसे ही सीसामऊ सीट जीतेंगे। मुस्लिमों को वोट डालने नहीं दिया जाएगा। कुछ बूथ मुस्लिम इलाकों में थे, उन्हें हिंदू इलाकों में शिफ्ट कर दिया गया। आफताब ने कहा- नसीम अगर मंदिर में पूजा कर रही हैं, तो इसमें गलत क्या हैं। वो राजनीति करने उतरी हैं। अगर वो गुरुद्वारा भी जाएंगी तो उनका पर्सनल मामला है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आते ही फतवा देने लगते हैं। अब इनके पास कोई नेता पहुंच जाएगा और पैसा दे देगा तो सारे फतवे बंद हो जाएंगे। योगी के बयान 'बंटोगे तो कटोगे' पर मुस्लिमों ने नाराजगी जताई और कहा कि जनता सब जानती है। इन बयानों से चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। अब ये हिंदुओं को देखना है कि वो इस तरह के बयानों को किस तरह से लेते हैं। इरफान ने जीर्णोद्धार कराया, तब मंदिर नहीं धुलवाया
विधानसभा पर युवा मतदाता रिजवान सिद्दिकी कहते हैं- नसीम का मंदिर जाना अच्छा काम है। ऊपर वाला एक है। ये तो समाज के लिए अच्छी चीज है। मंदिर को धोना गलत है। नसीम आईं उन्होंने हिंदू धर्म को सम्मान दिया। इरफान सोलंकी भी सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। जब इरफान ने 50 लाख रुपए से जीर्णोद्धार कराया, तब तो मंदिर नहीं धुलवाया गया। ये सिर्फ पॉलिटिकल स्टंट हैं। सिख बोले- इससे वोट डायवर्ट नहीं होगा
विधानसभा सीट पर सिख मतदाता हरप्रीत सिंह कहते हैं- नसीम सोलंकी के मंदिर आने पर गलत तो कुछ भी नहीं है। हर धर्म का सम्मान करने में गलत क्या है। नसीम अभी गुरुद्वारा भी गईं थीं, तब तो कोई बवाल नहीं हुआ। अब मंदिर का शुद्धिकरण किया जा रहा। हर धर्म के द्वार सभी के लिए खुले हैं। इससे हिंदू वोट तो उनकी तरफ नहीं जाएगा। लेकिन भाजपा मजबूत स्थिति में है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट नसीम के मंदिर जाने से हिंदू वोटर्स पर कोई असर पड़ेगा?
वरिष्ठ पत्रकार पुष्कार बाजपेई कहते हैं- सीसामऊ हिंदू-मुस्लिम मिश्रित आबादी वाला क्षेत्र है। इस सीट पर हिंदुओं का दुर्भाग्य है कि वो जा
कानपुर में सपा कैंडिडेट नसीम सोलंकी ने शिवलिंग की पूजा की। आस्था से इतर उनका मंदिर जाना हिंदू वोटर्स के लिए पॉलिटिकल स्टंट माना जा रहा है। ऐसा हो भी क्यों न, सीसामऊ सीट पर 55% हिंदू वोटर्स हैं। नसीम जानती हैं कि हिंदू वोटर अगर नहीं बंटे तो उनकी चुनौती बढ़ सकती है। BJP ने उनके सामने पहले प्रत्याशी रह चुके सुरेश अवस्थी को खड़ा किया है। सीट पर भाजपा-सपा के बीच फाइट मानी जा रही है। इरफान सोलंकी के जेल जाने के बाद मुस्लिम वोटर्स का इमोशनल सपोर्ट नसीम को मिलना तय है, ऐसे में अगर 20-25% हिंदू वोटर भी उनके पक्ष में जाता है, तो जीत पक्की समझिए। नसीम की मंदिर पॉलिटिक्स का हिंदू वोटर्स पर असर पड़ेगा? शिवलिंग पर जल चढ़ाने और मूर्ति पूजा के बाद क्या मुस्लिमों में नाराजगी है? नसीम की सियासत कितनी मजबूत हैं? इन्हीं सवालों के साथ दैनिक भास्कर सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में पहुंचा। पढ़िए रिपोर्ट... 31 अक्टूबर की रात को क्या-कुछ हुआ, ये जानिए... नसीम के जलाभिषेक के बाद मंदिर का शुद्धिकरण
