मेरठ समेत वेस्ट यूपी में आज भी वकीलों की हड़ताल:गाजियाबाद में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज का कर रहे विरोध, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मेरठ समेत वेस्ट यूपी के सभी जिलों में आज भी वकील हड़ताल पर रहेंगे। मेरठ में इसको लेकर दोनों बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की रविवार शाम को मीटिंग हुई। जिसमें साफ कर दिया गया कि दोनों बार के पदाधिकारियों के बीच किसी तरह का मतभेद नहीं है। अधिवक्ता 29 अक्टूबर को गाजियाबाद में वकीलों पर लाठीचार्ज के मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहिताश अग्रवाल ने बताया- गाजियाबाद में हुई घटना को लेकर मेरठ बार और जिला बार के अध्यक्ष, महामंत्री व पूर्व अध्यक्ष और महामंत्री की मीटिंग हुई। जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 11 नवंबर सोमवार को मेरठ बार एसोसिएशन एवं जिला बार एसोसिएशन के समस्त अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। रोहिताश अग्रवाल ने बताया- मेरठ बार एसोसिएशन एवं जिला बार एसोसिएशन में किसी प्रकार का मतभेद नहीं है। दोनों बार के पदाधिकारी अन्य जिलों के पदाधिकारियों से बात करके आगे की रणनीति बनाएंगे। बैठक में मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारी रहे शामिल बैठक में मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहिताश्व अग्रवाल, महामंत्री अमित दीक्षित, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र कुमार, सिंह पूर्व अध्यक्ष एमपी शर्मा, सतीश चंद्र गुप्ता, अजय त्यागी, गजेंद्र सिंह धामा, मिसबाहुद्दीन सिद्दीकी, अनिल तोमर और पूर्व महामंत्री मुकेश त्यागी मौजूद रहे। 21 नवंबर तक 8 प्रस्तावों को पूरा करने की है मांग गाजियाबाद में वकीलों पर लाठीचार्ज को लेकर गुरुवार को केन्द्रीय संघर्ष समिति की बैठक मेरठ में पंडित नानक चन्द सभागार की लाइब्रेरी में हुई। इस बैठक में 8 प्रस्ताव पास किए गए थे। निर्णय लिया गया कि यदि उनके प्रस्ताव 21 नवंबर तक नहीं माने जाते हैं तो 22 नवंबर को केन्द्रीय संघर्ष समिति की बैठक में सख्त निर्णय लिए जाएंगे। आठ प्रस्तावों में लाठीचार्ज मामले में जल्द से जल्द न्यायिक जांच कराने की मांग की गई। लाठीचार्ज प्रकरण के संबंध में उच्च न्यायालय में शीघ्र अवमानना याचिका दायर की जाए। जिला जज का तबादला 21 नवम्बर तक दूसरे जिले में हो।लाठीचार्ज प्रकरण में शामिल पुलिस कर्मियों के विरूद्ध मुकदमे दर्ज किए जाएं। घायल अधिवक्ताओं को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। वकीलों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। ये है प्रकरण गाजियाबाद कोर्ट रूम में 29 अक्टूबर को वकीलों और जिला जज के बीच बहस के बाद कहासुनी हो गई थी। हंगामा हो गया था। पुलिस ने कोर्ट रूम में वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया था। जिला जज को पुलिस अधिकारी वकीलों के बीच से निकालकर ले गए थे। वकील इस मामले में जिला जज और पुलिस अधिकारियों के तबादले की मांग कर रहे हैं।
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