महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान ने लिया संन्यास:रानी रामपाल का सोशल मीडिया पर ऐलान; पिता चलाते थे तांगा, बेटी ने दुनिया में नाम कमाया
भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने संन्यास ले लिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट डालकर इसका ऐलान किया। रानी रामपाल हरियाणा में कुरूक्षेत्र जिले के शाहाबाद की रहने वाली है। तकरीबन 16 साल लंबे करियर में रानी रामपाल ने हॉकी में कई बड़े मुकाम हासिल किए। रानी रामपाल ने लगातार दो ओलिंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तानी की। 1994 में जन्मी रानी रामपाल बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थीं और उनके पिता रामपाल तांगा चलाते थे। जब रानी ने हॉकी खेलने की जिद की, तो उनके परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह उसकी जरूरतें पूरी कर पाते। इसके बावजूद उनके पिता ने अपनी बेटी के सपनों को मरने नहीं दिया। पिता की मेहनत की बदौलत रानी ने हॉकी में नए इतिहास रचे। रानी की जिद के आगे झुका परिवार रानी रामपाल 7 वर्ष की आयु में हॉकी खेलना शुरू किया था। महिला हॉकी में शाहबाद हॉकी नर्सरी ने एक अलग ही मुकाम हासिल किया है और रानी रामपाल ने भी वहीं से अपने जीवन की शुरुआत की थी। शुरुआत में घरवालों ने उसको मना किया, लेकिन रानी ने तो ठान लिया था कि हॉकी खेलनी है। रानी की इस जिद के आगे उनके पिता को झुकना पड़ा और उन्होंने रानी को का एडमिशन अकादमी में करा दिया। कोच और कुछ खिलाड़ियों की मदद से उन्हें किट मिली और उन्होंने प्रैक्टिस शुरू कर दी। जैसे-जैसे वह खेलती गई, उसके खेल में निखार आता गया और वह पहले जिला स्तर पर, स्टेट स्तर पर, नेशनल और इंटरनेशनल तक का सफर तय किया। पहली बार 2009 में हुआ था चयन रानी रामपाल का भारतीय हॉकी टीम में पहली बार 2009 में चयन हुआ था। उस समय उनकी उम्र करीब 15 साल थी, 2009 में जर्मनी में जूनियर विश्व कप खेला था। जिसमें भारत ने कांस्य पदक जीता था। रानी पहली बार भारतीय टीम में खेल रहीं थी। इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मुकाबले में रानी ने तीन गोल करके अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। वो इस प्रतियोगिता में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट थीं। यहां के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। रानी रामपाल ने इंटरनेशनल स्तर पर काफी लंबे समय तक खेला है। जिसके चलते उन्होंने 200 से ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेले है। पद्म श्री और राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से सम्मानित रानी रामपाल ने हॉकी में कई बड़े खिताब हासिल किए। रानी की अगुआई में भारतीय टीम ने एशियन गेम्स और एशिया कप में मेडल जीते। उनकी कप्तानी में ही भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो ओलिंपिक में चौथे नंबर पर रही। रानी रामपाल ने भारतीय महिला हॉकी को दुनिया के पटल पर नई पहचान देने का काम किया। हॉकी में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2020 में पद्मश्री और राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से नवाजा।
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