मिग-29 के पायलट ने ग्रामीणों से क्या पूछा:दैनिक भास्कर पर सुनिये पायलट की मदद करने वाले ग्रामीणों की जुबानी पायलट की कहानी

गंभीर घायल होने के बावजूद विंग कमांडर मनीष मिश्रा को अपनी चिंता नहीं थी। जो ग्रामीण उनकी मदद कर रहे थे, उनसे सबसे पहले उन्होंने यह पूछा, "जहाज गांव में तो नहीं गिरा।' जबकि वह खुद चलने में असमर्थ थे और मुंह से खून निकल रहा था। मिग-29 सोमवार को आगरा, कागारौल के बघा सोनिगा में हादसे का शिकार हो गया। तेज धमाके के साथ बहादुर सिंह के खेत में जा गिरा। यहां धूं-धूं कर जला गया। हादसे से कुछ सेकेंड पहले ही इस एयरक्राफ्ट काे उड़ा रहे विंग कमांडर इजेक्ट हो गए थे। पैराशूट की मदद से वह झाड़ियों में उतर गए। मगर, इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए। लोगों ने उन्हें हवा में देखा ग्रामीणों ने इस हादसे को लाइव देखा। उन्होंने आसमान में एयरक्राफ्ट में धमाके होते हुए देखा। साथ ही उन्होंने पायलट को पैराशूट के माध्यम से उतर रहे विंग कमांडर को हवा में देखा। आसमान में पायलट काे देख बहुत से ग्रामीण उनकी मदद के लिए पैराशूट उतरने की दिशा में दौड़ लिए। इन्हीं में एक हैं रूप सिंह। सोमवार शाम 4.20 बजे जिस वक्त ये हादसा हुआ वह अपने खेत में काम कर रहे थे। उन्होंने विंग कमांडर को हवा में देखा तो वह पैराशूट उतरने की दिशा में दौड़ लिए। मुंह से निकल रहा था खून उन्होंने बताया कि पैराशूट झाड़ियों में गिरने से पहले ही कुछ लोग वहां पहुंच चुके थे। सभी ने हवा में ही विंग कमांडर को लपके की कोशिश की लेकिन पैराशूट भारी होने के कारण वह झाड़ियों में गिर गए। वह बताते हैं, जब वक्त उन्होंने पायलट काे उतारा, उनके मुंह से खून निकल रहा था। उन्होंने सबसे पहले पूछा, "जहाज गांव में तो नहीं गिरा।' इस पर ग्रामीणों ने बताया कि नहीं, जहाज खेत में गिरा है। इसके बाद विंग कमांडर का सवाल था, मैं कहां हूं। ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि वह आगरा से 25 दूर बघा सोनिगा गांव में हैं। कोई दूसरा साथी नहीं था उनके साथ पायलट की मदद करने आए विक्रम बताते हैं, जब पायलट हवा में थे, तभी हमने आवाज लगाकर उनसे पूछा था कि जहाज में कोई दूसरा साथी तो नहीं है। उन्होंने हवा में ही जवाब दिया था, वह अकेले हैं। कोई दूसरा साथी उनके साथ नहीं है। इतना बताते-बताते वह झाड़ियों में गिर गए। चारपाई पर लिटाया मदद करने वाले ग्रामीण बताते हैं कि पायलट चलने में असमर्थ थे। वह काफी घायल थे। उनके घुटने पर एयरक्राफ्ट को कंट्रोल करने के लिए एक टेबलेट टाइप बंधी हुई थी। ग्रामीणों ने पैराशूट की रस्सी खोली इसके बाद उन्हें चारपाई पर लिटा दिया। विक्रम ही उन्हें अपनी इेको गाड़ी से अकोला स्थित स्वास्थ्य केंद्र पर ले गए थे। जहां से सेना के जवान उन्हें ले गए।

Nov 5, 2024 - 17:35
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मिग-29 के पायलट ने ग्रामीणों से क्या पूछा:दैनिक भास्कर पर सुनिये पायलट की मदद करने वाले ग्रामीणों की जुबानी पायलट की कहानी
गंभीर घायल होने के बावजूद विंग कमांडर मनीष मिश्रा को अपनी चिंता नहीं थी। जो ग्रामीण उनकी मदद कर रहे थे, उनसे सबसे पहले उन्होंने यह पूछा, "जहाज गांव में तो नहीं गिरा।' जबकि वह खुद चलने में असमर्थ थे और मुंह से खून निकल रहा था। मिग-29 सोमवार को आगरा, कागारौल के बघा सोनिगा में हादसे का शिकार हो गया। तेज धमाके के साथ बहादुर सिंह के खेत में जा गिरा। यहां धूं-धूं कर जला गया। हादसे से कुछ सेकेंड पहले ही इस एयरक्राफ्ट काे उड़ा रहे विंग कमांडर इजेक्ट हो गए थे। पैराशूट की मदद से वह झाड़ियों में उतर गए। मगर, इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए। लोगों ने उन्हें हवा में देखा ग्रामीणों ने इस हादसे को लाइव देखा। उन्होंने आसमान में एयरक्राफ्ट में धमाके होते हुए देखा। साथ ही उन्होंने पायलट को पैराशूट के माध्यम से उतर रहे विंग कमांडर को हवा में देखा। आसमान में पायलट काे देख बहुत से ग्रामीण उनकी मदद के लिए पैराशूट उतरने की दिशा में दौड़ लिए। इन्हीं में एक हैं रूप सिंह। सोमवार शाम 4.20 बजे जिस वक्त ये हादसा हुआ वह अपने खेत में काम कर रहे थे। उन्होंने विंग कमांडर को हवा में देखा तो वह पैराशूट उतरने की दिशा में दौड़ लिए। मुंह से निकल रहा था खून उन्होंने बताया कि पैराशूट झाड़ियों में गिरने से पहले ही कुछ लोग वहां पहुंच चुके थे। सभी ने हवा में ही विंग कमांडर को लपके की कोशिश की लेकिन पैराशूट भारी होने के कारण वह झाड़ियों में गिर गए। वह बताते हैं, जब वक्त उन्होंने पायलट काे उतारा, उनके मुंह से खून निकल रहा था। उन्होंने सबसे पहले पूछा, "जहाज गांव में तो नहीं गिरा।' इस पर ग्रामीणों ने बताया कि नहीं, जहाज खेत में गिरा है। इसके बाद विंग कमांडर का सवाल था, मैं कहां हूं। ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि वह आगरा से 25 दूर बघा सोनिगा गांव में हैं। कोई दूसरा साथी नहीं था उनके साथ पायलट की मदद करने आए विक्रम बताते हैं, जब पायलट हवा में थे, तभी हमने आवाज लगाकर उनसे पूछा था कि जहाज में कोई दूसरा साथी तो नहीं है। उन्होंने हवा में ही जवाब दिया था, वह अकेले हैं। कोई दूसरा साथी उनके साथ नहीं है। इतना बताते-बताते वह झाड़ियों में गिर गए। चारपाई पर लिटाया मदद करने वाले ग्रामीण बताते हैं कि पायलट चलने में असमर्थ थे। वह काफी घायल थे। उनके घुटने पर एयरक्राफ्ट को कंट्रोल करने के लिए एक टेबलेट टाइप बंधी हुई थी। ग्रामीणों ने पैराशूट की रस्सी खोली इसके बाद उन्हें चारपाई पर लिटा दिया। विक्रम ही उन्हें अपनी इेको गाड़ी से अकोला स्थित स्वास्थ्य केंद्र पर ले गए थे। जहां से सेना के जवान उन्हें ले गए।

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