मिग-29 हादसा: खाली हुआ खेत, मलबा पहुंचा एयरफोर्स:एक-एक पुर्जा बीन ले गए सेना के जवाब, कैंप भी हटा, मिटे नहीं हादसे के निशान
क्रैश हुए मिग-29 के मलबे को खेत से उठाकर एयरफोर्स परिसर में पहुंचा दिया गया है। सेना के जवान एयरक्राफ्ट का एक-एक पुर्जा बीन ले गए हैं। खेत अब खाली हो गया है। मगर, घटना के निशान अभी मिटे नहीं है। जिस जगह पर मिग-29 क्रैश होकर गिरा था, वहां काले निशान अब भी हैं। भारतीय वायु सेना का लड़ाकू एयरक्राफ्ट मिग-29 4 नवंबर को क्रैश हो गया था। यह एयरक्राफ्ट आगरा, कागारौल के बघा सोनिगा गांव में एक खेत में जा गिरा था। आसमान में ही धमाकों के बाद इसमें आग लग गई थी। जमीन पर आते ही ये धूं-धूं कर जल उठा था। इसका अधिकांश हिस्सा जलकर राख हो गया था। तब से इस एयरक्राफ्ट का मलबा खेत में ही पड़ा था। हादसे की जांच के लिए सेना की कई टीमों ने स्थलीय निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाए थे। स्थलीय जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद सेना ने 10 नवंबर की सुबह से मलबे को उठाना शुरू किया था। एयरक्राफ्ट के कई हिस्सों को कटर से काटना पड़ा था। इसके बाद 4 ट्रकों में लादकर इसके मलबे को एयरफोर्स परिसर में ले जाया गया। कोर्ट आॅफ इन्क्वायरी पूरी होने तक इसके मलबे को सुरक्षित रखा जाएगा। गांव के ही रूप सिंह ने बताया कि सेना के जवान 2-3 दिन तक मलबे को एयरफोर्स में शिफ्ट करने में जुटे रहे। उन्होंने जो यहां कैंप लगाया था, उसे हटा लिया गया है। खेत में ही बनती थी चाय एयरक्राफ्ट की सुरक्षा में तैनात सेना के जवानों के लिए खेत में लगाए गए कैंप में ही चाय बनती थी। इन सभी के लिए खाना एयरफोर्स की गाड़ी लेकर आती थी। मगर, जरूरत पड़ने पर चाय-कॉफी यहीं बनाते थे। पायलट की बची जान मिग-29 को उड़ा रहे विंग कमांडर मनीष मिश्रा क्रैश होते ही इजेक्ट होकर पैराशूट की मदद से कूद गए थे। वे हादसे से कुछ देर जाकर गिरे। ग्रामीणों ने उनकी मदद की। पैराशूट झांडियों में उलझ जाने के कारण उनके चोट लगी थी। वे सुरक्षित हैं।
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