दिवाली पर नसीम वनखंडेश्वर मंदिर पहुंचीं। यहां उन्होंने भगवान शिव की पूजा की, जलाभिषेक किया। मंदिर परिसर में दीये भी जलाए। इसके 18 घंटे बाद ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नसीम के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। मौलाना ने कहा- जिस महिला ने ऐसा किया है, वह शरीयत की मुजरिम है। उसे तौबा करनी चाहिए और दोबारा कलमा पढ़ना चाहिए। इसके बाद नसीम सोलंकी ने कहा- मैं तकलीफ में हूं, जहां कोई कहता है, वहां चली जाती हूं। इसमें वोट बैंक की कोई राजनीति नहीं है। हमें हर वर्ग का वोट मिलता है। मंदिर जाने से पहले हमने 1 मिनट नहीं सोचा कि मुझे जाना चाहिए या नहीं। हमारे मजहब में यह भी नहीं कहा गया है कि आप दूसरे मजहब का निरादर करें। जिस वनखंडेश्वर मंदिर में नसीम ने जलाभिषेक किया था, उसके पुजारियों ने शुद्धिकरण किया है। पुजारियों ने हरिद्वार से 1000 लीटर गंगाजल मंगाया। इसके बाद पूरे मंदिर और शिवलिंग को धोया। पॉलिटिकल स्टंट को करीब से समझने के लिए दैनिक भास्कर टीम सीसामऊ के प्राचीन वनखंडेश्वर मंदिर पहुंची। मंदिर में रोज की तरह पूजा-पाठ चल रहा था। हमने यहां आने वाले श्रद्धालुओं से बातचीत की। पहली मुलाकात ऋषि दीक्षित से हुई। उन्होंने कहा- माहौल भाजपा के पक्ष में चल रहा है। नसीम इससे पहले तो कभी मंदिर आई नहीं। वोट लेने का स्टंट है। मंदिर को धुलवाने पर कहा कि ये सिर्फ आचार्यों का फैसला है। इसके बाद हमारी मुलाकात शेष कुमार गुप्ता से हुई। वह कहते हैं- नसीम सोलंकी को मंदिर में पूजा नहीं करने देनी चाहिए थी। पुजारियों को सोचना चाहिए कि वो (मुस्लिम) लोग मंदिर तोड़े और हिंदू उनसे रुद्राभिषेक करा रहे हैं। ये सिर्फ वोट लेने की राजनीति है। जीत भाजपा की ही होगी। पूजा को बताया राजनीतिक स्टंट
ग्वालटोली में रहने वाले सचिन दीक्षित ने कहा- इस तरह का स्टंट काम नहीं आने वाला है। इससे ज्यादा फायदा नहीं होने वाला। वोटर बुद्धिजीवी हैं। इस बार मुझे ऐसा लगता है कि सभी अपना हित देखकर ही वोट करेंगे और मतदाता को अपना हित पता है।
मो. सलीम बोले- हिंदू हमारे भाई, नसीम ने गलत नहीं किया
मंदिर से निकलकने के बाद हम सीसामऊ की मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र तकिया पार्क पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात मो. सलीम से हुई, उन्होंने कहा- हम यहां रहते हैं। हमारा सभी से भाईचारा है। हिंदू भाई अगर नसीम को लेकर मंदिर गए और उन्होंने पूजन किया, इसमें गलती क्या है। हमें तो कुछ गलत नहीं लग रहा। मंदिर धोने की बात पर उन्होंने कहा कि अब जिस काम में उनका मन भरा, उन्होंने वो काम किया। आफताब बोले - BJP जैसे रामपुर जीती, वैसे ही सीसामऊ जीत लेंगे
