महिला ने दुपट्टा चीरकर CM धामी को बांधी राखी, मानवीय संवेदनाओं का अद्भुत उदाहरण
रैबार डेस्क: उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यो... The post महिला ने दुपट्टा चीरकर CM धामी को बांधी राखी, आपदा के बीच मानवीय संवेदनाओं का मार्मिक दृश्य appeared first on Uttarakhand Raibar.

महिला ने दुपट्टा चीरकर CM धामी को बांधी राखी, मानवीय संवेदनाओं का अद्भुत उदाहरण
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तरकाशी की धराली में आई आपदा के दौरान, एक महिला ने अपने दुपट्टे का एक टुकड़ा फाड़कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राखी बांधकर मानवीय संवेदनाओं की अनोखी मिसाल पेश की है। यह दृश्य कई लोगों को भावुक कर गया।
उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में हाल ही में आई भीषण आपदा ने कई लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री धामी स्वयं घटनास्थल का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने आपदाग्रस्त लोगों से बातचीत करने के दौरान एक ऐसी घटना देखी, जिसने वहां मौजूद हर किसी का दिल छू लिया।
आपदा और मानवीय सहायता
गुजरात के अहमदाबाद से गंगोत्री यात्रा पर आई धनगौरी बरौलिया का परिवार आपदा के समय धराली में फंस गया। इस क्षेत्र में लगातार मलबा गिरने और तेज बहाव के कारण हालात बेहद खराब हो गए थे। प्रदेश सरकार ने आपदा से निपटने के लिए तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किए। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने तीन दिनों तक वहां रहकर राहत कार्यों की निगरानी की।
धनगौरी का साहस
जब धनगौरी और उनके परिवार को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया, तब रक्षाबंधन का पर्व नजदीक था। धनगौरी ने इस मौके पर अपने दुपट्टे का एक टुकड़ा फाड़कर मुख्यमंत्री धामी को राखी के रूप में बांध दिया, जो एक शक्तिशाली और भावनात्मक संकेत था। यह क्षण वहां उपस्थित सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा बना।
मुख्यमंत्री का संदेश
इस भावुक क्षण को स्वीकृति देते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “प्रदेश सरकार आपदा के इस घड़ी में हर प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि इस कठिन समय में सभी को एकजुट रहकर एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए।
समुदाय का सहयोग
आपदा में मदद की जा रही है, और यह समय हमें याद दिलाता है कि जब हम एकजुट होते हैं, तो हम किसी भी प्रकार की कठिनाई से पार पा सकते हैं। इस तरह के क्षण हमें यह बताया कि संकट में भी मानवीय संवेदनाएं जीवित रहती हैं।
यह घटना केवल एक राखी बांधने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्यार, भाईचारे और एकता का प्रतीक है। यह हमें सिखाती है कि विपरीत परिस्थितियों में किस प्रकार हम सब मिलकर खड़े हो सकते हैं। धनगौरी का यह सरल कार्य सभी को याद रहेगा और यह मानवता की पहचान का एक अद्भुत उदाहरण बना रहेगा।
रक्षा बंधन का यह पर्व सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते का नहीं, बल्कि आपसी सहयोग और सहायता का भी प्रतीक बन गया है। ऐसे समय में जब हम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, यह एक स्पष्ट उदाहरण है कि हम एक-दूसरे का सहारा बनें।
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टीम इंडिया टुडेव: श्वेता शर्मा
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