मासूम शुभांशु की मृत्यु पर सीएम धामी का सख्त रुख, कुमाऊं आयुक्त को उच्चस्तरीय जांच का आदेश

कुमाऊं आयुक्त करेंगे उच्चस्तरीय जांच, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई। देहरादून: जनपद बागेश्वर में मासूम शुभांशु की संदिग्ध चिकित्सकीय लापरवाही के चलते हुई दुखद मृत्यु ने प्रदेशभर को झकझोर कर रख दिया है। इस हृदयविदारक प्रकरण को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरता से लेते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री …

Jul 31, 2025 - 09:27
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मासूम शुभांशु की मृत्यु पर सीएम धामी का सख्त रुख, कुमाऊं आयुक्त को उच्चस्तरीय जांच का आदेश
कुमाऊं आयुक्त करेंगे उच्चस्तरीय जांच, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई। देहरादून: जनपद बागेश्वर म

मासूम शुभांशु की मृत्यु पर सीएम धामी का सख्त रुख, कुमाऊं आयुक्त को उच्चस्तरीय जांच का आदेश

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कम शब्दों में कहें तो, जनपद बागेश्वर में मासूम शुभांशु की संदिग्ध चिकित्सकीय लापरवाही के चलते हुई दुखद मृत्यु ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हृदयविदारक प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए कुमाऊं आयुक्त को उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस मामले में दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

मामले की गंभीरता और तात्कालिक कार्रवाई

मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया है कि प्रारंभिक जांच से यह प्रतीत होता है कि संबंधित प्रशासनिक और चिकित्सा अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरती है। उन्होंने कुमाऊं आयुक्त को निर्देश दिया है कि उच्चस्तरीय जांच शीघ्र की जाए। यह मामला इस बात की याद दिलाता है कि चिकित्सा क्षेत्र में लापरवाही न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी होती है।

उन्होंने कहा, “यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही या उदासीनता पाई जाती है, तो संबंधितों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।” उनकी इस सख्त टिप्पणी से साफ है कि सरकार इस संवेदनशील मामले को गंभीरता से ले रही है और इस दिशा में उचित कदम उठाने के लिए तैयार है।

स्थानीय नागरिकों का आक्रोश

इस घटना ने पूरे जिले में गहरा आक्रोश फैला दिया है। शुभांशु के परिजन और स्थानीय नागरिक चिकित्सकीय एवं प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। परिवार ने स्थानीय मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस दर्दनाक घटना के पीछे जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाना चाहिए। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हम केवल निवेदन नहीं कर रहे हैं, हम चाहते हैं कि जिम्मेदारियों का अतिक्रमण करने वालों को दंडित किया जाए। किसी भी माता-पिता के लिए अपने बच्चे को खोना अकल्पनीय होता है।” यह बयान स्थानीय जनसमुदाय की चिंता को दर्शाता है कि वे अपनी सुरक्षा और चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता के प्रति कितने चिंतित हैं।

जाँच की दिशा और भविष्य के कदम

जिला प्रशासन इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है, और उन्होंने जांच प्रक्रिया में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। आगामी दिनों में यह देखना होगा कि जाँच रिपोर्ट कब तक आती है और उसमें किन स्तरों पर जिम्मेदारियों का निर्धारण होता है। यह मामला मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है और कई समाचार माध्यमों ने इसकी अनदेखी नहीं की है।

प्रदेश सरकार ने इस मामले पर अपनी संवेदनशीलता दिखाई है और संकेत दिया है कि भविष्य में ऐसी लापरवाहियों की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी।

समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी

हृदयविदारक मामलों में समाज और प्रशासन को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता होती है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। यह समझने की जरूरत है कि चिकित्सा सेवाएं केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि मानवता की सेवा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ऐसी लापरवाहियों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है, क्योंकि यह जीवन और मृत्यु का प्रश्न होता है।

आखिरकार, इस प्रकरण से उम्मीद की जाती है कि प्रदेश सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी और सार्वजनिक सुनवाई को सुनिश्चित करेगी। एक स्वस्थ समाज का निर्माण तभी मुमकिन है जब हम अपने कर्तव्यों को निभाएं और दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखें।

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Team India Twoday
अंजलि शर्मा

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