मुख्य सचिव की अध्यक्षता में व्यय समिति की बैठक - विकास कार्यों को मिली मंजूरी
देहरादून। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा विभिन्न परियोजनाओं और विकास कार्यों से संबंधित प्रस्तावों का प्रेजेंटेशन दिया गया। जिस पर समिति द्वारा वित्तीय अनुमोदन प्रदान किया गया। जनपद पौड़ी गढ़वाल के विकासखंड पौड़ी के अंतर्गत है गणियागांव पट्टी गंगवाडस्युँ एवं ग्राम देवार पट्टी सीतोनस्यूं में एनसीसी अकादमी के निर्माण कार्य के लिए 7598.07 […]

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में व्यय समिति की बैठक
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Written by Aisha Verma, Priya Mishra, and Seema Yadav, Team India Twoday
महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन
कम शब्दों में कहें तो, देहरादून में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में व्यय समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने विभिन्न विकास परियोजनाओं और कार्यों से संबंधित प्रस्ताव पेश किए, जिन पर समिति ने वित्तीय अनुमोदन प्रदान किया। यह निर्णय जनपद पौड़ी गढ़वाल के विकासखंड पौड़ी समेत अन्य क्षेत्रों में विकास क्रियाकलापों को गति देने में सहायक होगा।
वित्तीय अनुमोदन के प्रमुख बिंदु
इस बैठक में विशेष रूप से गणियागांव पट्टी गंगवाडस्युँ और ग्राम देवार पट्टी सीतोनस्यूं में एनसीसी अकादमी के निर्माण हेतु 7598.07 लाख रुपये की मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त, टिहरी गढ़वाल के नरेंद्रनगर विधानसभा में राम झूला सेतु के स्थापित कार्यों के लिए 1097.72 लाख रुपये का भी स्वीकृति दी गई। ऐसे वित्तीय निर्णय सरकार के विकास कार्यों के प्रति गंभीरता और प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
जनहित के आवास निर्माण
बैठक में देहरादून पुलिस लाइन रेस कोर्स में टाइप-2 (ब्लॉक A) के 120 आवासों के निर्माण हेतु 5253.75 लाख रुपये की अनुमोदित राशि शामिल है। इसके अलावा, टाइप-2 (ब्लॉक B) और टाइप-2 (ब्लॉक C) के लिए क्रमशः 5207.47 और 5214.91 लाख रुपये की स्वीकृति भी प्रदान की गई। यह सभी आवासीय योजनाएं लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई हैं।
जिला कारागार संबंधी विकास योजनाएँ
हरिद्वार में जिला कारागार के द्वितीय चरण में टाइप-थर्ड के 5 और टाइम सेकंड के 50 आवासों के निर्माण के लिए 2125.72 लाख रुपये की धनराशि का अनुमोदन हुआ। इसके अलावा, जिला कारागार देहरादून में द्वितीय चरण के 60 आवासों के निर्माण हेतु 2165.33 लाख रुपये का भी वित्तीय अनुमोदन प्राप्त हुआ। इन योजनाओं से जेल प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाए जाने की उम्मीद है।
निर्माण कार्यों की त्वरित शुरुआत
मुख्य सचिव ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी मंजूर हुए प्रस्तावों के निर्माण कार्यों में वित्तीय अनुशासन की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही, कार्यों को शीघ्रता के साथ शुरू किया जाना चाहिए और निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। इसका मुख्य उद्देश्य विकास कार्यों को समय पर पूरा करना एवं वित्तीय अनुशासन को बनाए रखना है।
उपस्थित अधिकारी
बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, डॉ. श्रीधर बाबू आद्यंकी, और पुलिस महानिरीक्षक विम्मी सचदेवा आदि उपस्थित थे। इन अधिकारियों ने योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सलाह और समर्थन प्रदान किया।
समर्पण और विकास की दिशा में
व्यय समिति की बैठक ने यह संज्ञान दिलाया है कि प्रशासन विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए पूरी संभावना से काम कर रहा है। छोटी से लेकर बड़ी परियोजनाओं के स्वीकृत होने की प्रक्रिया यह दर्शाती है कि सरकार अपने दायित्वों के प्रति गंभीर है। ऐसे निर्णय राज्य की भलाई और समग्र विकास के लिए आवश्यक हैं।
निष्कर्ष
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित यह बैठक न केवल वित्तीय अनुमोदन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राज्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी है। प्रमुख परियोजनाओं को स्वीकृति देकर, सरकार ने विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता एक बार फिर साबित की है।
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