मेरठ और वेस्ट यूपी में आज भी वकीलों की हड़ताल:9 दिन से न्यायालयों में नहीं हो पा रहा कार्य, लाखों केस की सुनवाई प्रभावित

मेरठ और वेस्ट यूपी में बुधवार को 10वें दिन भी वकीलों की हड़ताल रहेगी। चार नवंबर से वकील न्यायिक कार्य नहीं कर रहे हैं। वकीलों की हड़ताल के कारण वेस्ट यूपी के जिलों की अदालतों में लाखों केस की सुनवाई प्रभावित हुई है। मेरठ बार एसोसिएशन एवं जिला बार एसोसिएशन की संयुक्त बैठक मंगलवार को मेरठ बार एसोसिएशन के पंडित नानचंद सभागार में दोपहर 3:30 बजे हुई। बैठक की अध्यक्षता मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहिताश्व कुमार अग्रवाल एवं जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र कुमार सिंह एवं संचालन मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री अमित कुमार दीक्षित और पूर्व महामंत्री विमल कुमार तोमर ने किया। बैठक में गाजियाबाद में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के मामले में सर्वसम्मति से 13 नवंबर को भी न्यायिक कार्यों से विरत रहने का प्रस्ताव पारित किया। मंगलवार शाम को बैठक के बाद लिया गया निर्णय चार अक्टूबर से शुरू हुई थी हड़ताल गाजियाबाद कोर्ट रूम में 29 अक्टूबर को वकीलों और जिला जज के बीच बहस के बाद कहासुनी हो गई थी। हंगामा हो गया था। पुलिस ने कोर्ट रूम में वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया था। जिला जज को पुलिस अधिकारी वकीलों के बीच से निकालकर ले गए थे। वकील इस मामले में जिला जज और पुलिस अधिकारियों के तबादले की मांग कर रहे हैं। चार नवंबर से वेस्ट यूपी की सभी अदालतों में वकील न्यायिक कार्य नहीं कर रहे हैं। ये हैं वकीलों की मांगे गाजियाबाद में वकीलों पर लाठीचार्ज को लेकर गुरुवार को केन्द्रीय संघर्ष समिति की बैठक मेरठ में पंडित नानक चन्द सभागार की लाइब्रेरी में हुई। इस बैठक में 8 प्रस्ताव पास किए गए थे। निर्णय लिया गया कि यदि उनके प्रस्ताव 21 नवंबर तक नहीं माने जाते हैं तो 22 नवंबर को केन्द्रीय संघर्ष समिति की बैठक में सख्त निर्णय लिए जाएंगे। आठ प्रस्तावों में लाठीचार्ज मामले में जल्द से जल्द न्यायिक जांच कराने की मांग की गई। लाठीचार्ज प्रकरण के संबंध में उच्च न्यायालय में शीघ्र अवमानना याचिका दायर की जाए। जिला जज का तबादला 21 नवम्बर तक दूसरे जिले में हो। लाठीचार्ज प्रकरण में शामिल पुलिस कर्मियों के विरूद्ध मुकदमे दर्ज किए जाएं। घायल अधिवक्ताओं को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। वकीलों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं।

Nov 13, 2024 - 01:10
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मेरठ और वेस्ट यूपी में आज भी वकीलों की हड़ताल:9 दिन से न्यायालयों में नहीं हो पा रहा कार्य, लाखों केस की सुनवाई प्रभावित
मेरठ और वेस्ट यूपी में बुधवार को 10वें दिन भी वकीलों की हड़ताल रहेगी। चार नवंबर से वकील न्यायिक कार्य नहीं कर रहे हैं। वकीलों की हड़ताल के कारण वेस्ट यूपी के जिलों की अदालतों में लाखों केस की सुनवाई प्रभावित हुई है। मेरठ बार एसोसिएशन एवं जिला बार एसोसिएशन की संयुक्त बैठक मंगलवार को मेरठ बार एसोसिएशन के पंडित नानचंद सभागार में दोपहर 3:30 बजे हुई। बैठक की अध्यक्षता मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहिताश्व कुमार अग्रवाल एवं जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र कुमार सिंह एवं संचालन मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री अमित कुमार दीक्षित और पूर्व महामंत्री विमल कुमार तोमर ने किया। बैठक में गाजियाबाद में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के मामले में सर्वसम्मति से 13 नवंबर को भी न्यायिक कार्यों से विरत रहने का प्रस्ताव पारित किया। मंगलवार शाम को बैठक के बाद लिया गया निर्णय चार अक्टूबर से शुरू हुई थी हड़ताल गाजियाबाद कोर्ट रूम में 29 अक्टूबर को वकीलों और जिला जज के बीच बहस के बाद कहासुनी हो गई थी। हंगामा हो गया था। पुलिस ने कोर्ट रूम में वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया था। जिला जज को पुलिस अधिकारी वकीलों के बीच से निकालकर ले गए थे। वकील इस मामले में जिला जज और पुलिस अधिकारियों के तबादले की मांग कर रहे हैं। चार नवंबर से वेस्ट यूपी की सभी अदालतों में वकील न्यायिक कार्य नहीं कर रहे हैं। ये हैं वकीलों की मांगे गाजियाबाद में वकीलों पर लाठीचार्ज को लेकर गुरुवार को केन्द्रीय संघर्ष समिति की बैठक मेरठ में पंडित नानक चन्द सभागार की लाइब्रेरी में हुई। इस बैठक में 8 प्रस्ताव पास किए गए थे। निर्णय लिया गया कि यदि उनके प्रस्ताव 21 नवंबर तक नहीं माने जाते हैं तो 22 नवंबर को केन्द्रीय संघर्ष समिति की बैठक में सख्त निर्णय लिए जाएंगे। आठ प्रस्तावों में लाठीचार्ज मामले में जल्द से जल्द न्यायिक जांच कराने की मांग की गई। लाठीचार्ज प्रकरण के संबंध में उच्च न्यायालय में शीघ्र अवमानना याचिका दायर की जाए। जिला जज का तबादला 21 नवम्बर तक दूसरे जिले में हो। लाठीचार्ज प्रकरण में शामिल पुलिस कर्मियों के विरूद्ध मुकदमे दर्ज किए जाएं। घायल अधिवक्ताओं को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। वकीलों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं।

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