हम 100% मुस्लिम इलाके चमनगंज में पहुंचे। यहां चाय की दुकान पर कई मुस्लिम बुजुर्ग मिले। यहां नसीम सोलंकी को लेकर पहले से चुनावी चर्चा चल रही थी। आफताब आलम ने बताया- यहां से भाजपा ही जीतेगी। वो यहां से जीतने के लिए सभी हथकंडे अपनाएगी। जैसे रामपुर में वो जीते, ऐसे ही सीसामऊ सीट जीतेंगे। मुस्लिमों को वोट डालने नहीं दिया जाएगा। कुछ बूथ मुस्लिम इलाकों में थे, उन्हें हिंदू इलाकों में शिफ्ट कर दिया गया। आफताब ने कहा- नसीम अगर मंदिर में पूजा कर रही हैं, तो इसमें गलत क्या हैं। वो राजनीति करने उतरी हैं। अगर वो गुरुद्वारा भी जाएंगी तो उनका पर्सनल मामला है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आते ही फतवा देने लगते हैं। अब इनके पास कोई नेता पहुंच जाएगा और पैसा दे देगा तो सारे फतवे बंद हो जाएंगे। योगी के बयान 'बंटोगे तो कटोगे' पर मुस्लिमों ने नाराजगी जताई और कहा कि जनता सब जानती है। इन बयानों से चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। अब ये हिंदुओं को देखना है कि वो इस तरह के बयानों को किस तरह से लेते हैं। इरफान ने जीर्णोद्धार कराया, तब मंदिर नहीं धुलवाया
विधानसभा पर युवा मतदाता रिजवान सिद्दिकी कहते हैं- नसीम का मंदिर जाना अच्छा काम है। ऊपर वाला एक है। ये तो समाज के लिए अच्छी चीज है। मंदिर को धोना गलत है। नसीम आईं उन्होंने हिंदू धर्म को सम्मान दिया। इरफान सोलंकी भी सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। जब इरफान ने 50 लाख रुपए से जीर्णोद्धार कराया, तब तो मंदिर नहीं धुलवाया गया। ये सिर्फ पॉलिटिकल स्टंट हैं। सिख बोले- इससे वोट डायवर्ट नहीं होगा
विधानसभा सीट पर सिख मतदाता हरप्रीत सिंह कहते हैं- नसीम सोलंकी के मंदिर आने पर गलत तो कुछ भी नहीं है। हर धर्म का सम्मान करने में गलत क्या है। नसीम अभी गुरुद्वारा भी गईं थीं, तब तो कोई बवाल नहीं हुआ। अब मंदिर का शुद्धिकरण किया जा रहा। हर धर्म के द्वार सभी के लिए खुले हैं। इससे हिंदू वोट तो उनकी तरफ नहीं जाएगा। लेकिन भाजपा मजबूत स्थिति में है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट नसीम के मंदिर जाने से हिंदू वोटर्स पर कोई असर पड़ेगा?
वरिष्ठ पत्रकार पुष्कार बाजपेई कहते हैं- सीसामऊ हिंदू-मुस्लिम मिश्रित आबादी वाला क्षेत्र है। इस सीट पर हिंदुओं का दुर्भाग्य है कि वो जातियों में बंटा है। वो एकतरफा वोट नहीं देता। यहां ध्रुवीकरण की राजनीति ज्यादा हावी रही है। इरफान ने विकास के मुद्दे पर कुछ भी नहीं किया। भाजपा को हिंदू वोटर्स एकजुट करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसलिए भाजपा के लिए भी अभी स्थितियां मुश्किल हैं। नसीम सोलंकी का मंदिर जाना ठीक है। हिंदू मंदिर सभी के लिए खुले हैं। इसको राजनीति का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। सपा का अपना थिंक टैंक है। कुछ लोगों ने सोचा होगा कि यहां जाने से फायदा होगा। इरफान ने भी मंदिर का जीर्णोंद्धार कराया, सुविधाएं बढ़ाई। इसे राजनीति दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए। ---------------------- यह भी पढ़ें नसीम के जल चढ़ाने के बाद मंदिर का शुद्धिकरण, कानपुर में गंगाजल से धोया; सपा प्रत्याशी बोलीं-तकलीफ में हूं...जहां कोई कहता है, वहां जाती हूं कानपुर में पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी और सपा प्रत्याशी नसीम ने दिवाली पर जिस मंदिर में जल चढ़ाया। उसका मंदिर के पुजारियों ने शुद्धिकरण किया है। पुजारियों ने हरिद्वार से 1000 लीटर गंगाजल मंगाया। इसके बाद पूरे मंदिर और शिवलिंग को धोया। पढ़िए पूरी खबर..